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जन स्वास्थ्य पेशेवरों के सहयोग से भारत में जन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बीमारियों का उन्मूलन किया गया: डॉ. हर्षवर्धन

देश-विदेश

नई दिल्ली: नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स में आज भारतीय जन स्वास्थ्य संघ के 64वें सालाना राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में हम आयुष्मान भारत के दो पिलरों के माध्यम से समग्र देखभाल करके सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज हासिल करने जा रहे हैं। ये पिलर हैं- देश के 50 करोड़ नागरिकों को स्वास्थ्य सेवा का लाभ प्रदान करने वाली प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) और देश के सभी हिंस्सों में स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की स्थापना। 2022 तक हमारा लक्ष्य 150,000 पीएचसी और उप-केंद्रों को उन्नत कर स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों में परिवर्तित करने का है।’

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हमने दुनियाभर में निपाह और इबोला जैसे संक्रमण का प्रकोप देखा और अनुभव किया है, जिसने कई देशों को बुरी तरह से प्रभावित किया है लेकिन हमने इसे अपने देश में फैलने नहीं दिया। इसी प्रकार से, हमने दुनियाभर में फैल रहे नोवेल कोरोनावायरस को रोकने के लिए आवश्यक सभी एहतियाती उपाय किए हैं।

उन्होंने आगे कहा कि हम आगे सभी पक्षों के सहयोग से 2025 तक ट्यूबरकुलोसिस यानी टीबीको समाप्त करने के अत्यंत मुश्किल लक्ष्य को भी हासिल कर सकते हैं।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि दुनियाभर में बीमारियों के बोझ की गतिशीलता बदल रही है, हमें स्वास्थ्य एवं भू-स्थानिक सूचना प्रणालियों में डिजिटल तकनीक जैसे नए समाधानों की तरफ ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अब नए कीर्तिमान स्थापित करने में सक्षम है और सबके लिए स्वास्थ्य की दिशा में आगे बढ़ने का रास्ता दिखा सकता है। उन्होंने कहा कि जन स्वास्थ्य पेशेवरों के भरपूर सहयोग से भारत पोलियोमाइलिटिस को खत्म करने में सफल रहा। सफलता की और भी कहानियां हैं, जहां जन स्वास्थ्य पेशेवरों के समर्पण और सहयोग से जन स्वास्थ्य के महत्व की बीमारियों का निवारण किया गया या भारत से उन्मूलन किया गया। उन्होंने कहा कि भारतीय जन स्वास्थ्य संघ (आईपीएचए) के मौजूदा और पूर्व सदस्यों के ऐसे योगदानों के कारण ही आईपीएचए को सम्मान की नजर से देखा जाता है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ‘भारत में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लिए जन स्वास्थ्य लीडरशिप को बढ़ावा’ की थीम के साथ इस सम्मेलन में जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रहे भारत के प्रमुख विशेषज्ञों के विचारों को जानने-समझने का मौका मिलेगा। यह विषय आज के भारत के लिहाज से प्रासंगिक है, जहां अपने नागरिकों को समान स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के मकसद से ‘आयुष्मान भारत’ की शुरुआत की गई, इस प्रकार से सबके लिए स्वास्थ्य का लक्ष्य प्राप्त करना है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि आईपीएचएसीओएन 2020 विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों और सरकार की पहलों जैसे स्वस्थ भारत मिशन, आयुष्मान भारत, पोषण अभियान और जल जीवन मिशन पर अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों के लिए जानने, समझने और जानकारी साझा करने का अवसर प्रदान करेगा। जन स्वास्थ्य के क्षेत्र के जाने-माने वक्ता यूएचसी के लिए जन स्वास्थ्य नेतृत्व, कुपोषण मुक्त भारत मिशन, एनीमिया मुक्त भारत, तंबाकू नियंत्रण, जन स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करना, एंटी-माइक्रोबायल रेजिस्टेंस, मातृ पोषण कार्यक्रम, 2030 तक एड्स का खात्मा और राष्ट्रीय स्वास्थ्य पहलों पर अपेड्टस जैसे विषयों पर अपने अनुभव, विचार और राय साझा करेंगे।

कार्यक्रम के दौरान डॉ. रणदीप गुलेरिया (निदेशक, एम्स), प्रोफेसर संजय राय (अध्यक्ष, भारतीय जन स्वास्थ्य संघ), डॉ. संघमित्रा घोष (महासचिव, भारतीय जन स्वास्थ्य संघ), प्रोफेसर शशि कांत (एम्स के सामुदायिक दवा केंद्र विभाग के प्रमुख और आयोजन के चेयरपर्सन), आईपीएचएसीओएन 2020 आयोजन के सचिव डॉ. पुनीत मिश्रा समेत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारी और विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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