नई दिल्लीः आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीपद येसो नाईक ने नई दिल्ली स्थित मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान में योग पर स्वास्थ्य संपादकों के तीसरे सम्मेलन का उद्घाटन किया। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से पहले इस सम्मेलन का संयुक्त रूप से आयोजन मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान और पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी), सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा किया गया। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर वर्ष 21 जून को विश्व भर में मनाया जाता है। इस सम्मेलन का उद्देश्य विशेषज्ञों की मदद से योग के सिद्धांतों एवं तौर-तरीकों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और योग के वैज्ञानिक एवं तकनीकी पहलुओं से लोगों को अवगत कराना था।
सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत को चिन्हित करते हुए लगातार तीसरे वर्ष स्वास्थ्य संपादकों का सम्मेलन आयुष मंत्रालय और पत्र सूचना कार्यालय द्वारा सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य कार्यक्रम का आयोजन इस वर्ष देहरादून में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष देहरादून को इसके लिए ‘केन्द्र’ के रूप में चयन किया गया है क्योंकि ऋषिकेश और हरिद्वार ‘योग राजधानी’ के रूप में जाने जाते हैं।
श्री नाईक ने यह भी कहा कि योग दुनिया के लिए भारत की ओर से सबसे अमूल्य और प्रमुख विरासतों में से एक है। उन्होंने कहा कि आज के व्यस्त जीवन, जिसमें तनाव जीवन शैली का पर्याय बन गया है, में योग संतुलित और शांतिपूर्ण जीवन जीने का मार्ग है। मंत्री महोदय ने यह जानकारी दी कि इस वर्ष आयुष मंत्रालय 40 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं के समूह पर विशेष ध्यान दे रहा है और भारतीय रजोनिवृत्ति सोसायटी के परामर्श से एक योग प्रोटोकॉल विकसित कर रहा है जिसके तहत विशेषकर इस आयु समूह को लक्षित किया गया है। इस कार्यक्रम से वे महिलाएं काफी लाभान्वित होंगी जिन्हें विशेषकर इस आयु समूह में शामिल होने पर स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझना पड़ता है।
मंत्री महोदय ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आयुष मंत्रालय ने आम जनता के बीच योग को लोकप्रिय बनाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस वर्ष इसरो चौथे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का मानचित्रण करेगा।
इस अवसर पर आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि योग दिन-ब-दिन लोकप्रिय होता जा रहा है, जिसे ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं ताकि सभी को स्वस्थ जीवन शैली सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर एक पूर्वावलोकन का आयोजन देहरादून में किया जा रहा है जहां लगभग 10,000 लोगों द्वारा 7 जून को योग क्षमता का प्रदर्शन करने की उम्मीद है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2018 को मनाने के लिए इस वर्ष आयोजित की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों से भी मीडिया को अवगत कराया। सचिव ने कहा कि इस वर्ष प्रत्येक राज्य जमीनी स्तर अर्थात राज्य/जिला एवं उप-जिला स्तरों पर योग कार्यक्रम आयोजित करेगा।
शिक्षा प्रणाली में योग को शामिल करने के लिए मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान और एमिटी विश्वविद्यालय ने एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत एमिटी विश्वविद्यालय में एक अध्ययन-सह-अनुसंधान केन्द्र खोला जाएगा। मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई) को योग में विशेषज्ञता हासिल है, जबकि एमिटी विश्वविद्यालय को मनोविज्ञान, फिजियोलॉजी और संबद्ध विज्ञान में विशेषज्ञता प्राप्त है। इस एमओयू से शिक्षा, चिकित्सा और अनुसंधान के लिए इन दोनों संस्थानों को मदद मिलने की उम्मीद है। इसके साथ ही इस एमओयू से विश्वविद्यालय के 1,20,000 विद्यार्थियों तक अपनी पहुंच सुनिश्चित करने में मदद मिलने की उम्मीद है जहां योग को विद्यार्थियों, संकाय और अन्य सदस्यों के बीच लोकप्रिय किया जा सकता है।
योग एवं संबद्ध विज्ञान के जाने-माने विद्वानों जैसे कि डॉ. एच. आर. नागेन्द्र, कुलाधिपति, एसवीवाईएएसए विश्वविद्यालय; डॉ. वी. सेल्वामूर्ति कुलाधिपति, एमिटी विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़, पूर्व प्रतिष्ठित वैज्ञानिक एवं मुख्य नियंत्रक आरएंडडी (एलएस), डीआरडीओ और डॉ. बी. एन. गंगाधर, निदेशक, निमहांस ने योग के फायदों पर प्रकाश डालते हुए अपने-अपने अनुसंधान पत्र पेश किए।
राष्ट्रीय, क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संगठनों के लगभग 150 स्वास्थ्य संपादकों और मीडिया कर्मियों ने इस सम्मेलन में भाग लिया। पीआईबी और आयुष मंत्रालय के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इससे पहले मीडिया कर्मियों के लिए ‘योग के जरिए तनाव कैसे कम करें’ विषय पर एक घंटे की कार्यशाला का संचालन एमडीएनआईवाई के निदेशक डॉ. आई. वी. बसवराद्दी द्वारा किया गया।