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राज्य स्तरीय पुरस्कार के तहत 40 हजार, 30 हजार एवं 20 हजार की राशि एवं प्रशस्ति पत्र देकर उद्यमियों को किया गया सम्मानित

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर आज अवध शिल्पग्राम, लखनऊ में “एक जनपद एक उत्पाद,  खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना एवं माटी कला बोर्ड” विषय पर आजएक तकनीकी एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, वस्त्र उद्योग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई, निवेश प्रोत्साहन, मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह द्वारा किया गया।

      इस अवसर पर श्री सिंह ने केंद्र एवं प्रदेश सरकार की नीति ‘सबका साथ, सबका विकास, और सबका विश्वास’को ध्यान में रखते हुए उपस्थित हस्तशिल्पी एवं परंपरागत कारीगरों को ओ.डी.ओ.पी., विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, खादी और ग्रामोद्योग एवं माटी कला योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने उद्यमियों/कारीगरों /हस्तशिल्पियों से योजनाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने ओ.डी.ओ.पी. योजना द्वारा स्थानीय उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने एवं प्रोत्साहन हेतु योजना की विशेष प्रशंसा की और कहा इनमे से कई उत्पाद ऐसे हैं जो अपनी पहचान खो रहे थे और इन्हें एक जनपद एक उत्पाद योजना के माध्यम से पुनर्जीवित किया गया है। खादी को बढ़ावा देने के लिए रेमण्ड के साथ समझौता किया जायेगा। उद्यमियों के पैसे की दिक्कत को दूर करने के लिए बैंकों का सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नयी तकनीक के आने से गुणवत्तापरक उत्पाद बनेंगे और निर्यात बढ़ेगा।

      एम0एस0एम0ई मंत्री ने कहा की परम्परागत व्यवसायों में सैकड़ों वर्षों से कार्यरत उद्यमियों/कारीगरों /हस्तशिल्पियों के उत्पादों में मूल्य वृद्धि के माध्यम से उनके सामाजिक एवं आर्थिक स्तर में सुधार होगा। उन्होंने कहा की आगामी कुछ महीनों में ओ.डी.ओ.पी. प्रकोष्ठ डिफेन्स एक्सपो, सूरजकुंड क्राफ्ट मेला, दिल्ली हाट इत्यादि में भी ओ.डी.ओ.पी. प्रदर्शनी लगाने जा रहा है। हुनर हाट की तर्ज पर ‘यू.पी. हाट’ का आयोजन प्रदेश एवं देश के मुख्य शहरों में किया जायेगा।

      इस आयोजन में उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री, खादी, ग्रामोद्योग, टेक्सटाइल, एमएसएमई और निर्यात संवर्धन, श्री चैधरी उदयभान सिंह ने लोगों से विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि आवश्यकता ही उत्पादन की जननी है, जैसे जैसे आवश्यकता बढ़ती है, वैसे वैसे उत्पादन भी बढ़ता है।  देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए विभिन्न प्रकार के उद्योगों ने जन्म लिया। देश की जमीन से जुड़े हुए उद्योग धंधों को जब तक संबल प्रदान नहीं करेंगे, तब तक देश का विकास नहीं हो सकता।

          खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री गोपाल अंजान ने माटी कला के विकास के लिए संचालित योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजनान्तर्गत प्रदेश के  शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के स्थानीय दस्तकार एवं परम्परागत कारीगरों यथा- बढई, दर्जी, टोकरी बुनकर, नाई, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई, मोची, राजमिस्त्री, हस्तशिल्पी को प्रशिक्षण एवं निःशुल्क उन्नत टूल किट प्रदान करके इन परम्परागत उद्यमियों के आजीविका के संसाधनों को सुदृढ़ किया जा रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 20,000 लोगों को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य है।

      प्रमुख सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग, खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग डा0 नवनीत सहगल ने तकनीकी सत्र के दौरान प्रदेश में जेम के माध्यम से शासकीय क्रय तकनीकी कठिनाइयों के ससमय निराकरण हेतु प्रदेश स्तर पर एक जेम पीएमयू के गठन की बात कही। इसके लिए जेम सेल भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार के मध्यम से एम0ओ0यू0 किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पीएमयू के गठन से सभी सरकारी विभागांे को जेम से सामान/सेवाओं के क्रय में सुगमता होगी। एक जनपद एक उत्पाद योजना के अन्तर्गत रोजगार अवसरों में वृद्धि हेतु श्री सुजीत कुमार ,प्रबन्ध निदेशक, न्च्ैत्स्ड के साथ भी समझौता किया गया।

      डा0 सहगल ने कहा कि प्रथम यू0पी0 दिवस के अवसर पर ओ0डी0ओ0पी0 कार्यक्रम की शुरूआत की गई थी। इसके तहत पारंपरिक कारीगरों को तमाम प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने कहा इस आयोजन में ओ0डी0ओ0पी0 की मुख्य भूमिका होती है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश तभी आगे बढ़ेगा, जब अंतिम पायदान का व्यक्ति आर्थिक रूप से सशक्त होगा।

      इस अवसर पर एक जिला-एक उत्पाद (ओ0डी0ओ0पी0) तथा विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के एक-एक हजार लाभार्थियों में उन्नत टूल किट का वितरण किया गया। इसके साथ ही ओ0डी0ओ0पी0, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना एवं खादी एवं ग्रामोद्योग की विभिन्न योजनाओं में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 18 प्रतिष्ठित हस्तशिल्पियों एवं उद्यमियों को सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना की 03 एवं माटी कला बोर्ड की 03 संस्थाओं को भी सम्मानित किया गया।

      ओ0डी0ओ0पी0 के तहत कानपुर नगर की सुश्री वान्या चंदेल को अमेजन पर 03 लाख रुपये प्रतिमाह बिक्री के लिए प्रथम पुरस्कार, गाजियाबाद के यांत्रिकी उत्पादक श्री कृष्ण कुमार तलवार जिन्होंने ओडीओपी के तहत गत वर्ष 4.5 करोड़ रुपये के सर्जिकल उपकरण निर्यात किये उन्हें द्वितीय पुरस्कार मिला। इनके अतिरिक्त पीलीभीत की बांसुरी निर्माता श्रीमती हिना परवनी 10 लाख का वार्षिक व्यापार करने पर तीसरे स्थान पर रहीं। इनको क्रमशः 40 हजार, 30 हजार एवं 20 हजार की राशि एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। उ0प्र0 खादी तथा ग्रामोद्योग क्षेत्र में सराहनीय प्रदर्शन करने वाले बागपत  के श्री मुकेश, झांसी के श्री आजाद एवं बांदा के श्री सुनील कुमार क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे। इनके अतिरिक उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली संस्थाओं अवध युवा कल्याण ग्रामोद्योग संस्थान मुरादाबाद प्रथम, विनोवा ग्रामोद्योग विकास संस्थान बांदा द्वितीय एवं स्वराज आश्रम कानपुर नगर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

      इसी प्रकार माटी कला बोर्ड के तहत विभिन्न प्रकार के घरेलू एवं सजावटी वस्तुओं के निर्माता गोरखपुर के श्री गब्बूलाल प्रजापति प्रथम, बुलन्दशहर के श्री राम प्रकाश प्रजापति द्वितीय तथा लखनऊ के श्री सरजू प्रसाद तृतीय स्थान प्राप्त करने में कामयाब रहे। इनके अतिरिक्त विश्वकर्मा श्रम सम्मान येाजना के तहत पुरस्कार प्राप्त करने वालों में सीतापुर के श्री रामजीवन, हैदरगढ़ बाराबंकी के श्री बृजेश कुमार, कानपुर नगर के श्री अशोक कुमार ठाकुर, अयोध्या के श्री राम प्रवेश सोनी , कानपुर देहात के श्री लालजी सोनी, उन्नाव के दीपक कुमार प्रजापति, हरदोई के श्री गोविन्द शर्मा, रायबरेली के श्री राम विलास तथा लखनऊ श्री अमित कुमार वर्मा शामिल हैं। इनके अलावा विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थाओं में मै0 यूपिको लिमिटेड, एग्रीकल्चर फायनेंस कारपोरेशन आॅफ इण्डिया तथा खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड को सम्मानित किया गया।

       ओ0डी0ओ0पी0, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, खादी एवं माटी कला बोर्ड के क्रियाकलापों पर आधा तकनी की सत्र में संचालित योजनाओं को और अधिक जनोन्मुखी तथा लाभदायक बनाने के संबंध में विषय विशेषज्ञों ने विस्तार से जानकारी दी।  बैंक आॅफ बड़ौदा के उपमहाप्रबंधक श्री बलबीर सिह लूथरा ने ओ0डी0ओ0पी के शिल्पकारों एवं उनकी इकाइयों को सुगम वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के संबंध विस्तार से जानकारी दी।  क्यू0सी0आई0 श्री अजय शर्मा ने एक जनपद एक उत्पाद के उत्पादों की गुणवत्ता का मानकीकरण एवं इसके लाभ के बारे में बताया।  प्रबंध निदेशक यू0पी0एस0आर0एल0एम0 श्री सुजीत कुमार द्वारा ओ0डी0ओ0पी0 के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों के सशक्तीकरण पर विशेष बल दिया गया।  ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक एवं जी0आई विशेषज्ञ श्री रजनी कांत ने जीआई टैगिंग के लाभों से अवगत कराया। इसके अतिरिक्त रेमण्ड के श्री अल्बर्ट रिगो ने खादी को बढ़ावा देने की बात कही। श्री भरत साह, निदेशक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी रायबरेली ने खादी उत्पादों की डिजाइनिंग एवं पैकेजिंग की चर्चा की।

      कार्यक्रम में ओ0डी0ओ0पी0 तथा खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की योजनाओं पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। साथ ही रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये गये। श्री गोविंद राजू एन. एस.,आयुक्त एवं निदेशक,उद्योग और उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय, उत्तर प्रदेश ने सभी गणमान्य लोगांे का धन्यवाद व्यक्त किया।

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