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भारत सरकार ने कोविड-19 परीक्षण से जुड़ी बाधाएं दूर कीं

देश-विदेश

नई दिल्ली: स्वास्थ्य सचिव सुश्री प्रीति सुदान और डीजी (आईसीएमआर) डॉ. बलराम भार्गव ने परीक्षण से जुड़ी सभी बाधाओं को दूर करने के उद्देश्य से आज राज्यों/संघ शासित प्रदेशों से परीक्षण को सुगम बनाने और बढ़ाने के लिए तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया। उन्होंने दोहराया कि वायरस का जल्दी पता लगाने और महामारी पर रोकथाम की रणनीति के लिहाज से परीक्षण-निगरानी-उपचार (टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट) काफी अहम है।

कुछ राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में विशेष रूप से निजी क्षेत्र में परीक्षण प्रयोगशालाओं की क्षमता का उपयोग समग्र रूप से कम हो रहा है, ऐसे में राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को सख्ती से उनके यहां स्थित कोविड-19 परीक्षण प्रयोगशालाओं की पूरी क्षमता का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाने की सलाह दी जाती है।

राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों को निजी चिकित्सकों सहित सभी योग्य चिकित्सकों को कोविड परीक्षण का सुझाव देने में जल्द से जल्द समर्थ बनाकर परीक्षण सुगम बनाने की सलाह दी गई है, जिससे आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के क्रम में उनके द्वारा परीक्षण के मानकों को पूरा करने वाले किसी भी व्यक्ति को कोविड परीक्षण का सुझाव दिया जा सके।

आईसीएमआर ने जोर देकर सिफारिश की है कि प्रयोगशालाओं को आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के क्रम में किसी भी व्यक्ति का परीक्षण करने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए और राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा किसी व्यक्ति को परीक्षण कराने से रोका नहीं जाना चाहिए, जिससे वायरस की रोकथाम और जिंदगियों को बचाने में सहायता मिलेगी। जहां कोविड-19 के निदान के लिए आरटी-पीसीआर गोल्ड स्टैंडर्ड है, वहीं आईसीएमआर ने हाल में कोविड-19 का जल्द पता लगाने के लिए एक प्वाइंट-ऑफ-केयर रैपिड एंटीजन टेस्ट के उपयोग को स्वीकृति दी है। यह परीक्षण तेज, सरल, सुरक्षित है और इसे परीक्षण के लिए आईसीएमआर द्वारा उल्लिखित मानदंड के तहत प्रभावित क्षेत्रों के साथ ही अस्पतालों में प्वाइंट-ऑफ-केयर परीक्षण के रूप में उपयोग किया जा सकता है। नागरिकों के लिए उपलब्ध विकल्पों की संख्या में बढ़ोतरी करने के लिए आईसीएमआर द्वारा ऐसी अन्य किट्स को मंजूरी दी जा रही है। अभी तक आईसीएमआर कोविड-19 परीक्षण के लिए 1,056 प्रयोगशालाओं को स्वीकृति दे चुका है। इनमें से सार्वजनिक क्षेत्र की 764 और निजी क्षेत्र की 292 प्रयोगशालाएं हैं।

परीक्षण को सुगम बनाने के लिए, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को यह भी सलाह दी गई है कि वे सभी रोग लक्षण-सूचक व्यक्तियों के साथ-साथ उनके संपर्कों के नमूने एकत्रित करने के लिए उच्च व्यापकता वाले क्षेत्रों में मोबाइल वैन का उपयोग करके और शिविर स्थापित करके ‘अभियान मोड’ में प्रयास करें और एंटीजन परीक्षणों का उपयोग करके उन नमूनों का परीक्षण तीव्र गति से करें। कोविड सकारात्मक लोगों का इलाज प्रोटोकॉल के अनुसार किया जाना चाहिए और कोविड नकारात्मक लोगों का आरटी-पीसीआर का परीक्षण किया जाना चाहिए। साथ ही, निजी प्रयोगशालाओं में किए जाने वाले आरटी-पीसीआर परीक्षण के मूल्य को राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अंतिम रूप दिया जाना चाहिए। उन्हें आगे यह भी सलाह दी गई है कि सभी प्रयोगशालाओं के लिए आईसीएमआर डाटाबेस पर परीक्षण डेटा को अपलोड करना अनिवार्य बनाया जाए साथ-ही-साथ निगरानी और संपर्क ट्रेसिंग के लिए राज्य/जिला/ शहर प्राधिकारियों को रिपोर्ट करना अनिवार्य बनाया जाए।

ज्यादा संख्या में परीक्षण करने और परीक्षण को सुविधाजनक बनाने के अलावा, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से भी संपर्क ट्रेसिंग पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया गया है क्योंकि इस वायरस को नियंत्रित करने का यही एकमात्र उपाय है। राज्यों से यह भी कहा गया है कि वे कड़ी निगरानी करें और कोविड-19 का प्रभावी प्रबंधन करने के लिए हर संभव प्रयास करते रहें।

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