31 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

16 कमान तथा एएमपी; नियंत्रण केंद्र स्मा्र्ट सिटी के अंतर्गत चालू वर्ष के अंत तक 55 और चालू होंगे

देश-विदेश

नई दिल्ली: 24 जुलाई, 2019 को एक राष्‍ट्रीय दैनिक में प्रकाशित लेख में स्‍वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति

नहीं होने के कारण स्‍मार्ट सिटी कंपनियों में निगरानी तथा गवर्नेंस व्‍यवस्‍था का मुद्दा उठाया गया है। यह कहा गया है कि स्‍वतंत्र निदेशक के नहीं होने का अर्थ यह है कि मंत्रालय परियोजना की निगरानी नहीं कर रहा और परि‍योजना लागू करने का काम स्‍मार्ट सिटी प्रबंधक के भरोसे छोड़ दिया गया है। इस संबंध में यह स्‍पष्‍ट किया जाता है कि :

कंपनियां (नियुक्ति तथा निदेशकों की योग्‍यता) नियम, 2017 के संशोधित नियम 4 के अनुसार ‘गैर सूचीबद्ध सार्वजनिक कंपनी संयुक्‍त उद्यम है, पूर्ण स्‍वामित्‍व वाली सहायक कंपनी या निष्क्रिय कंपनी को स्‍वतंत्र निदेशक नियुक्‍त करना आवश्‍यक नहीं है’ इसलिए यह स्‍पष्‍ट किया जाता है कि स्‍मार्ट सिटी (एसपीवी) के लिए कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय की अधिसूचना के माध्‍यम से स्‍वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति करना अनिवार्य नहीं है।

आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने सभी 100 स्‍मार्ट सिटी में नामित निदेशकों की नियुक्ति की है जो बोर्ड की बैठकों में शामिल होते हैं और अपनी-अपनी सिटी की प्रगति पर नजर रखते हैं। ये निदेशक मंत्रालय की आंख और कान के रूप में काम करते हैं और स्‍मार्ट सिटी कंप‍नियों में कारपोरेट गवर्नेंस के उच्‍चतम मानकों को सुनिश्चित करते हैं।

इसके अतिरिक्‍त सिटी स्‍तर पर बनाए गए एसपीवी सिटी परियोजनाओं के प्रस्‍तावों के अनुसार परियोजना प्रबंधन सलाहकारों की तकनीकी सहायता से स्‍मार्ट सिटी परियोनाओं लागू करने के लिए जिम्‍मेदार हैं और मिशन निदेशालय प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष रूप से उनके कार्य प्रदर्शन की निगरानी करते हैं। सिटी स्‍तर पर परियोजना लागू करने में प्रगति की रिपोर्ट समय-समय पर राष्‍ट्रीय मिशन निदेशालय को दी जाती है, जिसमें मिशन के लक्ष्‍य एवं उपलब्धियों का संकेत होता है। राष्‍ट्रीय मिशन निदेशालय के अंदर स्‍मार्ट सिटी प्रबंधन इकाई गठित की गई है, ताकि यह 100 स्‍मार्ट सिटी परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी में सहायक हो सके। स्‍मार्ट सिटी के लिए एक केंद्रीकृत एमआईएस डैशबोर्ड विकसित किया गया है ताकि परियोजना की प्रगति से संबंधित डाटा अपलोड किया जा सके। इसका इस्‍तेमाल मिशन निदेशालय नियमित आधार पर क्रियान्‍वयन प्रगति की समीक्षा में करता है। राज्‍य स्‍तरीय बैठकों, शहरों की यात्राओं तथा वीडियों कॉन्‍फ्रेंस से प्रगति की नियमित रूप से समीक्षा की जाती है। ऐसे आयोजनों के  दौरान स्‍मार्ट सिटी को मिशन के समक्ष विषयों को उठाने के लिए प्रोत्‍साहित किया जाता है। मिशन समस्‍या का उचित समाधान सुझाता है और प्रगति को रास्‍ते पर लाता है। मिशन कार्यालय में बने सिटी स्पोर्ट समन्‍वयकर्ता (सीएससी) भी सक्रिय रूप से परियोजना क्रियान्‍वयन की निगरानी करता है, स्‍मार्ट सिटी की नब्‍ज पढ़ता है और संभावित बाधाओं का अनुमान लगाता है। मिशन सक्रिय निगरानी और प्रगति की पहली सूचना पाने तथा उनकी समस्‍याओं को समझने के लिए नियमित रूप से सम्‍मेलन, क्षेत्रीय कार्यशाला और वार्षिक आयोजन करता है, जिसमें विभिन्‍न राज्‍यों, मंत्रालयों के अधिकारी, विशेषज्ञ और भागीदार मिशन की प्रगति की समीक्षा करते हैं और श्रेष्‍ठ व्‍यवहारों को साझा करते हैं।

स्‍मार्ट सिटी को सहयोग

मंत्रालय स्‍मार्ट सिटी को तकनीकी सहायता, क्षमता सृजन, वित्‍त तथा अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग के रूप में सहायता प्रदान करता है, जिससे न केवल स्‍मार्ट सिटी के कार्य प्रदर्शन में सुधार होता है बल्कि कार्य प्रदर्शन के विभिन्‍न पहलुओं की जानकारी मिलती है।

मिशन ने सुगम्‍यता तथा पालिका प्रदर्शन सूचकांक, डाटा परिपक्‍वता मूल्‍यांकन ढांचा,  जलवायु स्‍मार्ट मूल्‍यांकन ढांचा जैसे अनेक ढांचों का विकास किया है। ये मूल्‍यांकन ढांचे स्‍मार्ट सिटी से संबंधित गंभीर विषयों पर सीधी जानकारी देने के लिए बनाए गए हैं। ये ढांचे तत्‍कालिक विषय के बारे में स्‍मार्ट सिटी को जागरूक करते हैं और उनकी समझदारी बढ़ाते हैं। पालिका तथा स्‍मार्ट सिटी अधिकारियों के लिए क्षमता सृजन कार्याशालाएं नियमित रूप से चलाई जाती है।

मिशन की गति

ढाई वर्ष (जनवरी 2016 से जून 2018) की अवधि में 4 दौर में स्‍मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए 100 सिटी का चयन किया गया। 19 जुलाई, 2019 को 1,36,000 करोड़ रुपये मूल्‍य की 3,700 परियोजनाओं के ठेके दिए गए हैं, जिसमें से 90,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्‍य की 2,900 परियोजनाओं के लिए कार्य आदेश जारी किए गए हैं और 15,000 करोड़ रुपये से अधिक की 900 से अधिक परियोजनाएं पूरी कर ली गई हैं।

एसीएम में परियोजनाओं की निविदा संख्‍या में जून 2018 से 170 प्रतिशत की तेजी आई है।

स्‍मार्ट सिटी मिशन प्रगति– परियोजना आधारित

इसी तरह जून, 2018 से मिशन में शुरू किए गए कुल कार्य में 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई है

स्‍मार्ट सिटी मिशन प्रगति- परियोजना प्रारंभ/पूर्ण

  • अधिकतर परियोजनाएं नवाचारी हैं और हमारे देश में पहली बार लागू की जा रही हैं। उदाहरण के लिए 16 कमान और नियंत्रण केंद्र स्‍थापित किए गए हैं और इस वर्ष के अंत तक 55 और चालू हो जाएंगे। अधिकतर सिटी शहरी खुले स्‍थानों, सौर ऊर्जा, सुरक्षा, सार्वजनिक परिवहन, पूरी सड़कें तथा सुधरी हुई नागरिक सेवाओं जैसे क्षेत्रों में सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं। विकसित की जा रही प्रमुख परियोजनाएं इस प्रकार हैं:
  • स्‍मार्ट कमान तथा नियंत्रण केंद्र 16 सिटी में पूरे और चालू हो गए हैं, 45 सिटी में इसे विकसित किया जा रहा है और 10 सिटी के लिए निविदा जारी की गई है।
  • 25 सिटी में स्‍मार्ट रोड पूरी कर ली गई है और चालू है। 60 शहरों में ये विकसित की जा रही है और 37 सिटी के लिए निविदाएं जारी की गई हैं।
  • स्‍मार्ट सोलर 15 सिटी में पूरे और चालू हो गए हैं, 37 सिटी में इसे विकसित किया जा रहा है और 8 सिटी के लिए निविदा जारी की गई है।
  • स्‍मार्ट अपशिष्‍ट जल 10 सिटी में पूरे और चालू हो गए हैं, 50 सिटी में इसे विकसित किया जा रहा है और 19 सिटी के लिए निविदा जारी की गई है।
  • स्‍मार्ट जल परियोजनाएं 24 सिटी में पूरी और चालू, 56 सिटी में इसे विकसित किया जा रहा है और 29 सिटी के लिए निविदा जारी की गई है।

   प्रकाशित लेख इस तथ्‍य को सामने लाने में विफल रहा है कि स्‍मार्ट सिटी मिशन केवल परियोजनाओं के बारे में नहीं है। मिशन शहरी विकास की प्रक्रियाओं और परिणामों से संबंधित अनेक प्रणालीगत विषयों का समाधान करता है। इनमें 74वें संशोधन में वर्णित स्‍थानीय सरकार सशक्तिकरण एक है। दीर्घकाल तक बने रहने के लिए स्‍थानीय सरकारों को सशक्‍त और सक्षम बनाना अंतिम लक्ष्‍य है। एक ओर एसपीवी को पर्याप्‍त स्‍वयत्‍ता दी गई है तो दूसरी ओर मिशन निदेशालय की भूमिका एसपीवी के पालन-पोषण की नहीं बल्कि उनकी निदेशन एवं संरक्षण की है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More