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केरल के बाढ़ पीड़ितों के लिए इमरान ख़ान ने की मदद की पेशकश

देश-विदेश

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने अपने देश के लोगों की तरफ़ से केरल के बाढ़ पीड़ितों की मदद की पेशकश की है. उन्होंने इस बाबत ट्वीट किया है. इमरान ने अपने ट्वीट में कहा है, “पाकिस्तान के लोगों की ओर से हम अपनी प्रार्थना और दुआएं केरल के बाढ़ पीड़ित लोगों के लिए कर रहे हैं, जो तबाह हो चुके हैं. हम ज़रूरत पड़ने पर किसी भी मानवीय सहायता के लिए तैयार हैं.”

हाल ही में इमरान ख़ान पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री बने हैं. उनके शपथ ग्रहण समारोह में भारतीय क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू शामिल हुए थे, जिसको लेकर सिद्धू की हो रही आलोचना को इमरान ने ग़लत ठहराया था. उन्होंने तब कहा था, “भारत में जो लोग सिद्धू को टारगेट कर रहे हैं, वे उपमहाद्वीप में शांति को नुक़सान पहुँचा रहे हैं. शांति के बिना हमारे लोग प्रगति नहीं कर सकते.”

पाकिस्तान से पहले संयुक्त अरब अमीरात ने केरल के बाढ़ पीड़ितों के लिए 700 करोड़ रुपए की सहायता राशि की पेशकश की थी, जिसे केंद्र सरकार ने क़बूल नहीं किया था.

केरल सरकार ने केंद्र सरकार से कहा है कि या तो वो संयुक्त अरब अमीरात की दी गई 700 करोड़ की सहायता राशि स्वीकार करे या फिर ख़ुद राज्य को उतने पैसे दे.

राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएई द्वारा 700 करोड़ रुपए की पेशकश का स्वागत किया था. देशों का एक-दूसरे की मदद करना स्वाभाविक है. वैसे भी, मई 2016 में केंद्र सरकार द्वारा लाई गई राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन योजना में साफ़ कहा गया है कि अगर कोई अपनी मर्ज़ी से मदद का प्रस्ताव दे रहा है, तो इसे स्वीकार किया जा सकता है.”

भारत का इनकार

भारत ने यह सहायता राशि लेने से यह कहकर इनकार कर दिया था कि वह घरेलू स्तर पर इस आपदा से निबट लेगा.

पिनराई विजयन ने कहा कि केरल केंद्र के साथ यह मसला बातचीत के जरिए सुझलाने की कोशिश करेगा.

केरल के वित्तमंत्री टीएम थॉमस ने भी कहा है कि केंद्र सरकार को यूएई के मदद का प्रस्ताव स्वीकार करना चाहिए.

उन्होंने एक के बाद एक ट्वीट करके केंद्र सरकार के इस रवैए की आलोचना की और इसे नकारात्मक बताया.

नाराज़गी

उन्होंने ट्वीट किया, “हमने केंद्र सरकार से 2200 करोड़ रुपये की सहायता राशि मांगी, उन्होंने हमें 600 करोड़ रुपए दिए.

हमने किसी दूसरे देश से कोई मदद नहीं मांगी लेकिन यूएई ने हमारे सामने अपनी मर्ज़ी से 700 करोड़ रुपये की मदद का ऑफ़र दिया. लेकिन केंद्र सरकार ने इसे यह कहकर ठुकरा दिया कि विदेशों से सहायता लेना हमारी गरिमा के ख़िलाफ़ है.”

थॉमस ने एक दूसरे ट्वीट में कहा, “राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना के चैप्टर-9 में अंततराष्ट्रीय सहयोग की बात की गई है. इसमें लिखा है कि गंभीर प्राकृतिक आपदा के दौरान दूसरे देश की मदद ली जा सकती है. अगर फिर भी केंद्र सरकार एक नकारात्मक रवैया चुन रही है तो उसे केरल को यूएई से मिलने वाली मदद की भारपाई करनी चाहिए.”

केरल में आई बाढ़ से अब तक 350 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों लोग बेघर होकर अस्थाई राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं. source: bbc hindi

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