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लोगों का जीवन स्तर सुधारने के लिए कम्प्यूटिंग, संचार और रोबोटिक्स की शक्ति का इस्तेमाल करें: वेंकैया नायडू

देश-विदेश

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि सभी नागरिकों को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। राष्ट्रपति कोलकाता में आज प्रोफेसर महालानोबिस की 125वीं जयंती के मौके पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि लोग सिर्फ लाभार्थी नहीं हैं, बल्कि वे बदलाव के अहम वाहक भी होते हैं। इस अवसर पर केन्द्रीय सांख्यिकीय एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्री श्री डी.वी. सदानंद गौड़ा, पश्चिम बंगाल के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ब्रत्या बसु और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

उपराष्ट्रपति ने प्रोफेसर महालानोबिस को एक प्रतिष्ठित दूरदर्शी बताया, जिन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप को सांख्यिकीय से परिचय कराया। उन्होंने कहा कि प्रोफेसर महालानोबिस की सांख्यिकीय के क्षेत्र में दृष्टि, ध्यान और अनुप्रयोग युक्त अनुसंधान आज हमारे देश में चल रहे आधुनिक आधिकारिक सांख्यिकीय व्यवस्था का आधार है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज हमारे देश की आबादी के 65 फीसदी लोग 35 साल से कम उम्र के हैं और ऐसे में यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि इस अन्तर्निहित शक्ति को वास्तविक शक्ति में बदला जाए। उन्होंने कहा कि यदि हम मानव संसाधन के इस खजाने को मानव पूंजी में नहीं बदल सके तो ये चुका हुआ अवसर माना जाएगा और देश को गरीबी, असमानता, सामाजिक अस्थिरता, और विकास में अनिरंतरता जैसी कई सामाजिक-आर्थिक नतीजे भुगतने पड़ेंगे।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस युवा आबादी को कौशल, ज्ञान और 21वीं सदी की ज्ञान अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी प्रवृत्ति से लैस करने की जरूरत है, ताकि वे जनसांख्यिकी संबंधी हिस्से को पहचान सकें। उपराष्ट्रपति ने कहा कि सांख्यिकीय सही मायने में सुशासन का आधार है। यह योजनाओं के लिए अति आवश्यक है और निरीक्षण एवं मूल्यांकन के लिए अपरिहार्य है। उन्होंने कहा कि लोगों का जीवन स्तर सुधारने के लिए हमें आंकड़ों की जरूरत है और सूचित विकल्प तैयार करने के लिए हमें सांख्यिकी जैसे साधन की जरूरत है, ताकि इसका विश्लेषण और समन्वय किया जा सके।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं, जहां प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल पूरी तरह फैल चुका है। हम ऐसी दुनिया में रहते हैं, जहां ज्ञान, सूचना और आंकड़ों का इस्तेमाल सामान्य हो चुका है। उन्होंने कहा कि ऐसे में जरूरत है कि लोगों का जीवन स्तर सुधारने के लिए कम्प्यूटिंग, संचार और रोबोटिक्स की शक्ति का इस्तेमाल किया जाए और इसके लिए विवेक की जरूरत है।

उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत में भास्कराचार्य, आर्यभट्ट और श्रीनिवास रामानुजन जैसी प्रतिभाओं द्वारा गणित के क्षेत्र में निर्मित एक महान परम्परा रही है। उन्होंने कहा कि उत्कृष्टता की इस परम्परा को बनाए रखने और विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय के स्तर पर गणित पढ़ाने की गुणवत्तापूर्ण परम्परा को और सुदृढ़ किए जाने की जरूरत है।

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