Online Latest News Hindi News , Bollywood News

श्री माता अमृतानंदमयी ने सिविल 20 इंडिया के रूप में ₹50 करोड़ की मानवीय परियोजना की घोषणा की

Uncategorized

देहरादून: श्री माता अमृतानंदमयी देवी (अम्मा) ने माता अमृतानंदमयी मठ द्वारा ₹50 करोड़ की परियोजना की शुरूआत की है। इसके अंतर्गत विकलांग लोगों और कुपोषित गर्भवती महिलाओं का सहयोग किया जाएगा। इस परियोजना में भारत भर के अविकसित जिलों के साथ-साथ अन्य विकासशील देशों में भी काम किया जाएगा। आश्रम इस परियोजना के अंतर्गत लाभार्थियों के जीवन में वास्तविक परिवर्तन लाने के उद्देश्य से स्थानीय नागरिक समाज संगठनों (सीएसओ) के साथ मिलकर काम करेगा। साथ ही अम्मा इसे कुशल और प्रभावी प्रणालियों के लिए एक उदहारण के रूप में स्थापित करने की भी उम्मीद करती हैं, जिसे बाद में दुनिया भर के अन्य सीएसओ और सरकारों द्वारा अपनाया जा सकता है।

यह घोषणा अम्मा की अध्यक्षता वाले भारत के सिविल 20 वर्किंग ग्रुप (C20) के उद्घाटन समारोह के दैरान की गई थी। C20 का उद्देश्य इस सितंबर में नई दिल्ली में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन में दुनिया भर के नागरिक समाज संगठनों (सीएसओ) के विचारों को लाना है। G20 वैश्विक आधार पर वित्तीय स्थिरता को संबोधित करने के लिए दुनिया की विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए प्रमुख अंतर सरकारी मंच है। G20 में इस वर्ष भारत मेजबान देश के रूप में हैं और इसकी थीम वसुधैव कुट्टंबकम है – जिसका मतलब है कि “पूरी दुनिया एक परिवार है।”

इस खास मौके पर का अम्मा का कहना है, “यह एक शुभ अवसर है। हमने दुनिया की मिटती रोशनी को पुनर्स्थापित करने के लिए एक मिशन शुरू किया है। यह एक ऐतिहासिक वर्ष है जिसमें भारत को जी20 देशों की अध्यक्षता संभालने का अवसर मिला है। भारत सरकार और माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हमें सिविल सोसाइटी 20 की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक सुगम बनाने की अनूठी जिम्मेदारी दी है। हम कोशिश करेंगे कि अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभा पाएं और इस प्रयास के साथ न्याय कर सकें।”

सीएसओ एक गैर-लाभकारी, स्वैच्छिक नागरिकों का समूह है जो स्थानीय, राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संगठित होता है। कार्य-उन्मुख और एक सामान्य हित वाले लोगों द्वारा संचालित, सीएसओ विभिन्न प्रकार की सेवाएं और मानवीय कार्य करते हैं, नागरिकों के मुद्दों को सरकार तक पहुंचाते हैं, नीतियों पर नज़र रखते  हैं और सामुदायिक स्तर पर राजनीतिक भागीदारी को प्रोत्साहित करते हैं।

इस प्रकार, C20 के मुख्य काम सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में लोगों के सामने आने वाले मुद्दों को हल करना है। शिखर सम्मेलन से पहले, C20 दुनिया भर के सैकड़ों सीएसओ के साथ प्राथमिक और सामान्य मुद्दों को सामने लाने के लिए और किसी को भी पीछे न छोड़ने की दृष्टि से सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए सहयोग करेगा। अम्मा ने बताया कि आध्यात्मिक ज्ञान को एकीकृत करते हुए व्यावहारिक शोध किया जाना चाहिए और इस बात पर जोर दिया कि मानव जाति को प्रकृति का विनाश होने से रोकना चाहिए।

अम्मा ने आगे कहा, “हमें इसकी आवश्यकता को उन संकेतों से समझना चाहिए जो प्रकृति और ब्रह्मांड हमें भेजते रहते हैं। केवल तभी हम कुछ हद तक वसुधैव कुट्टंबकम के सिद्धांत को पूरा कर पाएंगे। मानव जाति की गलत समझ है कि प्रकृति हमारी असंवेदनशील और आज्ञाकारी सेवक है, और इसलिए हम जो चाहे वो कर सकते हैं। हालांकि, सच्चाई यह है कि प्रकृति एक एकीकृत निकाय है – एक इकाई है। अगर हम वास्तव में टिकाऊ (सतत) विकास चाहते हैं, तो केवल शिखर सम्मेलन आयोजित करना, पुरस्कार देना, कानून और नीतियां बनाना पर्याप्त नहीं हैं। मानवता का दृष्टिकोण बदलना चाहिए। यदि हम अपना दृष्टिकोण बदल सकते हैं, केवल तभी हम अपने परिवेश को बदल सकते हैं।”

उद्घाटन के दौरान तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने कहा कि किसी भी परियोजना की सफलता के लिए सामुदायिक भागीदारी आवश्यक है, और C20 यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है कि समाज की मूलभूत आवश्यकताओं को G20 नेताओं के सामने व्यक्त किया जाए। उन्होंने समझाया कि आज दुनिया तेजी से चुनौतीपूर्ण संकटों से गुजर रही है और जीवित रहने के लिए अब सामूहिक कार्रवाई आवश्यक है।

उन्होंने कहा, “दुनिया संवेदी सुखों को संतुष्ट करने में व्यस्त है, और साथ ही, विश्व व्यवस्था मानवता के प्रेम के बजाय सैन्य शक्ति के डर पर आधारित है। हमें इसे बदलना होगा। लोगों के दिल में एक मौलिक संबंध होना चाहिए: जिस तरह से आज हम खुद को देखते हैं, दूसरों को देखते हैं, प्रकृति और धरती माता को देखते हैं। G20 के मेजबान के रूप में भारत के साथ, दुनिया हमें उम्मीद से देख रही है – एक उम्मीद की किरण जो आगे का रास्ता दिखाती है। हम सब यहां इस धरती पर हैं। हम सभी धरती माता की संतान हैं। यह धरती शोषण का संसाधन नहीं है बल्कि यह शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए है।”

उन्होंने आगे कहा, “मुझे यकीन है कि अम्मा के सक्षम नेतृत्व में सी20 व्यावहारिक सिफारिशों के साथ सामने आएगा क्योंकि अम्मा के पैर हमेशा जमीन पर रहते हैं। इसे एक सुखी, शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण संसार बनाने के लिए इन सिफारिशों से जी20 को अत्यधिक लाभ होगा

भारत के सी20 के सदस्यों में प्रतिभागी के रूप में श्री एम – सत्संग फाउंडेशन, सुधा मूर्ति – अध्यक्ष, इंफोसिस फाउंडेशन और सचिवालय के रूप में रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी और विवेकानंद केंद्र, कन्याकुमारी संस्थागत भागीदार के रूप में शामिल हुए।

कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थति दर्ज कर उद्घाटन की शोभा बढ़ाई। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि उम्मीद है कि सी20 वर्किंग ग्रुप्स से निकले विचार आज दुनिया के सामने मौजूद पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करेंगे। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा कि प्रधान मंत्री मोदी समाज के सभी सदस्यों चाहे वे महिला, पुरुष, युवा या वृद्ध हों को शामिल करते हुए जी20 की कल्पना करते हैं, और इसे सी20 के माध्यम से हासिल किया जा सकता है।

इसके अलावा, केरल के राज्य लोक शिक्षा मंत्री, वी. शिवनकुट्टी ने कहा कि जी20 एक ऐसा मंच है जहां दुनिया वर्तमान की चुनौतियों का सामना करने के लिए हाथ मिलाएगी और सीएसओ समाज के सभी स्तरों तक पहुंचने के लिए सबसे प्रभावी तंत्र हैं। नीति आयोग के पूर्व सीईओ और जी20 में भारत के विशेष प्रतिनिधि (शेरपा) अमिताभ कांत ने कहा कि चूंकि महिलाएं भारत की बहुसंख्यक आबादी का गठन करती हैं, इसलिए लैंगिक समानता पर आधारित विकास नीति हमारी प्राथमिकता है।

दुनिया भर से कई अन्य लोगों ने भी उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। जिनमे सांसद शशि थरूर, भारत और संयुक्त राष्ट्र के पूर्व उप महासचिव, विनय पी सहस्रबुद्धे, सांसद और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष, विजय के नांबियार, शेरपा C20 और संयुक्त राष्ट्र महासचिव के पूर्व विशेष सलाहकार, सेल्सफोर्स के सीईओ और परोपकारक मार्क बेनिओफ, उद्यमी, परोपकारक और अमृता विश्व विद्यापीठम से डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त करने वाले टी डेनी सैनफोर्ड, एएच मफ्तुचन, इंडोनेशिया से सी20 ट्रोइका सदस्य, एलेसेंड्रा निलो, ब्राजील से सी20 ट्रोइका सदस्य, और लॉरेंट बेसेडे, रेड क्रॉस, फ्रांस के जनरल लीगल डायरेक्टर जैसी हस्तियां शामिल हुईं।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More