33 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

पेटीएम प्ले स्टोर पर वापस आया, गूगल ने इसे यूपीआई कैशबैक और स्क्रैच कार्ड प्रचार के कारण हटाया था

उत्तराखंड

देहरादून: एक नाटकीय घटनाक्रम में, पेटीएम ऐप नीतिगत उल्लंघनों के कारण गूगल प्ले स्टोर से हटाए जाने के कुछ घंटों के भीतर ही पुनः गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। इससे पहले दिन में, गूगल ने भारत की घरेलू वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी पेटीएम के प्रमोशनल यूपीआई कैशबैक और स्क्रैच कार्ड व्यवस्था को गैम्बलिंग बताकर इसे अपने ऐप स्टोर से हटा दिया था।

हालाँकि, पेटीएम ने कहा कि कैशबैक देना बिजनेस में एक मानक व्यवस्था है, जिसे गूगल-पे सहित सभी कंपनियां व्यवहार में लाती है। अमेरिका स्थित इस टेक कंपनी ने भारतीय बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए करोड़ों का कैशबैक दिया है। नोएडा स्थित पेटीएम देश का सबसे बड़ा भुगतान ऐप है और यह गूगल-पे को कड़ी प्रतिस्पर्धा देता है।

पेटीएम ने हाल ही में यूजर्स के लिए क्रिकेट के प्रति उनके लगाव को और मजबूत करने तथा कैशबैक प्रदान करने के लिए अपने ऐप पर श्पेटीएम क्रिकेट लीगश् शुरू किया है। यह खेल यूजर्स को प्रत्येक लेनदेन के बाद प्लेयर स्टिकर प्राप्त करने, उन्हें इकट्ठा करने और पेटीएम कैशबैक जीतने का अवसर देता है। शुक्रवार दोपहर को गूगल ने पेटीएम को जानकारी दी कि वे पेटीएम ऐप को अपने स्टोर से हटा रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि यह प्ले स्टोर पर उनके गैम्बलिंग के नियमों  का उल्लंघन करता है। परिणामस्वरूप पेटीएम एंड्रॉइड ऐप को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया था और यह डाउनलोड या अपडेट के लिए अस्थायी रूप से अनुपलब्ध था।

एक साक्षात्कार में विजय शेखर शर्मा ने कहा कि यह एक तरफा कर्रवाई देश में ऐप पारिस्थितिकी तंत्र के लिए आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा को चुनौती देता है। उन्होंने आगे कहा कि यह उन कंपनियों को रोकने का एक तरीका है जो भारत में नवाचार कर रही हैं। यह सरकार के यूपीआई के साथ डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के अभियान को कमजोर करती है, क्योंकि पेटीएम पर जो कैशबैक दिया जाता है उसे सीधे यूपीआई द्वारा क्रेडिट किया जाता है।

ऐसा ही अभियान गूगल-पे सहित कई ऐप पर चल रहा है, वे सभी स्टिकर और स्क्रैच कार्ड देते हैं। हमें यह देखने है कि हम विदेशी कंपनियों को अपने पारिस्थितिक तंत्र को रेगुलेट करने की अनुमति देते हैं या नहीं। यह नियमों का मुद्दा नहीं है, बल्कि इसके कार्यान्वयन का है- जो बेहद अनुचित है, गूगल स्वयं इसी तरह के प्रोमो अभियान चलाता है। यह एक अच्छी तरह से सोची-समझी योजना जान पड़ती है, ष्उन्होंने मीडिया को एक साक्षात्कार में कहा।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More