24 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

अमृतसर ट्रेन हादसा: चश्‍मदीद ने सुनाई सच से पर्दा उठाने वाली कहानी

देश-विदेश

अमृसर: पंजाब के अमृतसर में जोड़ा फाटक के पास हुए दिल दहलाने वाले रेल हादसे में अब तक 60 से ज्‍यादा की जान जा चुकी है। बड़ी संख्‍या में लोग घायल हुए हैं, जिनका अस्‍पताल में इलाज चल रहा है। सीएम अमरिंदर सिंह ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। हादसे के बारे में रेल राज्‍य मंत्री मनोज सिन्‍हा का कहना है कि रेलवे की इस हादसे में कोई गलती नहीं है, जबकि स्‍थानीय प्रशासन अपना पल्‍ला झाड़ रहा है। रेलवे और स्‍थानीय प्रशासन के दावों के बीच एक चश्‍मदीद ने हैरान करने वाला खुलासा किया है। आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, चश्‍मदीद हैप्‍पी ने बताया कि जिस जगह पर रावण दहन के दौरान शुक्रवार को हादसा हुआ, ठीक उसी जगह पर 20 दिन पहले सरकारी कर्मचारी काम कर रहे थे, लेकिन तब कोई हादसा नहीं हुआ।

हैप्‍पी के मुताबिक, 20 दिन पहले ट्रैक पर कर्मचारी काम कर रहे थे। इसी दौरान ट्रेन गुजरी, लेकिन धीमी रफ्तार से, जबकि दशहरा वाले दिन ट्रेन की रफ्तार तूफानी थी। हैप्‍पी ने सवाल उठाया कि अगर ड्राइवर को सरकारी कर्मचारी ट्रैक पर दिख रहे थे तो आम लोग क्‍यों नहीं दिखे। वैसे भी दो चार लोग तो थे नहीं, बल्कि सैकड़ों लोग वहां मौजूद थे।

ट्रैक पर लोगों को कुचलने वाली ट्रेन के ड्राइवर के हवाले से रेलवे ने जो कहानी बताई है, उसके आधार पर विभाग चालक को क्‍लीन चिट देता दिखाई दे रहा है। डीआरएम ने बताया कि ड्राइवर ने स्‍पीड कम करने का प्रयास किया था। हादसे से पहले ट्रेन की स्‍पीड 91 किलोमीटर प्रति घंटा थी। ड्राइवर ने स्‍पीड कम की, लेकिन दूरी कम होने की वजह से हादसे वाली जगह तक पहुंचते वक्‍त ट्रेन की स्‍पीड कम नहीं हो सकी। उस वक्‍त ट्रेन 68 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही थी।

हादसे के बाद भी ट्रेन नहीं रोके जाने के बारे में रेलवे का कहना है कि हादसे के बाद ट्रेन की रफ्तार बेहद कम हो गई थी और 10 किलोमीटर प्रति घंटा तक आ गई थी, लेकिन गुस्‍साए लोग ट्रेन पर पथराव करने लगे। भीड़ को आक्रामक होता देख ड्राइवर ने वहां ट्रेन रोकना उचित नहीं समझा और वह यात्रियों को सुरक्षित अमृतसर लेकर पहुंच गया। वहीं, पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने दावा किया कि ट्रेन में हॉर्न ही नहीं था। इस पर रेलवे की ओर से सफाई दी गई है कि ट्रेन में हॉर्न एकदम ठीक था और ड्राइवर ने इसे बजाया भी था। कुछ चश्‍मदीदों का कहना है कि पटाखों का शोर इतना ज्‍यादा था कि लोगों को ट्रेन का हॉर्न सुनाई ही नहीं दिया। source: oneindia

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More