41 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

रक्षा मंत्री ने वायुसेना के कमांडरों के सम्मेलन का उद्घाटन किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: वायुसेना के कमांडरों का सम्मेलन (एएफसीसी) – 2015 नई दिल्ली स्थित वायुसेना मुख्यालय (वायु भवन) में 13 अक्टूबर 15 को शुरू हुआ। माननीय रक्षा मंत्री श्री मनोहर पर्रिकर ने इस द्विवार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन किया। वायुसेना प्रमुख (सीएएस) एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने श्री पर्रिकर, माननीय रक्षा राज्य मंत्री श्री राव इंद्रजीत सिंह, रक्षा सचिव श्री जी मोहन कुमार और रक्षा उत्पादन सचिव श्री एके गुप्ता का स्वागत किया। इसके बाद एयर चीफ मार्शल ने वायुसेना के कमांडरों का रक्षा मंत्री से परिचय करवाया।

वायुसेना प्रमुख ने रक्षा मंत्री को भारतीय वायुसेना की परिचालन की स्थिति की जानकारी दी और विमानों, विशेषकर लड़ाकू बेड़े की उपयोगिता बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। वायुसेना प्रमुख ने नेपाल में विनाशकारी भूकंप के बाद मानवीय सहायता के लिए वायुसेनाकर्मियों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। वायुसेना प्रमुख ने अपने संबोधन में यमन में फंसे लोगों को निकालने के लिए वायुसेना के ऑपरेशन का भी सराहनीय उल्लेख किया। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि दिल्ली-आगरा एक्सप्रेसवे पर मिराज -2000 लड़ाकू विमान की सफल लैंडिंग के बाद वायुसेना निकट भविष्य में भी इस तरह की सतहों से संचालन क्षमता को विस्तार देने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि वायु सेना के वीरों के ऊंचे मनोबल के लिए सफल ऑपरेशन करना परम आवश्यक है। इसलिए अब यह जरूरी हो गया है कि मानव संसाधन के विकास और वायुसेना के योद्धाओं के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।

रक्षा मंत्री ने विशेष रूप से नेपाल में आए भूकंप के बाद राहत और बचाव कार्य तथा यमन निकासी के दौरान पेशेवर आचरण के लिए भारतीय वायुसेना को बधाई दी। उन्होंने संचालन आवश्यकताओं को पूरा करने में नागरिक उड्डयन क्षेत्र की सहायता के लिए भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।

इस द्विवार्षिक सम्मेलन का उद्देश्य उन मुद्दों पर चर्चा करना है जो भारतीय वायुसेना की परिचालन क्षमता पर प्रभाव डालती हैं। इसके अलावा प्रमुख रूप से हल्के लड़ाकू विमानों (एलसीए) को वायुसेना में शामिल करने, हेलीकाप्टरों और अन्य युद्ध प्रणालियों की खरीद पर भी चर्चा की गई। सम्मेलन के दौरान बुनियादी ढांचे के निर्माण और प्रशिक्षण के पहलुओं को विस्तार देने पर विचार-विमर्श किया गया।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More