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गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह 7 नवम्‍बर, 2016 को केन्‍द्रीय सूचना आयोग के 11वें वार्षिक सम्‍मेलन का उद्घाटन करेंगे

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह 7 नवम्‍बर, 2016 को दो दिवसीय 11वें केन्‍द्रीय सूचना आयोग वार्षिक सम्‍मेलन का शुभारंभ करेंगे। केंद्रीय पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्‍य मंत्री डॉ जितेन्‍द्र सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में अन्‍य उच्‍च गणमान्‍य अतिथियों के साथ-साथ सभी पूर्व और वर्तमान केन्‍द्रीय सूचना आयुक्‍त और राज्‍य सूचना आयुक्‍तों के साथ-साथ नागरिक प्राधिकरणों के प्रतिनिधि और अन्‍य अंशधारक भी भाग लेंगे।

सम्‍मेलन के दौरान गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ई-कोर्ट सॉफ्टवेयर का शुभारंभ करेंगे। इस सॉफ्टवेयर का वर्तमान में राष्‍ट्रीय सूचना विज्ञान केन्‍द्र के सहयोग से केन्‍द्रीय सूचना आयोग में कार्यान्‍वयन किया जा रहा है। श्री सिंह इसके साथ आरटीआई सफलता की कहानियों पर एक पुस्‍तक का विमोचन भी करेंगे। इस पुस्‍तक को यशवंत राव विकास प्रशासन अकादमी ने आयोग के लिए तैयार किया है।

समारोह के शुरूआती सत्र में विभिन्‍न विषयों जैसे – रेलवे में आरटीआई, डीओपीटी द्वारा आरटीआई वेब पोर्टल, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में आरटीआई, बैंकिंग/बीमा में आरटीआई, आरटीआई पर शोध पत्र और राज्‍यो में आरटीआई पर विभिन्‍न सत्रों का आयोजन किया जाएगा। रेलवे में आरटीआई सत्र के दौरान रेलवे में आरटीआई के क्रियान्‍वयन के अनुभवों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों में आरटीआई के सत्र के दौरान विभिन्‍न उपक्रमों जैसे – एनटीपीसी, एनएचपीसी लिमिटेड, आरईआईएल और सीपीएसई में आरटीआई के क्रियान्‍वयन पर विचार-विमर्श होगा। आरबीआई, एसबीआई, पीएफआरडीए, आईआरडीएआई और एलआईसी में आरटीआई के कार्यान्‍वयन पर भी एक सत्र में चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही सूचना के अधिकार अधिनियम की सफलता और असफलता उच्‍च शिक्षा के संस्‍थानों में आरटीआई के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने, आरटीआई के बदलाव का सूचक आदि विषयों पर भी एक विभिन्‍न सत्र में शोध पत्र प्रस्‍तुत किए जाएंगें।

कार्यक्रम में शुरू किये जा रहे ई-कोर्ट प्रणाली का उद्देश्‍य डिजिटल प्रौद्योगिकी की मदद से अपील/शिकायतों का शीघ्रता से समाधान करना है। इस प्रणाली से नवीनतम प्रौद्योगिकी के उपयोग द्वारा अपील/शिकायतों को ऑन लाइन दाखिल किया जा सकेगा। प्रणाली के द्वारा आवेदक के लिए एक विशेष नंबर मिलेगा, जिससे वह आयोग के पास दर्ज अपनी शिकायत का विवरण जा सकेगा। मामले के ऑन लाइन या ऑफ लाइन दर्ज होने के साथ ही प्रणाली आवेदक को एक एसएमएस या ई-मेल अलर्ट भेजेगी। इसके साथ ही पंजीकरण का स्‍तर, मेमो जारी करने, मामले की सुनवाई की अवधि और निर्णय की स्थिति पर भी आवेदक को अलर्ट भेजे जाएंगे। इस प्रणाली में इसके साथ ही एक ऑन लाइन खोज सुविधा भी उपलब्‍ध होगी, जो उपयोगकर्ता को डाक, फाइल, सुनवाई के नोटिस और निर्णय आदि जानने में मदद करेगा।

केन्‍द्रीय सूचना आयोग का गठन वर्ष 2005 में सूचना का अधिकार का अधिनियम 2005 के अंतर्गत द्वितीय अपीलों और शिकायतों के समाधान के लिए किया गया था। आयोग ने अब तक लगभग दो लाख मामलों को सुना और उनका समाधान किया है। सूचना आयोग वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा सुनवाई को प्रोत्‍साहन देता है। 01 अप्रैल, 2015 से आयोग ने लगभग 19,000 मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा की है।

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