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योग को अपनी दिनचर्या में करें शामिल- डॉ० दयाशंकर मिश्र दयालु

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन (एम ओ एस) डॉ० दयाशंकर मिश्र ष्दयालुष् ने आज राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय लखनऊ के ऑडिटोरियम में दीप प्रज्वलित कर 11 वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के तहत ष्योग सप्ताहष् का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से 11 वर्ष पूर्व भारत के विरासत, सनातन विद्या योग को जन-जन का हिस्सा बनाया गया। प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से 21 जून 2014 को यू एन ने विश्व योग दिवस  द्वारा घोषित किया।
श्री दयालु ने कहा कि भारत न केवल विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है,बल्कि साथ ही साथ अपनी सांस्कृतिक विरासत को भी बेहतर ढंग से सहेज रहा है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद की जड़ें वेदों से निकलती हैं, और आयुर्वेद में हर रोग का उपचार बिना किसी साइड इफेक्ट के किया जा सकता है। अष्टांग योग के प्रणेता महर्षि पतंजलि एवं उनके गुरु पाणिनि की जन्मस्थली उत्तर प्रदेश हैं। आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है एवं योग के माध्यम से अपने को स्वस्थ रख रहा है।
श्री दयालु ने कहा कि आज विश्व के 177 से अधिक देशों में योग का आयोजन प्रतिवर्ष किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि खेलों के बाद योग ही ऐसी विधा है जिससे इतनी अधिक संख्या में देश एक दिन एक साथ एक मंच पर उपस्थित होते हैं। गत वर्ष एक करोड़ से अधिक लोगों ने 21 जून को योग का अभ्यास किया था। इस वर्ष नया प्रति मान स्थापित किया जाएगा। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि स्वयं को योग से तो जोड़ें ही, साथ ही साथ परिवार, गांव, मोहल्ला को भी योग से जोड़ने के लिए प्रयास करें। योग को केवल एक दिन का कार्य न समझ कर इसे अपने दिनचर्या में शामिल करने का भी आग्रह उन्होंने किया।
श्री दयालु ने कहा कि स्कूलों, महाविद्यालयों ,ग्राम पंचायतों अमृत सरोवरों के किनारे और अस्पताल परिसर सब जगह योग का अभ्यास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य के लिए योग का थीम रखा गया है। सभी योग करंे, सबको प्रेरित करने के लिए ही प्रतिवर्ष थीम रखी जाती है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश श्री मनोज कुमार सिंह ने कहा कि योग को आज से 11 वर्ष पूर्व अपने दिनचर्या में शामिल करने के लिए 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में घोषित किया गया था। विश्व को योग भारतीय संस्कृति का एक अमूल योगदान है, इससे बड़ा योगदान और नहीं हो सकता।योग हमारे शरीर हमारे मन एवं हमारी आत्मा तीनों को सक्रिय करता है। आज विश्व में भिन्न-भिन्न प्रकार की बीमारियां लोगों के सम्मुख आ रही हैं। डायबिटीज, हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों से आज हर तीसरा- चौथा व्यक्ति ग्रसित है। डायबिटीज़ एवं हाइपरटेंशन का निदान योग से संभव है। उन्होंने कहा कि आदमी और नेचर के बीच में योग एक बेहतरीन कनेक्टर की भूमिका अदा करता है।
प्रमुख सचिव आयुष एवं एफएसडीए रंजन कुमार ने कहा के योग हमारी सांस्कृतिक धरोहर है जो पूरे विश्व को एक मंच पर आने का अवसर भी प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि आज से एक सप्ताह योग का आयोजन किया जा रहा है। वैसे 1 जून से राजभवन में प्रतिदिन योगाभ्यास किया जा रहा है,जो 20 जून तक चलेगा। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत से लेकर स्कूलों- कॉलेजों, अमृत सरोवरों सभी जगह योग योगाभ्यास के लिए निर्देश दिए जा चुके हैं। इस वर्ष गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष योग का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मास्टर ट्रेनिंग की मदद से प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जा रही है, जिससे कि अधिक से अधिक लोगों को योग से जोड़ा जा सके।
कार्यक्रम का समापन महानिदेशक आयुष श्री मानवेंद्र कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत में वाइ ब्रेक प्रोटोकॉल का अभ्यास भी कराया गया। वाई ब्रेक प्रोटोकॉल एक 5 मिनट का योग कार्यक्रम है जिसे कर्मचारियो को उनके कार्य दिवस के दौरान तनाव मुक्त, तरोताजा और पुनः ध्यान केंद्रित करने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है। प्रोटोकॉल में ताड़ासन, ऊर्ध्व हस्तोत्तानासन, प्रसारित पदोत्तानासन नाड़ी शोधन अनुलोम-विलोम इत्यादि सरल लेकिन प्रभावी योग अभ्यास शामिल है। इससे शारीरिक क्षमता एवं ऊर्जा में एवं कार्यस्थल पर कार्यकुशलता में वृद्धि होती है।

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