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यह भारतीय उद्योग के लिए मिल-जुलकर कार्य करने और समान अवसर सुनिश्चित करने का समय है: श्री गोयल

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज पहले पांच-दिवसीय वर्चुअल एफएमसीजी आपूर्ति श्रृंखला एक्सपो, 2020 का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर श्री गोयल ने कहा कि हमें कोविड -19 महामारी के बाद की वास्तविकता को स्वीकार करना होगा। दुनिया बदल गई है। इस कोविड अनुभव से दुनिया ने बहुत कुछ सीखा है और कई चीज़ों का परित्याग भी किया है। उन्होंने कहा, “हम स्वच्छ तरीके से जीना सीखेंगे और दक्षता के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करेंगे। हम अपनी व्यावसायिक गतिविधियों में अधिक विवेकशील, सावधान और सचेत रहना सीखेंगे।“ श्री गोयल ने कहा कि नए युग की सभी नई चीजें हमें भारत के भविष्य को फिर से परिभाषित करने और हमें जिम्मेदार नागरिक बनने में मदद करेंगी, हम समाज के कमजोर तबके के लोगों की देखभाल करेंगे।

घरेलू उद्योग का समर्थन करने और आयात में कमी लाने का प्रयास करने के लिए कुछ लोगों द्वारा की जा रही आलोचना का खंडन करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि हम अपने उद्योगों की रक्षा करना चाहते हैं ताकि उन्हें समान अवसर और उचित पहुंच प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के साथ समान, निष्पक्ष और पारस्परिक व्यापार चाहता है। हम कई देशों और क्षेत्रों के साथ संतुलित व्यापार की ओर बढ़ रहे हैं। यह भी एक कारण है कि भारत ने आरसीईपी में शामिल नहीं होने का विकल्प चुना क्योंकि यह पूरी तरह से असमान व्यवस्था थी। देशों को, चरणबद्ध तरीके से, उत्पादों के लिए भारत को स्रोत (सोर्सिंग) के रूप में देखना चाहिए, भारत में अपने उत्पादों को विकसित करना चाहिए और 1.3 बिलियन भारतीय लोगों द्वारा पेश किये जा रहे बड़े व्यापार के अवसर का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में निवेश करने वालों को सिर्फ़ तैयार किटों को जोड़ने या आयात शुल्क रियायतें प्राप्त करने पर ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि उन्हें नवीन प्रौद्योगिकियों व सर्वोत्तम प्रथाओं को लाना चाहिए और उत्पादों का मूल्यवर्धन करना चाहिए।

श्री गोयल ने कहा कि हमारे उद्योग अधिक प्रतिस्पर्धी बनने और समान और उचित शर्तों पर दुनिया के साथ जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उद्योग जगत के इस प्रयास में हमारी सरकार कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। महात्मा गांधी को उद्धृत करते हुए, श्री गोयल ने कहा, “जब हम दुनिया के साथ समान और पारस्परिक व्यापार की मांग करते हैं, तो हमें सबसे गरीब और सबसे कमजोर आदमी का चेहरा याद करना होगा, जिसे हमने देखा हो और खुद से पूछना होगा कि क्या हम जो कदम उठाने जा रहे हैं उससे उस व्यक्ति का कुछ भी भला होगा।” प्रधानमन्त्री श्री मोदी ने पिछले 6 वर्षों में समाज के वंचित वर्गों पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। उनकी सभी सामाजिक कल्याण परियोजनाएं भारत के सबसे कमजोर और गरीब लोगों के लिए हैं।

श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले 6 वर्षों में, समाज के वंचित वर्गों के बेहतर जीवन स्तर के लिए किये जाने वाले प्रयासों पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। 11 करोड़ शौचालयों का निर्माण और देश के कोने-कोने में ब्रॉडबैंड और अन्य कल्याणकारी सुधार के उपाय – इन्हें सामूहिक रूप से तस्वीर बदलने वाला (गेम-चेंजर) कहा जा सकता है। इसने राष्ट्रीय परिदृश्य को पूरी तरह से बदल दिया है और दुनिया की सबसे खतरनाक महामारी से लड़ने के लिए भारत को तैयार किया है। प्रधानमंत्री के प्रेरणादायक नेतृत्व औए उद्योग संघों के मजबूत इनपुट से देश में बड़े पैमाने पर किए गए प्रयासों के कारण महामारी से लड़ने में मदद मिली है। यह पहली बार है जब देश, दुनिया के सबसे सख्त लॉकडाउन को लागू कर लोगों को उनके घरों में रखने और देश के हरेक हिस्से में हर नागरिक को भोजन और अन्य बुनियादी आवश्यकताओं को उपलब्ध कराने में सक्षम हुआ है। रेलवे और खाद्य और वितरण विभाग ने लोगों को भोजन, उर्वरक, दूध और अन्य आवश्यकताएं सुनिश्चित करने के लिए लॉकडाउन के दौरान सामूहिक रूप से अथक प्रयास किये।

श्री गोयल ने कहा कि फिक्की इंडिया की यह पहल स्वदेशी रूप से निर्मित प्लेटफार्म पर आयोजित की जा रही है, जो सही मायने में आत्मनिर्भर भारत का एक उदहारण है। उन्होंने आगे कहा कि महामारी द्वारा लाए गए बदलाव से बहुत सारी सकारात्मक चीज़ें आयेंगी, जो हमें देश के सुदूर क्षेत्रों का विकास करने में मदद करेंगी और इसमें देश भर के लोग शामिल होंगे, क्योंकि जब हम प्रौद्योगिकी को अपनाते हैं तो हम वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का एक विश्वसनीय हिस्सा बन जाते हैं। श्री गोयल ने कहा, “जब हम परिवर्तन को अपनाते हैं, तो हम मानव जाति के विकास और बेहतरी को आगे ले जा सकते हैं। हम जो काम कर रहे हैं, वह स्थानीय और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारत की स्थिति को नए तरीके से स्थापित करने में हमारी मदद करेगा।“ श्री गोयल ने दोहराया कि भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का हिस्सा हो सकता है, लाखों लोगों को रोज़गार के अवसर प्रदान कर सकता है और दुनिया के साथ हमारे बढ़ते पारस्परिक सम्बन्ध का हिस्सा बनने के लिए लोगों को सक्षम बना सकता है।

श्री गोयल ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से पुनरुद्धार की राह पर है, जैसा कि विभिन्न संकेतकों द्वारा देखा जा सकता है। रेल में माल ढुलाई और बिजली की खपत पिछले साल के स्तर पर पहुंच गई है, इस साल जुलाई में निर्यात पिछले साल के स्तर का 91 प्रतिशत है और आयात भी लगभग 79 प्रतिशत है।

 श्री गोयल ने भारतीय उद्योग को एक साथ आगे बढ़ने, एक दूसरे का समर्थन करने तथा समृद्ध भारत की दिशा में और आने वाली पीढ़ियों के बेहतर भविष्य हेतु काम करने के लिए आमंत्रित किया।

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