नई दिल्ली: दो फाड़ हो चुकी समाजवादी पार्टी में अब उसके चुनाव चिह्न पर ‘कब्जे’ की जंग शुरू हो गई है. जंग इस बात की कि आखिर साइकिल की सवारी करेगा कौन? पिता मुलायम और बेटे अखिलेश गुट दोनों ही साइकिल चुनाव चिह्न पर दावा जता रहे हैं. दोनों ही गुट साइकिल पर अपनी दावेदारी को लेकर चुनाव आयोग तक पहुंच गए हैं.
मुलायम सिंह दिल्ली वाले आवास पर करीब 2 घंटे तक अखिलेश विरोधी गुट के नेताओं की बैठक चली, जिसमें खुद मुलायम सिंह, शिवपाल यादव, अमर सिंह, जयाप्रदा और अंबिका चौधरी शामिल हुए. बैठक के बाद मुलायम, शिवपाल, अमर सिंह और जया प्रदा चुनाव आयोग में अपनी शिकायत लेकर पहुंचे. वहीं रामगोपाल यादव मंगलवार साढ़े 11 बजे चुनाव आयोग पहुंचेंगे.
वहीं अखिलेश यादव ने अपना एक नया गुट बनाकर के चुनाव आयोग को इसकी जानकारी दे दी है, जिसके बाद मुलायम-शिवपाल गुट भी चुनाव आयोग में अपना पक्ष रख रहा है कि समाजवादी पार्टी और साइकिल सिंबल पर उनका हक है. मुलायम गुट का मानना है कि चुनाव आयोग में उनका पक्ष ज्यादा मजबूत है, क्योंकि जो अखिलेश यादव ने अधिवेशन बुलाया था, उसमें बेशक अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पास कर दिया गया हो. लेकिन मुलायम सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष से हटाने का प्रस्ताव पारित ही नहीं किया गया.
ऐसे में अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव कैसे पारित हो सकता है. तकनीकी तौर से यह गलत है, यही पक्ष हम चुनाव आयोग में रखेंगे. मुलायम गुट का मानना है कि इसी वजह से मुलायम सिंह आज भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष है.
नेताजी के आदेशानुसार समाजवादी पार्टी का 5 जनवरी का अधिवेशन फिलहाल स्थगित किया जाता है। सभी नेता और कार्यकर्ता (1/2)
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) January 2, 2017
लखनऊ सपा दफ्तर में मोबाइल ले जाने पर पाबंदी
समाजवादी पार्टी में जारी घमासान के बीच लखनऊ दफ्तर में मोबाइल फोन ले जाने पर रोक लगा दी गई है. नए चुने गए प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने पार्टी दफ्तर के बाहर इस बारे में बोर्ड लगा दिया है. इस फैसले के पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं मुलायम
अखिलेश के महासम्मेलन को असंवैधानिक बताने के बाद मुलायम सिंह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं. पार्टी पर अपने दबदबे को कायम रखने के लिए मुलायम सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं. साथ ही वे दिल्ली आकर वरिष्ठ वकीलों से संपर्क साध सकते हैं. चुनाव चिन्ह के लिए वे चुनाव आयोग से मिलेंगे. मुलायम के साथ उनके वकील भी होंगे.
मुलायम मेरे दिल में हैं: अमर सिंह
लंदन से दिल्ली पहुंचे अमर सिंह ने कहा कि मैंने राज्यसभा का टिकट नहीं मांगा था. मुलायम सिंह ने कहा था कि वह हमारे दल में नहीं दिल में है. मैं मुलायम सिंह के साथ हूं. मैं मुलायम के लिए नायक बना अब खलनायक बनने के लिए भी तैयार हूं. वहीं शिवपाल यादव ने कहा कि नेताजी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और रहेंगे. मैं प्रदेश अध्यक्ष हूं. मैं मरते दम तक नेताजी के साथ रहूंगा.
‘अखिलेश खुद में बड़े ब्रांड’
पार्टी सिंबल को लेकर जारी विवाद में अखिलेश के समर्थक एमएलसी उदयवीर सिंह ने कहा कि हम अखिलेश के नाम पर चुनाव लड़ेंगे. उदयवीर ने कहा कि अखिलेश खुद में ब्रांड हैं. उदयवीर ने हालांकि उम्मीद जताई कि नेताजी समझाने पर मान जाएंगे.
मेरे साथ नेताजी के भी नारे लगाएं
इस बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी अपने करीबी विधायकों और नेताओं के साथ मुलाकात की. बैठक में उनसे कहा कि वे चुनाव की तैयारी करें. अखिलेश ने कहा कि हम और नेताजी एक ही हैं. आप हमारे नारे लगाते हैं तो उनके भी लगाएं. आप लोग उनसे भी मिलें. अखिलेश मंगलवार को एक बार फिर कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे.
मैं पूरी तरह से फिट
दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले मुलायम ने कहा कि मैं पूरी तरह से फिट हूं. मीडिया ने मेरा हमेशा साथ दिया, मैंने कोई भ्रष्टाचार या गलत काम नहीं किया है. आरोप लगा तो सुप्रीम कोर्ट ने मुझे बरी कर दिया. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी मेरी है और इसका चुनाव चिह्न भी मेरा है.
EC में जाने पर ये सब हो सकता है…
– चुनाव आयोग में एक निर्धारित प्रक्रिया है, आयोग ये देखेगा कि कार्यकारिणी के कितने सदस्य या विधायक, सांसद और पार्टी के कितने उम्मीदवार किसके साथ हैं.
– चुनाव आयोग ही ये तय करेगा कि असली समाजवादी पार्टी कौन है.
– इसमें समय लगेगा और चुनाव आयोग के निर्णय के खिलाफ अदालत जाने का विकल्प भी खुला रहेगा.
– खतरा ये भी है कि चुनाव आयोग समाजवादी पार्टी का चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ को फ्रीज कर दे.
साभार आजतक लाइव