देहरादून: प्रदेश के वन एवं वन्य जीव, पर्यावरण एवं ठोस, अपशिष्ट निवारण, श्रम, सेवायोजन, प्रशिक्षण, आयुष एवं आयुष शिक्षा मंत्री डाॅ0 हरक सिंह रावत ने विधान सभा स्थित कार्यालय कक्ष में सचिव एवं प्रमुख वन संरक्षक वन विभाग के साथ सहायक वन कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों की मांग के सम्बन्ध में दोनों पक्षों की संयुक्त बैठक बुलाई। सहायक वन कार्मिकों की एक माह के अतिरिक्त वेतन की मांग को जायज ठहराते हुए डाॅ0 रावत ने प्रस्ताव कैबिनेट में लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि फील्ड वन कर्मी यथा डिप्टी रेंजर, फारेस्टर आदि के कार्य की प्रकृति 24 घण्टे की है, जिसके मध्यनजर वन कर्मियों को एक माह का अतिरिक्त वेतन का लाभ पुलिस जवानों की भांति दिलाने से सम्बन्धित प्रस्ताव पुनः कैबिनेट में लाया जाय। डाॅ0 रावत ने फील्ड वन कार्मिकों की ड्यूटी को जोखिम भरी बताते हुए मानव क्षति, जान माल की क्षति पर निधि नियमावली 2012 से प्रभावित वन कर्मी/सम्बन्धित आश्रित को भी दिये जाने का प्राविधान का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि वन कार्मिकों की कार्य की प्रकृति जोखिम भरी है, उन्हें जंगली जानवरों से नुकसान की सम्भावना बनी रहती है। उन्हांेने जंगली जानवर से पीड़ित/सम्बन्धित आश्रित को दी जाने वाली अनुग्रह राशि दोगुना करने सम्बन्धित प्रस्ताव आगामी कैबिनेट में लाने के निर्देश सचिव वन को दिये, तथा पौष्टिक आहार की दरों की वृद्धि प्रस्ताव भी आगामी कैबिनेट में लाने के निर्देश दिये। डाॅ0 रावत ने सीधी भर्ती के ए0सी0एफ के रिक्त पदों को पदोन्नति से भरने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिन फारेस्ट गार्डो ने अनवरत 26 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली हो और मौलिक रूप से नियुक्ति नायक/लीसा मोहर्रीर व वन आरक्षी पद से वन दरोगा के पद पर पदोन्नत हुए हों, को वन टाइम सैटलमैन्ट योजना के तहत डिप्टी रेंजर के निःसंवर्गीय पद पर पदोन्नति का लाभ दिया जाने हेतु प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये, तथा निःसंवर्गीय पदों की स्वीकृति का प्रस्ताव कैबिनेट में लाने के निर्देश दिये। उन्होंने वन आरक्षी से रेंजर तक पदों के पुनर्गठन की आवश्यकता पर बल देते हुए पदों को बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये, तथा सीधी भर्ती के रिक्त एसीएफ के रिक्त पदों पर तदर्थ पदोन्नति का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये। उन्हांेने पदोन्नति में बाध्यता की अवधि के शिथिलिकरण हेतु संशोधन लाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सचिव एवं प्रमुख वन संरक्षक को निर्देश दिया, कि जिन स्थानों में वन विभाग की योजनाओं का लाभ दिलाने में कठिनाई हो, उन क्षेत्रों में कैम्पा तथा जायका में उपलब्ध धनराशि के माध्यम से वानिकी कार्य करा कर वन विभाग की योजनाओं से शतप्रतिशत लाभान्वित करने की दिशा में कार्य किया जाय। इस अवसर पर सचिव वन अरविन्द सिंह ह्यांकी, प्रमुख वन संरक्षक राजेन्द्र कुमार एवं संयुक्त सचिव वन आर0के0तोमर मौजूद थे।
