नई दिल्ली: केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरूण जेटली ने आज संसद में वर्ष 2017-18 का आम बजट पेश करते हुए बताया कि जीएसटी परिषद ने व्यापक बहस और विचार विमर्श के बाद सहमति पर आधारित लगभग सभी मुद्दों पर अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप दे दिया है। सरकार ने अपनी ओर से जीएसटी परिषद के गठन सहित संविधान संशोधन अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को तुरंत प्रभाव से लागू किया है, जीएसटी परिषद ने जीएसटी कर ढ़ांचे की व्यापक रूपरेखा, समझौता योजना के लिए न्यूनतम छूट और मानदंड, जीएसटी लागू करने के कारण राज्यों को दी जाने वाली प्रतिपूर्ति का विवरण, नमूना जीएसटी कानून के मसौदे का परीक्षण, एकीकृत जीएसटी कानून और प्रतिपूर्ति कानून तथा जीएसटी के प्रशासनिक तंत्र सहित जीएसटी से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श करने के लिए 9 बैठकों का आयोजन किया। उन्होंने बताया कि जीएसटी के लिए आईटी प्रणाली की तैयारी भी की जा रही है। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में बताया कि जीएसटी के लिए व्यापार और उद्योग तक पहुंच बनाने के लिए व्यापक प्रयास 01 अप्रैल, 2017 से शुरू होंगे, ताकि व्यापार और उद्योग जगत को नई कराधान प्रणाली के बारे में जागरूक किया जा सके। उन्होंने कहा कि संविधान अधिनियम 2016 (101वां संशोधन) के बारे में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। जीएसटी स्वतंत्रता के बाद सबसे बड़ा कर सुधार है। राज्यों और केन्द्रीय सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क बोर्ड के अधिकारियों की अनेक टीमें मॉडल जीएसटी कानून, नियम और अन्य विवरणों को अंतिम रूप देने के लिए कार्य कर रही है।
श्री जेटली ने कहा कि सरकार केन्द्रीय सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क बोर्ड के माध्यम से सहकारी संघवाद की भावना से समझौता किये बिना निर्धारित समय अनुसार जीएसटी लागू करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगी।