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काशी ने विगत 11 वर्षों में बदलती हुई काशी को देखा : मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश

लखनऊ : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी आज जनपद, वाराणसी में आयोजित एक कार्यक्रम में लगभग 3,900 करोड़ रुपये की 44 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल जी तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी भी सम्मिलित हुए।
आज यहां लोकार्पित इन परियोजनाओं में 1,046 करोड़़ रुपये की लागत से साहूपुरी, जनपद चंदौली में 400 के0वी0, मछलीशहर, जनपद जौनपुर में 400 के0वी0 एवं भदौरा, जनपद गाजीपुर में 200 के0वी0 सब स्टेशन एवं सम्बन्धित ट्रांसमिशन लाइन शामिल है। साथ ही, 653 करोड़ रुपये की लागत से लाल बहादुर शास्त्री अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट एन0एच0-31 पर अण्डरपास टनल का शिलान्यास तथा 584 करोड़ रुपये की लागत से वाराणसी में विद्युत तंत्र प्रणाली का उन्नयन एवं आधुनिकीकरण परियोजना का शिलान्यास प्रमुख रूप से शामिल है।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जी ने 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान वय वंदना कार्ड का वितरण किया तथा नए पंजीकृत स्थानीय वस्तुओं और उत्पादों का जी0आई0 प्रमाण पत्र प्रदान किये। उन्होंने बनास डेयरी से जुड़े उत्तर प्रदेश के दुग्ध आपूर्तिकर्ताओं के खातों में 106 करोड़़ रुपये बोनस की धनराशि भी हस्तांतरित की। इस दौरान गुजरात विधान सभा के अध्यक्ष व बनास डेयरी के चेयरमैन श्री शंकरभाई चौधरी भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री जी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि कल हनुमान जन्मोत्सव का पावन दिन है। आज उन्हें संकट मोचन महाराज की काशी में आपके दर्शन का सौभाग्य मिला है। हनुमान जन्मोत्सव से पहले, काशी की जनता आज विकास का उत्सव मनाने यहां इकट्ठी हुई है। विगत 10 वर्षों में बनारस के विकास ने एक नई गति पकड़ी है। काशी ने आधुनिक समय को साधा है, विरासत को संजोया है और उज्ज्वल बनाने की दिशा में मजबूत कदम भी रखे हैं। आज काशी, सिर्फ पुरातन नहीं, प्रगतिशील भी है। काशी अब पूर्वांचल के आर्थिक नक्शे के केंद्र में है। जिस काशी को स्वयं महादेव संचालित करते हैं, आज वही काशी पूर्वांचल के विकास के रथ को खींच रही है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि आज काशी और पूर्वांचल के अनेक हिस्सों से जुड़ी विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। कनेक्टिविटी को मजबूती प्रदान करने वाले विभिन्न इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, गांव-गांव, घर-घर तक नल से जल पहुंचाने का अभियान, शिक्षा, स्वास्थ्य और खेल सुविधाओं का विस्तार और हर क्षेत्र, हर परिवार, हर युवा को बेहतर सुविधाएं देने का संकल्प यह सारी बातें और परियोजनाएं, पूर्वांचल को विकसित पूर्वांचल बनाने की दिशा में मील का पत्थर बनने वाली हैं। काशी के हर निवासी को इन परियोजनाओं से भरपूर लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि आज सामाजिक चेतना के प्रतीक महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती भी है। महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले जी ने जीवन भर, नारी शक्ति के हित, उनके आत्मविश्वास और समाज कल्याण के लिए काम किया। आज हम उनके विचारों, संकल्पों, नारी सशक्तिकरण के उनके आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए नई ऊर्जा दे रहे हैं। महात्मा फुले जैसे त्यागी, तपस्वी, महापुरुषों की प्रेरणा से ही देश सेवा का हमारा मंत्र रहा है, सबका साथ, सबका विकास। हम देश के लिए उस विचार को लेकर के चलते हैं, जिसका समर्पित भाव है, सबका साथ, सबका विकास। जो लोग सिर्फ सत्ता हथियाने के लिए, सत्ता पाने के लिए, दिन रात खेल खेलते रहते हैं, उनका सिद्धांत है, परिवार का साथ, परिवार का विकास।
प्रधानमंत्री जी ने आज सबका साथ, सबका विकास के मंत्र को साकार करने की दिशा में पूर्वांचल के पशुपालक परिवारों, विशेष रूप से मेहनतकश बहनों को बधाई देते हुए कहा कि इन बहनों ने बता दिया है कि अगर भरोसा किया जाए, तो वह भरोसा नया इतिहास रच देता है। ये बहनें अब पूरे पूर्वांचल के लिए नई मिसाल बन चुकी हैं। आज इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के बनास डेयरी प्लाण्ट से जुड़े सभी पशुपालक साथियों को बोनस वितरित किया गया है। बनारस और बोनस, ये कोई उपहार नहीं है, यह आपकी तपस्या का पुरस्कार है। 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का यह बोनस, आपके परिश्रम का तोहफा है।
बनास डेयरी ने काशी में हजारों परिवारों की तस्वीर और तक़दीर दोनों बदल दी है। इस डेयरी ने आपकी मेहनत को इनाम में बदला और सपनों को नई उड़ान दी। इन प्रयासों से, पूर्वांचल की अनेकों बहनें अब लखपति दीदी बन गई हैं। जहाँ पहले गुज़ारे की चिंता थी, वहाँ अब खुशहाली की तरफ कदम बढ़ रहे हैं। यह तरक्की बनारस सहित उत्तर प्रदेश के साथ पूरे देश में दिखाई दे रही है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। विगत 10 वर्षां में दूध के उत्पादन में करीब 65 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह डबल से भी ज्यादा है। यह सफलता आप जैसे देश के करोड़ों किसानों की तथा पशुपालक भाइयों और बहनों की है। यह सफलता एक दिन में नहीं मिली है, विगत 10 वर्षां से हम देश के डेयरी सेक्टर को मिशन मोड में आगे बढ़ा रहे हैं।

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