देहरादून: हिमगिरी ज़ी विश्वविद्यालय मैं महफ़िल ए मुशायरा आयोजित किया गया। पिछले वर्ष की तर्ज पर इस बार भी छात्र- छात्राओं ने इस प्रतियोगिता मैं भाग लिया। कार्यक्रम की शुरूआत उपकुलपति डा राकेश रंजन तथा कुलचचिव डा विप्लव पांडे ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। अपने संबोधन मैं उपकुलपति डा राकेश रंजन ने फ़ैज, फिराक और मज़ाज जैंसे शायरो का जिक्र करते हुए गज़ल और शायरी को एक हिंदुस्तानी कला का नाम कहा और छात्र- छात्राओं से आह्वान किया कि वे इन हिंदुस्तानी कलाओं को सहेजने मैं अपना अनवरत प्रयास करते रहेंगे।
इस मौके पर फैकल्टी आफ आर्किटेक्चर के डीन प्रो0 सतीश कुलकर्णी ने साहिर लुधयानवी को श्रद्धांजलि देते हुए उनका लिखा हुआ गाना चलो इक बार फिर से गाया। इस मौके पर आयोजित प्रतियोगिता मैं एग्रीकल्चर डिर्पाटमैंट की प्रगति को पहला पुरूस्कार प्राप्त हुआ। जबकि मास काम डिर्पाटमैंट के नवदीप सैनी ने दूसरा पुरूस्कार तथा फारेस्ट्री डिर्पाटमैंट की सुगम को तीसरा पुरूस्कार प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी डिर्पाटमैंट के विभागाध्यक्ष एवं अन्य सभी प्राध्यापक तथा सहायक प्राध्यापक मौजूद थे। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अंकिता उनियाल, सोनिया चमोली, विकास चैहान, संजीव कुमार तथा कैलाश कंडवाल का महत्वपूर्ण योगदान रहा।