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उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज संस्थान रूद्रपुर के बोर्ड आफ गवर्नर्स की आठवीं बैठक की अध्यक्षता करते हुएः मुख्यमंत्री

उत्तराखंड

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि निरन्तर परिवर्तित समय, तकनीक, प्रशासनिक व सामाजिक आवश्यकताओं के कारण अधिकारियों व कार्मिकों कों निरन्तर प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है। प्रशिक्षण की क्षमता विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है।  अधिकारी व कार्मिक नया सीखने के लिए हमेशा तैयार रहे। अधिकारियों व कार्मिकों के क्षमता विकास से राज्य के विकास को गति मिलेगी। प्राइवेट सेक्टर अप्रोच के साथ कार्मिकों को  प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास एंव पंचायती राज संस्थान रूद्रपुर के बोर्ड आफ गवर्नर्स की आठवीं बैठक सम्पन्न हुई।  मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास एंव पंचायती राज संस्थान रूद्रपुर वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर हो तथा बिजनेस माॅडल के रूप में विकसित हो, इसके प्रयास किए जाए। संस्थान इस वर्ष राज्य में 20000 बीस हजार प्रतिभागियों को नशामुक्ति, वृद्धा अवस्था जैसे समाज कल्याण के विषयों पर प्रशिक्षण देगा। उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज संस्थान, रूद्रपुर राज्य में सरकारी व गैरसरकारी कार्मिकों व अधिकारियों, विद्यार्थियों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, शिक्षकों, स्वयं सहायता समूहों को क्षमता विकास के विभिन्न प्रशिक्षण देने में अहम भूमिका निभा रहा है।

ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज संस्थान द्वारा मार्च 2018 तक 3799 प्रशिक्षणार्थियों के लिए 116 सफल प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए गए जिसमें मुख्यतः राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशल के लिए कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन, स्वयं सहायता समूहों, अधिकारियों व कार्मिकों को प्रशिक्षण,  जेन्डर बजटिंग हेतु प्रशिक्षण, ग्राम विकास अधिकारियों, जी0बी0 पन्त एग्रीकल्चरल व तकनीकी विश्वविद्यालय पन्तनगर के छात्रों, मनरेगा के तहत सोशल आॅडिट का प्रशिक्षण,  शिक्षकों, स्वास्थ्य कर्मियों व चिकित्सकों हेतु विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्मिलित थे। वर्ष 2018-19 में संस्थान द्वारा 4142 प्रतिभागियों को 114 प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षित करने  का लक्ष्य रखा गया है। संस्थान द्वारा राजकीय विभागों के साथ-साथ निजी क्षेत्र के उद्योगों से सम्पर्क करते हुए उन्हें भी संस्थान में उपलब्ध अत्याधुनिक अवस्थापना सुविधाओं का लाभ लेने लिए अप्रोच किया गया है। संस्थान द्वारा जैविक खाद नाडेप, कम्पोस्ट पिट, वर्मी कम्पोस्ट, संजीवक पिट व शिवांश खाद इकाई तैयार करने हेतु प्रशिक्षण देने पर विशेष बल दिया जा रहा है। शासकीय व अशासकीय प्रतिभागियों हेतु समय-समय पर संस्थान के फैकल्टी आॅफिसर्स ईटीसी में जाकर वेन्यू के रूप में प्रशिक्षण दे रहे है।

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