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लोक कलाओं को संरक्षित एवं संवर्धित करने हेतु लोक कलाकारों को प्रोत्साहित करना जरूरी- जयवीर सिंह

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: संस्कृति विभाग उ0प्र0 के अधीन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रस्तुतीकरण हेतु कलाकारों को अनुबंधित किये जाने के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। इस संबंध में प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम की ओर से 09 मई, 2023 को आवश्यक शासनादेश जारी करा दिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न प्रकार की लोक कलाओं को संरक्षित एवं संवर्धित करते हुए कलाकारों को रोजगार के अवसर भी प्रदान करना है।
यह जानकारी प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री जयवीर सिंह ने आज यहां देते हुए बताया कि उ0प्र0 संस्कृति विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार की लोक कलाओं को संरक्षित किया जाता है। जिससे भावी पीढ़ी इन लोक विरासत से परिचित हो सके। इन लोक कलाओं का प्रदर्शन विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कराकर प्रदेश स्तर पर कराया जाता है। इन लोक कलाओं में शास्त्रीय गायन, शास्त्रीय वादन, लोक गायन, लोक नृत्य, नाटक, रामलीला, नौटंकी के कलाकरों को अपनी प्रस्तुतियां देने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
श्री जयवीर सिंह ने बताया कि इन कलाकारों की विभिन्न श्रेणियों के अनुसार संस्कृति विभाग की कलाकार ई-डायरेक्ट्री में पंजीकृत किया जाता है। इसके संबंध में विस्तार से जानकारी विभाग की वेबसाइट से प्राप्त की जा सकती है। यदि कोई कलाकार ई-डायरेक्ट्री में पंजीकृत नहीं है तो पंजीकरण के उपरान्त ही उसे कार्यक्रम हेतु अनुबंधित कराये जाने की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही पंजीकृत कलाकारों को प्राथमिकता देते हुए आमंत्रित कर अनुबंधित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि विगत 27 दिसम्बर, 2022 को संस्कृति निदेशालय द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने वाले कलाकरों को देय मानदेय एवं अन्य सुविधाओं के संबंध मंे विस्तार से दिशा-निर्देश जारी किये गये थे। इस शासनादेश के अनुसार ही प्रदेश में होने वाले कार्यक्रमों हेतु कलाकारों को मानदेय एवं अन्य सुविधायें प्रदान की जाए। इसके अलावा शासनादेश में भी निर्देश दिये गये हैं कि वालपेटिंग, म्यूरल्स, स्कल्पचर्स, फ्रेस्को मूर्ति निर्माण आदि से संबंधित कार्यों को उ0प्र0 संस्कृति विभाग के अधीन कार्यरत संस्थाओं में पंजीकृत कलाकारों के माध्यम से कराये जाने का प्रयास किया जाए ताकि स्थानीय कलाकारों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सके।
पर्यटन मंत्री ने यह भी बताया कि उ0प्र0 राज्य ललित कला अकादमी के कलाकारों द्वारा बनाई गयी पेटिंग को कार्यालय के व्यय मद से क्रय किया जा सकता है। यह कलाकृतियां प्रदेश की संस्कृति प्रदर्शित करने के साथ ही कम मूल्य पर विक्रय हेतु उपलब्ध हैं। पूर्व में प्रदेश के कतिपय मेलों, त्योहारों आदि के अवसर पर जनता अथवा विशिष्ट व्यक्तियों के अनुरोध पर विभिन्न स्वशैक्षिक संस्थाओं/विभागों, जिला प्रशासन द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाने की मांग पर संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित किये जाने का प्राविधान है। इस तरह के समस्त प्रस्तावों को जिलाधिकारी/अध्यक्ष जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के माध्यम से निदेशक संस्कृति निदेशालय को प्रस्तुत किये जाए।

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