23 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

उरेड़ा द्वारा आयोजित ‘‘सूर्योदय स्वरोजगार योजना’’ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुएः मुख्यमंत्री श्री रावत

उत्तराखंड

देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड जल विद्युत योजनाओं के साथ ही अब सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2017 तक हमारा लक्ष्य 300 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का है, जबकि राज्य में लघु और सूक्ष्म जल विद्युत क्षेत्र में लगभग 3000 मेगावाट की क्षमता है। इन योजनाओं को जनसहभागिता से जोड़कर अधिक से अधिक गांव, इन योजनाओं से जुड़े इसके लिये समेकित प्रयासो की उन्होने जरूरत बताई।
सहारनपुर रोड़ स्थित होटल में आयोजित सूर्योदय स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत अभ्यर्थियों को रूफ टाप सोलर पावर प्लान्ट एवं सूक्ष्म एवं अति लघु जल विद्युत नीति के अन्तर्गत ग्राम पंचायतो को सू़क्ष्म जल विद्युत परियोजनाओं के आवंटन कार्यक्रम के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने 5 किलो वाट क्षमता के 200 सौलर पावर प्लान्ट की परियोजनाओं तथा 72 मेगावाट क्षमता की 11 लद्यु जल विद्युत परियोजनाओं के आवंटन प्रपत्र उद्यमियो एवं ग्राम पंचायतो को प्रदान किये।
इस अवसर मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि विद्युत उत्पादन में अधिक से अधिक पंचायते व उद्यमी आगे आये इसके लिये नीति निर्धारित की गई है। हमारी प्राकृतिक सम्पदा पर जनता का अधिकार है अतः इसका फायदा भी जनता को मिलना चाहिए, इससे गांवो का विकास होगा तथा पलायन को रोकने मे मदद मिलेगी, उन्होने कहा कि अधिक से अधिक गांव इससे जुडे इसके लिये उरेडा यूजेवीएनएल, यूपीसीएल व पिटकुल के साथ एमओयू कर साझीदारी में योजनाओं का संचालन हो ताकि हमारे गांव जल विद्युत सम्पदा के व्यवसायी के रूप में आगे आये, इसमें अधिक से अधिक लोगो की भागीदारी बढ़े इसके प्रयास होने चाहिए, उन्होने कहा कि आज जिन्हे योजनाये आवंटित हुई है वे दुसरो के लिए प्रेरणा का कार्य करेंगे। उन्होने कहा कि अनुपयोगी जमीनो पर सोलर प्लांट लगने मे उनका उपयोग भी होगा, विद्युत उत्पादन होगा स्वरोजगार के साधन उपलब्ध होंगे तथा आर्थिक विकास में मदद मिलेगी। उन्होने कहा इन योजनाओ से उत्पादिन बिजली यूपीसीएल द्वारा क्रय की जायेगी।
उन्होंने कहा कि गांवों के विकास के लिये खेती की ओर ध्यान दिया जाना जरूरी है। इसके लिए कलस्टर बनाकर उसमे एक ही प्रकार की खेती की जायेगी। खाली जमीन को लीज पर दिया जायेगा, ताकि उस पर भी खेती हो सकें। खेती की ओर लोगों का ध्यान दिया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सोलर वेण्डर पाॅलिसी के तहत सोलर प्लांट लगान के लिए 90 प्रतिशत अनुदान के साथ ही तीन माह की निःशुल्क प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। इसके आने वाली खामियों को दूर करने के लिए भी मैकेनिज्म तैयार किया जायेगा। उन्होने कहा कि हमारा दृष्टिकोण व्यवसायिक होना चाहिए। असफलता से घबराकर हम सफल नही हो सकते है। आने वाले समय की चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें छोटे स्वरोजगार के अवसर पैदा करने होंगे ताकि हमारी समृद्धि का मार्ग प्रशस्त हो। उन्होने यूपीसीएल व पिटकुल से गैस आधारित विद्युत परियोजनाओं पर भी संभावनाये तलाशने को कहा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रदेश में दुग्ध विकास की भी बड़ी सम्भावनाएं है। जानवरों को चारा मिले इसके लिए चैड़ी पत्ती वाले पेड़ो व घास लगाने के लिए बोनस दिया जा रहा है। एक बार दुग्ध उत्पादन आरम्भ हो जाए तो इससे क्षेत्र में ही चीज व दुग्ध पाउडर बनाने की ट्रांसर्पोटेबल मशीन लगायी जा सकती है। हमारी यह दुग्ध सामग्री आॅरगेनिक होगी, जिसका बाजार हमें उपलब्ध होगा। प्रदेश में गरीबों एवं महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए स्टार्टअप योजना के तहत छोटे कारोबार की ट्रेनिंग दिये जाने के साथ ही उद्यम लगाने के लिए अनुदान दिये जाने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि भविष्य में नौकरी के अवसर कम ही होने है। अतः युवाओ को स्वरोजगार अपनाकर उद्यमी के रूप में आगे आना होगा। इसके लिए सरकार उनकी मदद के लिए तैयार है।
समारोह में प्रमुख सचिव उर्जा डा0 उमाकान्त पंवार ने प्रदेश में संचालित की जा रही विभिन्न वैकल्पिक ऊर्जा योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्तमान तक लगभग 40 मेगावाॅट की सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन की परियोजनाएं स्थापित करायी जा चुकी है एवं लगभग 260 मेगावाॅट की परियोजनाएं स्थापनाधीन है। कार्यक्रम में मण्डल प्रमुख पंजाब नेशनल बैंक अनिल खोसला द्वारा सूर्योदय स्वरोजगार योजना हेतु बैंक द्वारा ऋण उपलब्ध कराये जाने की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला गया।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More