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वित्तीय वर्ष 2017-18 का बजट राज्य की 22 करोड़ जनता की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है: मुख्यमंत्री

वित्तीय वर्ष 2017-18 का बजट राज्य की 22 करोड़ जनता की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है: मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा आज विधान सभा में प्रस्तुत वित्तीय वर्ष 2017-18 का बजट राज्य की 22 करोड़ जनता की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। इस बजट में किसानों, दुर्बल वर्ग, महिलाओं एवं बालिकाओं, बुजुर्गों व युवा वर्ग को समाज में भयरहित वातावरण प्रदान करने तथा उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत करने के लिए सक्षम बनाने की योजनाएं सम्मिलित की गई हैं। 03 लाख 84 हजार 659 करोड़ 71 लाख रुपए का प्रस्तावित बजट पिछले वित्तीय वर्ष के सापेक्ष लगभग 11 फीसदी अधिक है। प्रस्तुत बजट में 55 हजार 681 करोड़ 96 लाख रुपए की नई योजनाएं सम्मिलित की गई हैं।

मुख्यमंत्री जी आज यहां विधान भवन स्थित तिलक हाॅल में मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गरीबी को समाप्त करना वर्तमान राज्य सरकार का मुख्य लक्ष्य है। इसके लिए बुनियादी सुविधाओं का विकास करते हुए अगले पांच वर्ष में दहाई विकास दर प्राप्त करने का भरपूर प्रयास किया जाएगा। प्रदेश में जनसाधारण को विश्वस्तरीय आधुनिक यातायात व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए लखनऊ मेट्रो के कार्य को और तेजी से आगे बढ़ाने के साथ-साथ कानपुर, वाराणसी, आगरा एवं गोरखपुर में मेट्रो रेल परियोजनाएं प्रस्तावित की गई हैं। इसके लिए प्रस्तुत बजट में 288 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। साथ ही, बुन्देलखण्ड क्षेत्र तथा पूर्वान्चल को एक्सप्रेस-वे द्वारा जोड़ने के लिए कार्रवाई की जा रही है।

योगी जी ने बताया कि प्रदेश में उद्योगों की स्थापना एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति, 2017 को लागू करने के लिए बजट में प्रस्ताव किया गया है। इसके तहत विशेष निवेश बोर्ड एवं सिंगल विण्डो क्लीयरेंस के लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था की गई है। पारम्परिक स्वरोजगारियों की सहायता के लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना प्रस्तावित करते हुए 10 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को अक्टूबर, 2018 से 24 घण्टे बिजली की आपूर्ति तथा प्रत्येक प्रदेशवासी को वर्ष 2019 तक विद्युत की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बजट में पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था की गई है। डिजिटल इण्डिया का प्रयोग करते हुए प्रदेश को विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए यह सरकार कृत संकल्प है।

वर्तमान राज्य सरकार द्वारा अपनाए जा रहे वित्तीय अनुशासन की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने फिजूलखर्ची को रोक कर जनता पर बिना कोई अतिरिक्त कर रोपित किए फसली ऋण मोचन के लिए बजट में 36 हजार करोड़ रुपए का प्राविधान किया है। राज्य की ऋण ग्रस्तता में सुधार आया है। वर्तमान में यह सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 28.6 प्रतिशत है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में ऋण ग्रस्तता करीब 30 फीसदी से अधिक थी। उन्होंने भरोसा जताया कि प्रदेश सरकार लोक कल्याण संकल्प पत्र को चरणबद्ध ढंग से लागू करते हुए प्रदेश के चतुर्दिक विकास के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने में सफल होगी।

मुख्यमंत्री जी ने बताया कि राज्य सरकार ने जनपद गोरखपुर के पिपराइच एवं बस्ती के मुण्डेरवा चीनी मिलों को पुनः संचालित करने के लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था करते हुए निगम क्षेत्र की मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल के क्षमता विस्तारीकरण एवं कोजेन की स्थापना हेतु करीब 74 करोड़ रुपए का ऋण स्वीकृत कराया है। इसी प्रकार सहकारी क्षेत्र की 23 चीनी मिलों के अपगे्रडेशन हेतु तकनीकी परीक्षण कराया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में बीहड़, बंजर एवं जलभराव वाले क्षेत्रों को सुधारने, कृषि मजदूरों को आवंटित भूमि का उपचार कराने तथा उन्हें आजीविका उपलब्ध कराने हेतु पं0 दीन दयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना हेतु 10 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है।

कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर, फैजाबाद, मेरठ, बांदा एवं इलाहाबाद में विभिन्न फसलों पर अनुसंधान हेतु सेण्टर फाॅर एक्सीलेन्स की स्थापना के लिए 10 करोड़ रुपए की व्यवस्था बजट में की गई है। प्रदेश की सड़कों के अनुरक्षण एवं उन्हें गड्ढामुक्त किए जाने हेतु 03 हजार 972 करोड़, विशेष क्षेत्र कार्यक्रम के तहत पूर्वान्चल के लिए 300 करोड़ तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिए 200 करोड़ रुपए का प्राविधान अवस्थापना विकास की नई योजनाओं के लिए किया गया है। पं0 दीन दयाल उपाध्याय नगर विकास योजना के तहत 300 करोड़, मुख्यमंत्री नगरीय अल्प विकसित व मलिन बस्ती विकास योजना के तहत 385 करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना-सबके लिए आवास (शहरी मिशन) हेतु 3,000 करोड़ तथा दीन दयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन हेतु 218 करोड़ 75 लाख रुपए का प्राविधान किया गया है।

योगी जी ने बताया कि प्राथमिक शिक्षा को सुधारने के लिए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क स्कूल बैग के लिए 100 करोड़, एक जोड़ी जूता, दो जोड़ी मोजा तथा एक स्वेटर के लिए 300 करोड़, निःशुल्क यूनीफाॅर्म एवं पाठ्य पुस्तके उपलब्ध कराने हेतु 123 करोड़ 96 लाख रुपए का बजट प्रस्तावित किया गया है। सभी बालिकाओं को अहिल्याबाई निःशुल्क शिक्षा योजना के अंतर्गत ग्रेजुएट स्तर तक शिक्षा के लिए 21 करोड़ 12 लाख, पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं की पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना हेतु 142 करोड़ तथा दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति हेतु 1061.32 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है, जबकि अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति योजना एवं शुल्क प्रतिपूर्ति हेतु 941.83 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है। समस्त राजकीय तथा अराजकीय महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में वाईफाई की सुविधा हेतु 50 करोड़ रुपए का प्राविधान भी किया गया है।

मुख्यमंत्री जी ने बताया कि सामान्य वर्ग, अनुसूचित जाति तथा जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक समुदायों के निर्धन अभिभावकों की पुत्रियों के सामूहिक विवाह के लिए 250 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत अयोध्या, वाराणसी एवं मथुरा में क्रमशः रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट एवं कृष्ण सर्किट की योजनाओं के लिए 1240 करोड़, प्रासाद योजना के तहत अयोध्या, वाराणसी एवं मथुरा शहरों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 800 करोड़, वाराणसी में सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना के लिए 200 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है। इलाहाबाद में आयोजित होने वाले अद्धकुम्भ मेला 2019 के लिए 500 करोड़, गाजियाबाद में कैलाश मानसरोवर भवन के निर्माण हेतु 20 करोड़, गोरखपुर स्थित रामगढ़ ताल में वाॅटर स्पोर्ट्स के विकास हेतु 25 करोड़, विन्याचल के पर्यटन विकास हेतु 10 करोड़ तथा जनपद मथुरा के नगला चन्द्रभान का ग्रामीण पर्यटन के तहत विकास के लिए 05 करोड़ रुपए के साथ-साथ रामायण काॅन्क्लेव के आयोजन के लिए 03 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बजट में किया गया है।

योगी जी ने बताया कि प्रदेश के 61 शहरों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए अमृत योजना के तहत 2,000 करोड़, स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 1500 करोड़, स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) योजना के लिए 1,000 करोड़, नमामि गंगे योजना के तहत 240 करोड़, झील संरक्षण योजना के तहत 70 करोड़ रुपए का प्राविधान भी किया गया है। उन्होंने प्रस्तुत बजट के माध्यम से प्रदेश को नये युग की तरफ ले जाने की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार सबका साथ-सबका विकास की नीति पर चलते हुए प्रदेश के विकास के लिए गम्भीरता से प्रयास शुरु कर दिया है। उन्होंने इस प्रगतिशील बजट के लिए वित्त मंत्री श्री राजेश अग्रवाल एवं अपर मुख्य सचिव वित्त डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय की सराहना करते हुए भरोसा जताया कि उनके इस प्रयास से प्रदेश की आर्थिक विकास दर में बढ़ोत्तरी होगी, जिससे आर्थिक संसाधन बढ़ेंगे और नौजवानों को रोजगार के अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध होंगे।

इस अवसर पर सूचना राज्य मंत्री डाॅ0 नीलकण्ठ तिवारी, मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार, प्रमुख सचिव सूचना श्री अवनीश अवस्थी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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