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इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईएएसएसटी) के वैज्ञानिकों ने घावों के लिए हर्बल दवा वाली स्मार्ट बैंडेज विकसित की

देश-विदेश

नई दिल्ली: भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अधीनस्वायत्त संस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईएएसएसटी) के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी स्मार्ट बैंडेज विकसित की है, जो घाव तक दवा की सही डोज पहुंचाकर उसे ठीक कर सकती है। यह स्मार्ट बैंडेज घाव में संक्रमण की स्थिति के अनुरुप उसके पीएच स्तर को देखते हुए दवा की डोज जारी करती है। बैंडेज को नैनोटेक्नोलॉजी आधारित सूती पैच से बनाया गया है​, जिसमें कपास और जूट जैसी टिकाऊ और सस्ती सामग्रियों का इस्तेमाल किया गया है।

आईएएसएसटी के एसोसिएट प्रोफेसर डाक्टर देवाशीष चौधरी द्वारा किए गए एक शोध में, जूट के कार्बन डॉट्स के साथ एक नैनोकॉम्पोजिट हाइड्रोजेल बाध्य कॉम्पैक्ट कपास पैच बनाया गया। कार्बन डाट्स, बैंडेज मे लगाई गई दवा को रिलीज करने के लिए बनाए गए हैं। जूट का उपयोग पहली बार फ्लोरोसेंट कार्बन डॉट्स को संश्लेषित करने के माध्यम के रूप में किया गया है, जबकि पानी का उपयोग फैलाव माध्यम के रूप में किया गया है। बैंडेज में इस्तेमाल हर्बल दवा में मूल रूप से अजादिराचिता इंडिका अर्थात नीम के सत का उपयोग किया गया है।

एसीएस सस्टेनेबल केम इंजीनियरिंग नामक पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन रिपोर्ट में जूट और नीम जैसे प्राकृतिक उत्पादों के अर्क को दवा के रूप में बैंडेज के जरिए घाव पर रिलीज करने की एक सक्षम प्रणाली को दर्शाया गया है। इसके तहत जूट कार्बन डॉट्स को हाइड्रोजेल मैट्रिक्स-बाउंड कॉटन पैच में डुबो कर पीएच स्केल पर 5 के स्तर से नीचे तथा 7 के स्तर से उपर अलग-अलग तरीके से दवा रिलीज होनेकी विधि को दिखाया गया है।

जूट और सूती कपड़े से बनायी गई यह बैंडेज घाव में बैक्टीरिया का संक्रमण किस स्तर का है, इसे देखते हुए काम करती है। संक्रमण जिस स्तर का है, दवा भी बैंडेज से उसी के अनुरूप खुद ब खुद निकलती है। यदि घाव में बैक्टीरिया का स्तर बढ़ रहा हो तो बैंडेज से दवा का रिसाव कम ​पीएच स्तर पर होता है। संक्रमण के अनुकूल दवा के रिसाव की इसकी यह विशेषता  इस बैंडेज के अनूठे व्यवहार को दर्शाती है।

डॉक्टर देवाशीष ने इसके पहले भी ऐसा ही एक कॉम्पैक्ट कॉटन पैच यानी कि बैंडेज तैयार किया था, जिसमें भी घाव भरने की उत्कृष्ट क्षमता थी लेकिन उसमें लोड की गई दवा के रिसाव को घाव के अनुरुप नियंत्रित करने की कोई तकनीक मौजूद नहीं थी ऐसे में दवा के अनियंत्रित रिसाव से नुकसान हुआ। इसे ध्यान में रखते हुए नए शोध में डॉक्टर देवाशीष ने बैंडेज में दवा के रिसाव को नियंत्रित करने की सक्षम प्रणाली विकसित की जिससे घाव भरने की स्मार्ट बैंडेज बनकर तैयार हो गई।

किसी भी घाव के आसपास, बैक्टीरिया का संक्रमण होने पर उसके  पीएच अर्थात अम्लीयता या क्षारीयता में बदलाव आ जाता है। इसलिए स्मार्ट बैंडेज में पीएच की स्थिति के अनुरूप दवा के रिसाव की प्रणाली विकसित की गई है। कार्बन डॉट्स जो कि शून्य-डायनामिक नैनोमीटर हैं,के अद्वितीय कार्बन युक्त छोर और सतह अपने कार्यात्मक समूहों के कारण विभिन्न पीएच के प्रति अलग व्यवहार प्रदर्शित करने के लिए डिज़ाइन किए जा सकते हैं। वे अपनी कम विषाक्तता और प्रचुर जैव-रासायनिक गुणों के लिए भी जाने जाते हैं। इसलिए, ड्रग रिलीज व्यवहार की जांच करने के लिए हाइब्रिड कपास पैच यानी कि स्मार्ट बैंडेज में नैनो-भराव के रूप में विभिन्न कार्बन डॉट्स का उपयोग किया गया है।

घाव भरने के लिए बैंडेज का इस तरह का अनुकूल व्यवहार स्मार्ट घाव-ड्रेसिंग सामग्री के रूप में इसके इस्तेमाल का मार्ग प्रशस्त करता है। बैंडेज बनाने के लिए कपास और जूट जैसी सस्ती और टिकाऊ सामग्री का इस्तेमाल इसे जैविक रुप से दुष्प्रभाव रहित , विषाक्तता रहित, कम खर्चीला और टिकाऊ बनाता है।

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