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यह सुनिश्चित करने के लिए कि घरों की रसोई चलती रहे और किसानों को मदद मिलती रहे, भारतीय रेल की ओर से बड़ा प्रयास

देश-विदेश

नई दिल्ली: भारतीय रेल यह सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास कर रही है कि देश में सभी लोगों के रसोई घरों में जरुरत की खाद्य सामग्री और  कृषि क्षेत्र में किसानों को खेती के लिए आवश्यक वस्तुएं मिलती रहें। इस प्रयास के तहत पिछले 12 दिनों में 1 अप्रैल से 12 अप्रैल 2020 तक, भारतीय रेल ने 36724 वैगन खाद्यान्न , 861 वैगनचीनी , 1753 वैगन नमक , 606 वैगन खाद्य तेल और 14317 वैगन उर्वरकों की ढुलाई कर चुकी है। एक वैगन में 58-60 टन सामग्री की खेप होती है।

       ये प्रयास  खाद्यान्न, चीनी, नमक और खाद्य तेल जैसे कृषि उत्पादों का समय पर उठाव तथा कोविड के कारण राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान किसानों को समय पर पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों की आपूर्ति  सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे हैं। अप्रैल 2020 के पहले 12 दिनों के दौरान इन आवश्यक वस्तुओं का लदान , परिवहन और उतराई का काम पूरी रफ्तार के साथ होता रहा है।

            आगामी खरीफ मौसम के लिए उर्वरकों की ढुलाई और उपलब्धता के लिए रसायन और उर्वरक मंत्रालय के साथ तथा  खाद्यान्नों की ढुलाई के लिए कृषि मंत्रालय के साथ गहन समन्वय बनाए रखा जा रहा है।

विवरण निम्नानुसार हैं:

क्रं. सं. दिनांक खाद्यान्नों के वैगनों की संख्या चीनी के वैगनों की संख्या नमक के वैगनों की संख्या खाद्य तेल के वैगनों की संख्या उर्वरक के वैगनों की संख्या
1. 01.04.2020 2343 210 761
2. 02.04.2020 2582 133 64 1047
3. 03.04.2020 3285 41 103 122 1123
4. 04.04.2020 3151 42 84 50 996
5. 05.04.2020 2810 42 165 42 996
6. 06.04.2020 2730 42 170 14 960
7. 07.04.2020 3211 105 168 1504
8. 08.04.2020 3478 84 236 50 1225
9. 09.04.2020 4061 64 41 50 1434
10. 10.04.2020 3192 63 275 69 1518
11. 11.04.2020 2973 42 168 70 1324
12. 12.04.2020 2908 126 210 75 1429
Total 36724 861 1753 606 14317

भारतीय रेल ने फलों, सब्जियों, दूध और डेयरी उत्पादों और कृषि कार्यो के लिए बीजों सहित जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं के लिए लॉकडाउन की शुरुआत के बाद से पार्सल स्पेशल ट्रेनों के लिए 63 मार्गों की पहचान की है। 13 अप्रैल तक 63 मार्गों को अधिसूचित किया गया है और इन मार्गों पर समयबद्ध रेल गाड़ियां चलाई जा रही हैं।

          पार्सल स्पेशल रेलगाड़ियों को देश के सभी प्रमुख शहरों, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और बेंगलुरु से जोड़ने की योजना बनाई गई है। इसके अलावा, देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में भी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, गुवाहाटी को भी इससे जोड़ा गया है। इन रेलगाड़ियों  से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण शहरों में  भोपाल, इलाहाबाद, देहरादून, वाराणसी, अहमदाबाद, वडोदरा, रांची, गोरखपुर, तिरुवनंतपुरम, सलेम, वारंगल, विजयवाड़ा, विशाखापट्टनम, राउरकेला, बिलासपुर, भुसावल, टाटानगर, जयपुर, झांसी, आगरा, नासिक,  नागपुर, अकोला, जलगाँव, सूरत, पुणे, रायपुर, पटना, आसनसोल, कानपुर, जयपुर, बीकानेर, अजमेर, ग्वालियर, मथुरा, नेल्लोर और जबलपुर आदि शामिल हैं।

उन मार्गों पर भी ये रेलगाड़ियां चलाई जा रही हैं जहाँ माँग कम है, ताकि देश का कोई भी हिस्सा इससे छूट न जाए। बीच रास्ते में सभी संभावित स्थानों पर इन रेलगाड़ियों का ठहराव सुनिश्चित किया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में पार्सल गतंव्य स्थल तक पहुंचाए जा सकें।

सभी राज्यों में इस अभियान से जुड़े निदेशकों और राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के संबंधित सचिवों से अनुरोध किया गया है कि वे भारतीय रेल  द्वारा चलाई जा रही इन रेलगाड़ियों का लाभ उठाने के लिए अपने सभी संसाधन लगाएं। सदस्य (वाणिज्यिक) रेल  बोर्ड ने ऐसी रेलगाड़ियों के नए मार्गो तथा ठहराव के बारे में राज्यों से मिलने वाली किसी भी तरह की मांग पर आवश्यक कार्रवाई करने की पेशकश की है।

रेलवे के विभिन्न मंडलों के मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधकों की एक सूची, बुकिंग की प्रक्रिया, विशेष पार्सल रेलगाड़ियों की  समय सारणी और एक माल कैलकुलेटर को साझा करने और व्यापक प्रचार के लिए सभी अधिकारियों के साथ साझा किया गया है। भारतीय रेलवे की वेबसाइट पर पार्सल स्पेशल रेलगाड़ियों  से संबंधित विवरण के लिए लिंक उपलब्ध है:

https://enquiry.indianrail.gov.in/mntes/q?opt=TrainRunning&subOpt=splTrnDtl

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