लखनऊः उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सत्यदेव पचैरी ने कहा है कि अधिकतम रोजगार सृजन के लिये शिक्षा को कृषि से जोड़ना होगा। साथ ही कृषि को उद्योग का दर्जा दिलाना होगा, तभी प्रदेश एवं देश का विकास संभव होगा।
श्री पचैरी ने यह विचार आज यहां लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में लखनऊ विश्वविद्यालय की भाऊराव देवरस पीठ एवं स्माल इंडस्ट्रीज मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (सीमा) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी ‘खेत-खलिहाल से रूस ईरान तक’ में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि देश के भविष्य युवावर्ग के मन में यह विचार मजबूत हो कि उन्हें उद्योगपति बनना है, इसके लिए बुनियादी बदलाव करना होगा। इस हेतु आवश्यक है कि युवावर्ग को प्रशिक्षित किया जाये। इस दिशा में भारत सरकार और प्रदेश सरकार विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम संजीदगी से चला रही है।
लघु उद्योग मंत्री ने कहा कि कृषि को उद्योग का दर्जा दिलाने से सेवा क्षेत्र, कृषि क्षेत्र और उद्योग क्षेत्र तीनों का सामूहिक रूप से विकास संभव होगा। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद युवाओं का आवाहन करते हुये कहा कि आप सभी में प्रतिभा है। क्षमता है। आप सभी स्वरोजगार के माध्यम से अपने पैरों पर खडे़ हो सकते है। उन्होंने कहा कि युवाओं को स्वाबलंबी बनाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।
कार्यक्रम में औद्योगिक विकास आयुक्त डा0 अनूप चन्द्र पाण्डेय ने कहा कि बेरोजगारी की समस्या को समाप्त करने के लिये कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन आवश्यक है। इसके लिये राज्य सरकार पूरी तत्परता से कार्य कर रही है। कई नये कार्यक्रम, योजनायें और नीतियां बनाकर उनका कड़ाई से अनुपालन कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता इन्डस्ट्रीज स्थापित कराने की है। अगले वर्ष तक प्रदेश में 03 से 04 लाख करोड़ रुपये तक निवेश होने की सम्भावना है। टाटा, बिड़ला, अम्बानी से लेकर कई बड़े औद्योगिक घराने यहां अपना उद्यम स्थापित करने में इच्छुक है। उन्होंने कहा कि जनपद उन्नाव में जल्द ही आई0टी0सी0 अपना प्लांट लगाने जा रही है। ओ0डी0ओ0पी0 योजना के माध्यम से कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसमें 25 लाख लोगों को स्वरोजगार मिलेगा।
श्री पाण्डेय ने कहा कि बुंदेलखण्ड में डिफेंसकोरीडोर की स्थापना कराई जा रही है। लेदर पार्क, आई0टी0 पार्क तथा टेक्सटाइल्स पार्क की स्थापना पर बल दिया जा रहा है। आज कल के बच्चे अपने लिए काम करना चाहते हैं। इसके लिए स्टार्ट-अप पालिसी बनाई गई है और इस हेतु 1000 करोड़ रुपये के फण्ड की व्यवस्था भी की गई है। इस योजना के क्रियान्वयन का जिम्मा आई0आई0टी0 कानपुर को सौपा गया है।
कार्यक्रम में भाऊराव देवरस पीठ के निदेशक श्री सुरेश कुमार शुक्ला तथा सीमा के अध्यक्ष श्री शैलेन्द्र श्रीवास्तव एवं कानपुर, बांदा एवं फैजाबाद स्थित कृषि विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर छात्रों सहित कृषि क्षेत्र के जाने-माने विशेषज्ञों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया।