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गरीबों एवं कमजोर तबके की सुविधा के लिये ‘‘कटिया हटाओ, संयोजन पाओ’’ योजना

उत्तर प्रदेश

लखनऊः गरीब एवं कमजोर जनता की सुविधा हेतु आज से आगामी 31 जनवरी 2019 तक पूरे प्रदेष में ‘‘कटिया हटाओ, संयोजन पाओ’’ योजना लागू की गयी है। इस योजना का मुख्य रूप से गरीब एवं कमजोर तबके के एक किलोवाट तक के घरेलू उपभोक्ता लाभ उठा सकेंगे। ऐसे कटिया कनेक्षन को बिना किसी जुर्मानें के वैध कनेक्षन में बदला जायेगा।

यह जानकारी देते हुये प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं उ0प्र0 पावर कारपोरेषन के अध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने बताया है कि प्रदष्ेा के गरीबों एवं कमजोर वर्गों को लाभ पहुॅचाने के लिये यह योजना लागू की गयी है।

उन्होंने बताया है कि प्रदेश के सभी नागरिकों को अनवरत विद्युत आपूर्ति करना विभाग का महत्वपूर्ण दायित्व है और प्रदेश सरकार की मंशा भी है। विशेष कर आर्थिक रूप से निर्बल वर्ग हेत ुअधिक संवेदन शीलता की आवश्यकता है, ताकि उन्हें सुगमता से नियमित विद्युत संयोजन प्रदान किया जा सके। अधिक से अधिक घरों को वितरण तंत्र से जोड़े जाने पर जहाँ एक ओर विभाग के दायित्व की पूर्ति होती है, वहीं अनियमित संयोजनों पर प्रभावी अंकुश भी लगता है और तकनीकी एवं वाणिज्य कहानियों में कमी होकर राजस्व में वृद्धि होती है।

उन्होंने बताया कि इसी के दृष्टिगत् 17 दिसम्बर 2018 से 31 जनवरी 2019 तक ‘कटिया हटाओ, संयोजन पाओ‘ योजना संचालित की गयी है। कैम्प लगाकर स्व-घोषित अनियमित संयोजनों का नियमितीकरण बिना किसी दण्ड एवं बिना किसी राजस्व निर्धारण के किया जायेगा। प्रस्तावित योजना के अन्तर्गत यह सुविधा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में घरेलू संयोजनों हेतु केवल 01 कि0वा0 भारत कही अनुमन्य होगी। संयोजन परिसर समीपवर्ती एल0टी0 लाइन से 40 मीटर की दूरी से अधिक न हो। ग्रामीण क्षेत्रों में संयोजन देने का आधार सौभाग्य योजना में प्रचलित मानक के अनुरूप होगा। शहरी क्षेत्रों में संयोजन देने हेतु वर्तमान में प्रचलित स्वीकार्य पहचान पत्र एवं भूस्वामित्व किराये दार एवं आवासीय पता का विवरण अभिलेख आवश्यक होगा।

झुग्गी झोपड़ियों में कनेक्शन केवल प्री-पेड मीटर लगाकर ही निर्गत किये जायेंगे। संयोजन परिसर में पूर्व में रहे किसी संयोजन से सम्बन्धी कोई बकाया शेष न हो। आवेदन के साथ नये संयोजन हेतु निर्धारित शुल्क जमा कराकर संयोजन निर्गत कर दिया जाये। उपभोक्ता सेवा केन्द्र (1912) पर प्राप्त हुए आवेदन भी इस योजना के अन्तर्गत स्वीकार्य होंगे। ऐसे परिसर जिन से सम्बन्धित कोई न्यायालय वाद लम्बित हो, उक्त योजना से आच्छादित नहीं होंगे। स्व-घोषित अनाधिकृत विद्युत उपभोग पर नियमित संयोजन निर्गमन की प्रक्रिया इस शर्त पर की जायेगी कि आवेदक द्वारा नियमित संयोजन प्राप्त करने हेतु नये संयोजन का निर्धारित शुल्क योजना अवधि की समाप्ति से पूर्व जमाकर दिया गया हो, अन्यथा योजना समाप्ति तक संयोजन शुल्क न प्राप्त होने की स्थिति में योजना अवधि के पश्चात आवेदक के विरूद्ध नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।

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