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योग ने सम्पूर्ण मानवता और विश्व को जोड़ दिया है: मुख्यमंत्री

योग ने सम्पूर्ण मानवता और विश्व को जोड़ दिया है: मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि योग ने सम्पूर्ण मानवता और विश्व को जोड़ दिया है। इसे अन्तर्राष्ट्रीय पहचान मिल रही है। योग शरीर, मन और बुद्धि को भी जोड़ता है। उन्होंने कहा कि इसे अन्तर्राष्ट्रीय महत्व दिलाने का श्रेय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को जाता है। सभी को उनके प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए। आगामी 21 जून को प्रधानमंत्री जी लखनऊ मंे लगभग 55 हजार योग-साधकों के साथ योग में भाग लेंगे और यह पूरे उत्तर प्रदेश के लिए अद्भुत क्षण होगा।

मुख्यमंत्री जी आज जनपद गोरखपुर में गोरखनाथ मन्दिर में योग शिविर एवं शैक्षिक कार्यशाला के उद्घाटन कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष महायोगी गुरू गोरखनाथ योग संस्थान एवं महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा योग शिविर का आयोजन किया जाता है, जिसमें योग प्रशिक्षण के साथ शिक्षा जगत की महत्वपूर्ण समस्याओं एवं अन्य बातों पर भी चर्चा होती हैं।

योगी जी ने कहा कि योग भारत की प्राचीन विधा है। यह ऋषियों का प्रसाद है। योग के महत्व को वेदों से लेकर सभी प्राचीन ग्रन्थों ने स्वीकारा है। उन्होंने कहा कि योग अध्यात्म के रहस्य में डुबकी लगाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। असम्भव कार्य भी योग से सम्भव हो सकता है। इस अवसर पर उन्होंने बाबा गम्भीरनाथ के बारे में बताते हुए कहा कि बाबा गम्भीरनाथ पहुंचे हुए योगी थे। वे अपने समय के ऐसे योगी थे जो योग के बल पर परकाया में भी प्रवेश कर जाते थे।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश का विशेष सौभाग्य है कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी इस बार प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम के सहभागी बनेंगे। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रातः 6 से 8 बजे तक जहां पर भी हों, इस योग कार्यक्रम में अपनी सहभागिता दर्ज करायें। उन्होंने कहा कि योग को अध्यात्म के साथ-साथ शैक्षिक कार्यशाला से भी जोड़ा जा रहा है। योग विश्व को भारत की देन है, आज पूरा विश्व इसके महत्व को स्वीकार कर रहा है।

योगी जी ने कहा कि योग लोक-कल्याण का बेहतर मार्ग प्रशस्त कर सकता है। योग से उन स्थितियों को सरलता से प्राप्त किया जा सकता है, जो एक सामान्य मनुष्य आसानी से नहीं प्राप्त कर सकता। जैसे-जैसे लोग योग अभ्यास में आगे आयेंगे, उनको इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि योग की शुरूआत जनपद गोरखपुर से हुई थी, इसलिए गोरखपुर वासियों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में स्कूल एवं पार्कों में 21 जून, 2017 को जन-सहयोग के माध्यम से योग शिविर का आयोजन होना चाहिए। सभी योग में भाग लेकर अपनी ऋषि परम्परा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करें।

इस मौके पर कटक (उड़ीसा) से पधारे श्री शिवनाथ जी महराज ने कहा कि योग एक साधन है इससे जिसके तीन लाभ है, शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक शांति एवं आध्यात्मिक उन्नयन। उन्होंने कहा कि प्राणायाम से सारे रोग दूर हो जाते है और मानसिक शांति मिलती है। बाबा गोरखनाथ योग साधना में प्रवीण थे। वे हठयोग के प्रणेता थे। इस अवसर पर गोरखनाथ आसुक संगा के सचिव श्री प्रदीप कुमार नाथ ने बांस से बनी भगवान शंकर की प्रतिमा मुख्यमंत्री जी को भेंट की। इससे पूर्व, कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से हुई। समापन वंदे मातरम के गायन के साथ किया गया।  इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, योग-साधकों सहित गणमान्य नागरिक व बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

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