39 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

भारतीय वन सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारी (प्रोबेशनर) राष्‍ट्रपति से मिले

देश-विदेश

नई दिल्ली: भारतीय वन सेवा (2014 बैच) के परिवीक्षाधीन अधिका‍रियों के एक समूह ने आज राष्‍ट्रपति भवन में राष्‍ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। इस अवसर पर राष्‍ट्रपति महोदय ने कहा कि भारतीय वन सेवा का एक लम्‍बा और गौरवशाली अतीत रहा है। पहले इसे राजसी वन सेवा के नाम से जाना जाता था तथा इसका गठन 1867 में भारत में ब्रितानी सरकार द्वारा किया गया था। बाद में इसका नाम भारतीय वन सेवा कर दिया गया।

इस पर गौर करते हुए कि परिवीक्षाधीन अधिकारियों में एक बड़ी संख्‍या अभियंताओं की है उन्‍होंने उनसे आग्रह किया कि वे अपनी विशेषज्ञता और मूलभूत क्षमता का उपयोग जंगलों के प्रबंधन की गुणवत्‍ता को बेहतर बनाने में करें। उन्‍होंने कहा कि आज विश्‍व में पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण मुद्दे हैं तथा और बड़ी चुनौतियां भी हैं। एक सामूहिक संगठन के रूप में मानव जाति को इन चु‍नौतियों से निपटने की जरूरत है अन्‍यथा उनका अस्तित्‍व भी खतरे में आ सकता है।

परिवीक्षाधीन अधिकारियों को सम्‍बोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि वे केवल नीतियों को क्रियान्वित करने वाले ही नहीं होंगे बल्कि वे नीतियों के लिए इनपुट भी मुहैया कराएंगे। उन्‍होंने कहा कि क्रियान्‍वयन के लिए व्‍यावहारिक समाधान ढूंढे जाने चाहिए और कोई भी असं‍तुलित या एकतरफा दृष्टिकोण नहीं अपनाया जाना चाहिए। यह एक सामान्‍य प्रशासनिक नौकरी नहीं है। यह ऐसी समस्‍याओं के लिए अन्वेषणपूर्ण समाधान की मांग करता है जो उनके सामने आएंगी। वे देश की सेवा कैसे करेंगे और राष्‍ट्र के विकास में कैसे योगदान देंगे, यह नौकरी के प्रति उनके दृष्टिकोण पर निर्भर करेगा। उन्‍होंने कहा कि हमें विरासत में प्राप्‍त चीजों को बर्बाद करने का कोई अधिकार नहीं है बल्कि इसे और बेहतर स्थिति में छोड़ना हमारी जिम्‍मेदारी होनी चाहिए। राष्‍ट्रपति महोदय ने भूटान के दो परिवीक्षाधीन अधिकारियों का विशेष स्‍वागत किया। उन्‍होंने इच्‍छा जताई कि सभी परिवीक्षाधीन अधिकारी भविष्‍य में एक सफल और सम्‍मानित जीवन गुजारें।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More