27 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

डीएसआईआर-पीआरआईएसएम के बारे में जागरूकता सृजन हेतु डॉ हर्षवर्धन ने एक विशेष कार्यक्रम का उद्घाटन किया

देश-विदेशप्रौद्योगिकी

केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी,पृथ्वी विज्ञान और स्वस्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने विज्ञान एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग-(डीएसआईआर)-व्यक्तिगत नवाचार, स्टार्ट-अप्स और एमएसएमई को प्रोत्साहन –(पीआरआईएसएम) के प्रति जागरूकता सृजन हेतु आईआईटी दिल्ली में आयोजनों की एक श्रृंखला का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया।

इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा, संचार, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रद्योगिकी राज्यमंत्री श्री संजय धोत्रे विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0013CP4.jpghttps://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002CS37.jpg

डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि डीएसआईआर की पीआरआईएसएम (प्रिज्म) योजना भारत के समग्र विकास में व्यक्तिगत नव उद्यमियों को मदद करने में महत्वपूर्ण सिद्ध हुई है। यहां यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि प्रिज्म ने देश के हर एक उस नवाचार प्रवर्तक नागरिक को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से मदद पहुंचाई है जो सस्ती स्वास्थ्य सेवा, जल अपशिष्ट, जल प्रबंधन, स्वच्छ प्रौद्योगिकी स्वच्छ ऊर्जा, लोगों द्वारा इस्तेमाल योग्य उन्नत संसाधन, वेस्ट टू वेल्थ आदि क्षेत्रों में काम कर रहा है और यह हमारे राष्ट्रीय लक्ष्यों से जुड़ा हुआहै। यह भी प्रशंसनीय है कि इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (आईपी) नव उद्यमियों से संबद्ध है। डीएसआईआर-प्रिज्म द्वारा शुरू किया गया नवाचार अभियान तीन राष्ट्रीय पहल उन्नत भारत अभियान (यूबीए), स्मार्ट इंडिया हैकथोन (एसआईएच) और ग्रामीण प्रौद्योगिकी कार्य बल (आर यू टी ए जी) के साथ तारतम्यता में है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह देखा गया है कि कई नए उद्यमियों ने स्नातक पूरा किया और इस योजना के माध्यम से सफल उद्यमी बने और उनमें से कई ने सामाजिक आर्थिक या तकनीक आधारित वाणिज्यिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रभाव पैदा किए। उन्होंने कहा कि मैं इस बात को लेकर आशावादी हूं कि देश की तीन प्रमुख पहल के साथ डीएसआईआर-प्रिज्म को जोड़ने से हमें और बेहतर ढंग से आगे बढ़ने में मदद मिलेगी तथा यह हमारे माननीय प्रधानमंत्री के उन्नत भारत और आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को साकार करने में सफलता का मार्ग प्रशस्त करेगी।

इस अवसर पर श्री संजय धोत्रे ने कहा कि इस पहल से ग्रामीण आजीविका सृजन और समग्र नवाचार एवं सामाजिक-आर्थिक लाभ को बढ़ावा देने में मदद मिलने की संभावना है। ऐसी पहल में देश के तकनीकि-सामाजिक-आर्थिक परिवेश को रूपांतरित करने की ज़बरदस्त क्षमता है। शिक्षा मंत्रालय की आरयूटीएजी, उन्नत भारत अभियान, स्मार्ट इंडिया हैकथोन से साझेदारी हमारे देश की तकनीकि आधारित उद्यमिता को बदलकर रख देगी। उन्होंने कहा कि ‘उन्नत भारत अभियान’ का उपयोग नवाचार की भावना से भरे हमारे छात्रों को एक उपयोगी मंच उपलब्ध कराने के लिए किया जाना चाहिए।

श्री धोत्रे ने कहा कि डिजिटल इंडिया ने यह साबित किया है कि जब हम अपनी खुद की समस्या को दूर करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करते हैं तब भी हम विश्व का ध्यान आकर्षित करते हैं। हमारे नवाचार कर्ताओं के लिए 1.3 बिलियन लोगों का बड़ा बाज़ार हैं, करने को बहुत कुछ है। स्टार्ट-अप इंक्यूबेशन सेंटर और टेक पार्क प्रत्येक संस्थान की परिस्थितिकी का हिस्सा होना चाहिए। जिस तरह से प्लेसमेंट अधिकारी होते हैं, ठीक उसी तरह से सभी संस्थानों में छात्रों के मार्ग दर्शन के लिए उद्यमिता अधिकारियों की भी नियुक्ति की जानी चाहिए।

श्री धोत्रे ने यह भी रेखांकित किया कि नवाचार की संस्कृति बचपन से पनपनी चाहिए। हमें सरकार के रूप में, शिक्षण संस्थानों के रूप में, वैज्ञानिक संस्थानों और समाज के रूप में इस संस्कृति को प्रोत्साहित करना चाहिए। हमारी नई शिक्षा नीति 2020 में एक ऐसी शिक्षण व्यवस्था विकसित करने की परिकल्पना निहित है जो वैज्ञानिक और तार्किक सोच को बढ़ावा दे और जो भारतीय संस्कृति के अनुरूप हो।

श्री संजय धोत्रे ने कहा कि डीएसआईआर-प्रिज्म ने ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर को सुधारने और ग्रामीण प्रगति की दिशा में नवाचार के माध्यम से मदद की है। उन्होंने विभिन्न समस्याओं के सामने आए नए समाधानों हेतु प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रदूषण जैसी समस्या का समाधान ढूंढने में नवाचार मददगार हो सकता है। सरकार नवाचार की संस्कृति को प्रोत्साहित कर रही है।

व्यक्तिगत, स्टार्टअप्स और एमएसएमई में नवाचार को प्रोत्साहन यानी प्रिज्म,विज्ञान और औद्योगिक अनुसंधान विभाग डीएसआईआर की एक पहल है जिसका उद्देश्य किसी व्यक्तिगत इनोवेटर को तकनीकी और वित्तीय सहायता देकर एक सफल टेक्नोक्रेट बनाना है।

इस पहल के अंतर्गत डीएसआईआर-प्रिज्म द्वारा नवाचार के उद्यम में लगे छात्र,पेशेवर या आम भारतीय नागरिक को तकनीकि, रणनीतिक और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है ताकि नए विचार सृजित हों, किसी विशिष्ट समस्या का कोई समाधान विकसित हो,प्रोटोटाइप विकसित हो सके, पायलट योजना सामने आए और इनका पेटेंट कराया जा सके। यह कार्यक्रम ऊर्जा, स्वास्थ्य, अपशिष्ट प्रबंधन से लेकर अन्य विभिन्न क्षेत्रों में क्रियान्वित किया जा रहा है।

योजना के अंतर्गत सहायता दो चरणों में उपलब्ध कराई जाती है। चरण-Iऔर चरण-II,ताकि नवाचार के शुरुआती चरण में भी नव उद्यमी को सहयोग मिले और उद्यम स्थापित करने के अगले चरण में भी मदद मिले। इसके लिए डीएसआईआर के देश के विभिन्न भागों में मौजूद क्लस्टर इन्नोवेशन सेंटर के माध्यम से मदद दी जाती है। पहले चरण के अंतर्गत 2 से 20 लाख तक और दूसरे चरण में अधिकतम 50 लाख रुपये तक का अनुदान दिए जाने का प्रावधान है।

यह एलाइनमेंट और अवेयरनेस (जागरूकता) कार्यक्रम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के डीएसआईआर द्वारा आयोजित किया जा रहा है जिसमें शिक्षा मंत्रालय का उन्नत भारत अभियान, आईआईटी दिल्ली का आर यू टी ए जी और शिक्षा मंत्रालय का स्मार्ट इंडिया हैकथोन (एस आई एच) भी सहभागी हैं

इसके अंतर्गत यू बी ए, आर यू टी ए जी,एसआईएच के साथ डीएसआईआर-पीआरआईएसएम को जोड़ने का मुख्य उद्देश्य प्रौद्योगिकी नवाचार के लिए मंच उपलब्ध कराने, समग्र नवाचार को आवश्यकता और मांग अनुरूप क्रियान्वित करने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सृजन करने एवं सामाजिक आर्थिक लाभ को बढ़ाने के लिए सक्रियता से काम करने पर ध्यान केंद्रित किए जाने पर है।

इस आयोजन का उद्देश्य डीएसआईआर-पीआरआईएसएम योजना के बारे में जागरुकता का प्रसार करना है और भविष्य में साझेदारी के अवसरों तथा संभावनाओं का पता लगाना है ताकि सामाजिक आर्थिक विकास और समग्र विकास के लिए नवाचार को और गतिशील बनाया जा सके।

ऑनलाइन माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में तकरीबन 3500 संस्थान और 50,000 नवाचार करने वाले और टेक्नोक्रेट ने हिस्सा लिया।

(यह कार्यक्रम सुनने या देखने के लिए यहांक्लिक करें……..…….)

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More