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एस0टी0पी0 प्लांट्स पर जीवाणुरोधन हेतु क्लोरीनेशन की अतिरिक्त व्यवस्था की जाए: अमित मोहन प्रसाद

उत्तर प्रदेश

लखनऊः उ0प्र0 के अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, श्री अमित मोहन प्रसाद की अध्यक्षता में बालू अड्डा, जनपद लखनऊ में एक्यूट डायरिया डिजीज के केसेस के संबंध में आज बैठक हुई। सर्वप्रथम अपर मुख्य सचिव के द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जनपद लखनऊ से क्षेत्र में एक्यूट डायरिया के केसेज की अद्यतन स्थिति तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही के विषय में जानकारी प्राप्त की गयी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ के द्वारा बताया गया कि नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बालू अड्डा पर दिनांक 09 अगस्त, 2021 से एक्यूट डायरिया के केसेज सूचित होना प्रारम्भ हुए थे जिसके उपरान्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारी द्वारा तत्काल उपचार प्रारम्भ किया गया। दिनांक 13 अगस्त तक इस स्वास्थ्य केन्द्र पर कुल 289 रोगियों का उपचार किया गया है जिसमें एक्यूट डायरिया के 138 रोगी हैं। उक्त रोगियों में से 17 रोगियों का उपचार इस स्वास्थ्य केन्द्र पर भर्ती कर किया गया तथा ये सभी रोगी स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त 46 रोगियों को एस0पी0एम0 सिविल हॉस्पिटल भेजा गया जिसमें से 31 रोगी स्वस्थ होकर वापस जा चुके हैं तथा 15 रोगी वर्तमान में उपचाराधीन हैं। इसके अतिरिक्त क्षेत्र में कुल 500 आवासों का सर्वेक्षण किया गया है तथा 7 आवासों से डायरिया रोगियों का स्टूल सैंपल जॉच हेतु डिपार्टमेंट ऑफ माइक्रोबायोलॉजी, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी को प्रेषित किये गए हैं जिनमें से 4 नमूनों मंे विब्रियो कॉलेरी बैक्टीरिया की पुष्टि हुई है।
अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि यूजर एंड पॉइंट पर (उपभोक्ता द्वारा उपयोग पॉइंट पर) जल के नमूने एकत्र कर उनका ओ0टी0 टेस्ट तथा भ्2ै टेस्ट किया जाये। साथ ही इन नमूनों का बायरोलॉजिकल, बैक्टीरियोलॉजिकल एवं केमिकल एनालिसिस भी किया जाए। यह गतिविधि नगर निगम तथा स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त के द्वारा सम्पादित की जायेगी। उन्होंने जल कल विभाग एवं नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिये कि लखनऊ नगर में सीवर लाइन तथा पानी की पाइप लाइन की चेकिंग की जाए, यदि कहीं सीवर अथवा पानी की पाइप लाइन ब्रेकेज अथवा लीकेज पाई जाती है तो उसको तत्काल सही किया जाए। इस लीकेज के सही होने पर इलाके में यदि जलापूर्ति हेतु स्थापित पाइप लाइन सीवर लाइन के निकट से गुजरती हो तो सुरक्षित पेयजल आपूर्ति हेतु वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। प्रभावित क्षेत्रों में ओपन डेªंस में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जाए। सभी क्षेत्रों में कर्मचारियों को दस्त के लक्षण वाले रोगियों की सूचना एकत्र करने तथा इस सूचना को अग्रिम कार्यवाही हेतु स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करने के निर्देश दिए जाए। एस0टी0पी0 प्लांट्स पर जीवाणुरोधन हेतु क्लोरीनेशन की अतिरिक्त व्यवस्था की जाए।
श्री प्रसाद ने कहा कि स्वास्थ विभाग के द्वारा वर्तमान में प्रभावित क्षेत्र की और अधिक सघन मॉनिटरिंग की जाए तथा न्यूनतम 1 किलोमीटर के दायरे में समस्त आवासों में फ्रंट लाइन वर्कर तथा स्थानीय नगर निगम के कर्मचारियों की टीम गठित करते हुए घर-घर सघन सर्वेक्षण का कार्य किया जाए। यदि एक्यूट डायरियल डिजीज से प्रभावित कुछ अन्य मरीज सूचित होते हैं तो तत्काल उनको उपचार हेतु निकटवर्ती चिकित्सा केन्द्र में भेजा जाए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ के स्तर से जनपद के सभी चिकित्सालयों में ओआरएस, जिंक टेबलेट, डॉक्सीसाइक्लिन अजिथ्रोमायसिन, आईवी फ्लुएड, पीडियाट्रिक ड्रिप सेट इत्यादि की पर्याप्त उपलब्धता का आकलन करते हुए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं स्थापित की जाए।

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