केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 11,400 करोड़ रुपये की जालसाजी जैसी घटनाओं को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चिंताजनक बताया है. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार ईटी ग्लोबल बिजनेस समिट में शनिवार को उन्होंने कहा, ‘जानबूझकर कर्ज न लौटाना (विलफुल डिफाल्ट) और बैंक जालसाजी जैसे मामले किसी कारोबारी विफलता से ज्यादा असर रखते हैं. लगातार ऐसी घटनाएं होने से ईड ऑफ डूइंग बिजनेस (व्यापार करने में सरलता) से जुड़े सारे प्रयास नेपथ्य में चले जाते हैं और अर्थव्यवस्था पर ये धब्बे सामने आ जाते हैं.’ वित्त मंत्री ने आगे कहा कि बैंकों में इन जालसाजियों पर किसी का ध्यान न जाना या इनके खिलाफ किसी कर्मचारी द्वारा आवाज न उठाना चिंताजनक स्थिति है.
केंद्रीय वित्त मंत्री ने बैंक जालसाजी रोकने के लिए नियामक संस्थाओं को जवाबदेह बनाने और उन्हें ‘तीसरी आंख’ जैसी शक्ति देने का भी समर्थन किया. उन्होंने आगे कहा कि बैंकों का कर्ज लौटाने में मनमानी के पुराने नजरिए को अब खत्म करना होगा और सख्त कानून लाकर कारोबार में अपराध करने वालों को सजा दिलाने का इंतजाम करना होगा. केंद्रीय वित्त मंत्री ने यह भी कहा, ‘दुर्भाग्य से भारतीय व्यवस्था में हम राजनेताओं को तो जिम्मेदार ठहराया जाता है, लेकिन नियामकों को नहीं.’
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एकसाथ कराने का समर्थन किया और इसे प्रशासनिक व खर्च के लिहाज से लाभकारी बताया. वहीं, चुनावी बॉन्ड को लेकर उनका कहना था कि इससे चुनावी चंदे में पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी.