नई दिल्ली: दिल्ली के सुब्रतो पार्क स्थित पश्चिमी वायु कमान मुख्यालय ने 14 मई 2018 को मानवीय तथा आपदा राहत विषय पर सेमीनार का आयोजन किया। यह सेमीनार भारत के उत्तरी क्षेत्र में मानवीय और आपदा राहत की स्थिति से निपटने के लिए प्रभावी उपायों पर फोकस करने के लिए आयोजित किया गया। सेमीनार में भारतीय वायु सेना के अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब तथा जम्मू और कश्मीर के सचिव स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भाग ले रहा है। सेमीनार में आपदा की स्थिति से निपटने वाले संगठनों जैसे एनडीएमए, एनडीआरएफ और आईटीबीपी के प्रतिनिधि भी भाग ले रहे हैं।
आपदा की स्थिति में सामान्यतः पहली कार्रवाई भारतीय वायु सेना करती है और प्रभावित आबादी को मदद देने की प्रक्रिया शुरू करती है। भारतीय वायु सेना न केवल ऑपरेशन – चेन्नई चक्रवात, ऑपरेशन राहत- उत्तराखंड में वर्षा और बाढ़, ऑपरेशन मेघ राहत- जम्मू और कश्मीर में बाढ़ और राहत तथा चक्रवाती तूफान हुद हुद के दौरान आन्ध्रप्रदेश में राहत संचालन किया बल्कि वायु सेना में अंतर्राष्ट्रीय आपदा की स्थितियो जैसे यमन से भारतीय समुदाय के लोगों को हटाना, ऑपरेशन मैत्री – नेपाल में भूकंप राहत, फिजी में तूफान राहत तथा श्रीलंका में बाढ़ राहत अभियान चलाया है। अधिकतर मामलों में पश्चिमी वायु कमान के विमान और कर्मियों ने इन संचालनों को अंजाम दिया।
सेमीनार में आपदा प्रबंधन और क्षमता सृजन पर राष्ट्रीय दृष्टिकोण तथा शामिल राज्यों के लिए आपदा राहत पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। सेमीनार में आपदा के समय भारतीय वायु सेना के उपयोग पर भी चर्चा होगी।
पश्चिमी वायु कमान के वरिष्ठ वायु सेना अधिकारी एयर मार्शल एन जे एस ढ़िल्लों अतिविशिष्ट सेवा मेडल ने कहा कि आशा करता हूं कि सेमीनार खत्म होने तक कारगर, सक्षम और आर्थिक दृष्टि से संतुलित कार्रवाई के बारे में आपदा अनुक्रिया में शामिल सभी एजेंसियों के बीच स्पष्ट समझदारी होगी। इससे निश्चित रूप से आपदा के समय जान-माल के नुकसान में कमी आयेगी।
पश्चिमी वायु कमान मुख्यालय अपने उत्तरदायित्व वाले क्षेत्र में इस तरह का सेमीनार आयोजित करता रहा है। सुब्रतो पार्क में आयोजित सेमीनार 15 मई, 2018 को सम्पन्न होगा।