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प्रधानमंत्री की प्रेरणा से राज्य सरकार 02 अक्टूबर, 2018 तक प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त करने में सफल होगी: सीएम योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश

लखनऊउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी राज्य के आकांक्षात्मक जनपद फतेहपुर के ग्राम हसनापुर सानी में ‘स्वच्छता ही सेवा अभियान-2018’ में सम्मिलित हुए। अभियान का शुभारम्भ भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा आज वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया। ‘स्वच्छता ही सेवा अभियान-2018’ के शुभारम्भ अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में स्वच्छता सम्बन्धी कार्यों से अवगत कराया।

अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री जी ने कहा कि चार वर्ष पहले शुरू हुआ स्वच्छता आन्दोलन अब एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर आ पहुंचा है। राष्ट्र का हर तबका, हर सम्प्रदाय, हर उम्र के लोग इस महाभियान से जुड़े हैं। प्रधानमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को बधाई देते हुए कहा कि वे गांव-गांव में साफ-सफाई के अभियान से लम्बे समय से जुड़े हुए हैं। पहले गोरक्षपीठ के मुखिया के नाते, जनप्रतिनिधि के तौर पर और अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में योगी जी का प्रयास दिख रहा है।

प्रधानमंत्री जी ने मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गंगा जी के किनारे बसे गांवों में खुले में शौच से मुक्ति मां गंगा की निर्मलता के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। उन्होंने मुख्यमंत्री जी के इस प्रयास को नमन करते हुए कहा कि मां गंगा की सेवा के इस पुनीत कार्य का लाभ देश को मिलने वाला है।

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि अस्वच्छता, गंदगी विशेष तौर पर गरीबों के जीवन को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है, उन्हें बीमारी के दलदल में धकेल देती है। डायरिया जैसी अनेक बीमारियों का सीधा सम्बन्ध गंदगी से है। ये बीमारियां लाखों जीवन छीन लेती है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के चलते डायरिया के मामलों में बहुत कमी आयी है।

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि स्वच्छता के लिए सेवा ईश्वर की सेवा के समान है। देश का पारम्परिक और सांस्कृतिक संदेश भी यही रहा है। उन्होंने स्वच्छाग्रह से जुड़ने के लिए ब्रह्मकुमारी संस्थान के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित करने में सफलता मिली है। देश के युवाओं में एक नया आत्मविश्वास दिख रहा है। लेकिन यह सिर्फ उनके कारण या सरकार के प्रयासों से नहीं, बल्कि सवा सौ करोड़ देशवासियों, युवा साथियों के पुरुषार्थ से सम्भव हो पा रहा है। स्वच्छता के लिए आई0टी0बी0पी0 के जवानों का योगदान भी देश को गौरवान्वित कर रहा है।

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि स्वच्छता का समूह भावना से बहुत निकट का सम्बन्ध है। आज रेलवे में साफ-सफाई को लेकर जो भी सुधार देखने को मिल रहा है, उसके पीछे सभी का योगदान है। गांव, गली, नुक्कड़, शहर, कोई भी इस अभियान से अछूता नहीं है। भारत में 04 वर्षों में करीब 09 करोड़ शौचालयों का निर्माण कराया गया है। 4.5 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं। 450 से ज्यादा जिले खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं। 20 राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं। यह भारत और भारतवासियों की ताकत है।

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि सिर्फ शौचालय बनाने भर से भारत स्वच्छ नहीं होगा। टाॅयलेट की सुविधा देना, कूड़ेदान की सुविधा देना, कूड़े के निस्तारण का प्रबन्ध करना, ये सभी सिर्फ माध्यम हैं। स्वच्छता एक आदत है, जिसको नित्य के अनुभव में शामिल करना पड़ता है। ये स्वभाव में परिवर्तन का यज्ञ है, जिसमें देश के जन-जन अपनी तरह से योगदान दे रहे हैं।

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि देशभर के स्वच्छाग्रहियों के संकल्प और समर्पण को जानने व सुनने का अनुभव अभूतपूर्व रहा है। स्वच्छता के प्रति सवा सौ करोड़ देशवासियों के इस आन्दोलन को पूरी दुनिया नजदीक से देख रही है। भविष्य में इस जन आन्दोलन के बारे में जब भी लिखा या पढ़ा जाएगा, तो सभी स्वच्छाग्रहियों का नाम सुनहरे अक्षरों में आएगा। उन्होंने कहा कि हमारा उत्साह उफान पर है, हमारा विश्वास चरम पर है और हमारा संकल्प सिद्धि के लिए है। प्रधानमंत्री जी ने मुख्यमंत्री जी व उनकी टीम को बधाई देते हुए विश्वास जताया कि मुख्यमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में उत्तर प्रदेश का चहुंमुखी विकास होगा।

वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी को अवगत कराया कि आज से चार वर्ष पूर्व गांवों में स्वच्छता एक सपना था। अक्टूबर, 2014 से स्वच्छ भारत मिशन आरम्भ होने के बाद मार्च, 2017 तक प्रदेश में 25 लाख शौचालय बने थे। इस दौरान प्रदेश में कवरेज मात्र 23 प्रतिशत था। वर्ष 2014 में जब स्वच्छता का कार्यक्रम शुरू हुआ, तब से प्रदेश में 56 हजार से अधिक स्वच्छाग्रहियों को तैयार करने के साथ ही, 02 लाख 20 हजार से अधिक राज मिस्त्रियों को प्रशिक्षित किया गया है। वर्तमान सरकार 17 माह की अवधि में 01 करोड़ 36 लाख इज्जतघरों का निर्माण कराने में सफल रही है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मार्च, 2017 में जब नई सरकार आयी तो स्वच्छता को जनान्दोलन का रूप दिया गया। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से बेस लाइन सर्वे के अनुरूप राज्य सरकार 02 अक्टूबर, 2018 तक प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त करने में सफल हो जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बीमारियों के आंकड़ों में कमी आयी है और डेंगू, मलेरिया, कालाजार, जापानी इन्सेफ्लाइटिस जैसी घातक बीमारियों को जड़ से समाप्त करने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार 02 अक्टूबर, 2019 तक प्रदेश में प्रत्येक परिवार के पास शौचालय की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी और लोग इनका उपयोग भी करेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री जी को बताया कि जनपद फतेहपुर के सुदूर हसनापुर सानी ग्राम को खुले में शौच से मुक्त किया जा चुका है। स्वच्छाग्रही, स्वयंसेवी संगठनों तथा पूरी टीम द्वारा जनपद फतेहपुर को खुले में शौच मुक्त किए जाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 02 अक्टूबर, 2019 तक उत्तर प्रदेश में कोई ऐसा परिवार नहीं होगा, जिसके पास शौचालय न हो, राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में कार्य योजना तैयार कर ली गई है।

मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत जनजागरण कार्य के लिए स्वच्छाग्रहियों, शासन-प्रशासन से जुड़े लोगों को धन्यवाद देते हुए कहा कि स्वच्छता का अर्थ सम्पूर्ण स्वच्छता होता है। इसके तहत गांव, कस्बा, गली, शहर व प्रत्येक स्थान स्वच्छ हो। उन्होंने जनपद की श्रीमती चन्दा देवी को 250 से ज्यादा महिलाओं को शौचालय निर्माण कराने के लिए प्रेरित करने पर बधाई दी। साथ ही, सुश्री कंचन कुशवाहा, सुश्री सुमन देवी, कमलेश, सुश्री ऋतु, सुश्री सुनीता देवी तथा सुश्री रेनू देवी को स्वच्छाग्रही के रूप में उत्कृष्ट कार्य करने पर उनकी सराहना करते हुए कहा कि शौचालय निर्माण एवं स्वच्छता के लिए लोगों को प्रेरित करने की दिशा में स्वच्छाग्रहियों की महत्वपूर्ण भूमिका है।

इस अवसर पर खादी ग्रामोद्योग मंत्री तथा जनपद के प्रभारी मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी ने मुख्यमंत्री जी का स्वागत करते हुए कहा कि स्वच्छता ही सेवा है। बड़े प्रसन्नता की बात है कि यह जनपद आकांक्षात्मक जनपद के रूप में चुना गया है। प्रधानमंत्री जी का ध्यान कमजोर जनपदों की तरफ है, जो 70 वर्ष से पिछड़े हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी का फतेहपुर के इस सुदूर गांव में आना इस बात का द्योतक है कि वे पिछड़े जनपदों के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।

मुख्यमंत्री जी ने हसनापुर सानी ग्राम में श्रमदान किया और पीपल, बरगद आदि के पौधे भी रोपित किए।

इस अवसर पर केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री सुश्री साध्वी निरंजन ज्योति, प्रदेश के पंचायती राज राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भूपेन्द्र सिंह चैधरी, कृषि राज्यमंत्री श्री रणवेन्द्र प्रताप सिंह (धुन्नी सिंह), कारागार राज्यमंत्री श्री जय कुमार सिंह जैकी, अन्य जनप्रतिनिधिगण सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

कार्यक्रम स्थल पर बने सभागार में मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि स्वच्छता ही सेवा है। अधिकारीगण जनता के साथ जुड़ें। अधिकारियों की समाज के साथ सार्थक भागीदारी होनी चाहिए। जनपद फतेहपुर देश के 115 और प्रदेश के 08 आकांक्षात्मक जनपदों में से एक है। यहां शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सिंचाई व अन्य विभागों की जनकल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं। इसे एक सशक्त टीम की आवश्यकता है, जो पूरे तन्मयता और लगन के साथ योजनाओं का क्रियान्वयन कराए। जनपद में उद्योग के लिए आधारभूत संरचना की कमी है। आधारभूत संरचना में बदलाव लाकर और उद्यमियों को उचित संरक्षण देकर जनपद के विकास को एक नई गति दी जा सकती है। जनपद को मेडिकल काॅलेज मिल जाने से आने वाले समय में स्वास्थ्य सम्बन्धी विभिन्न समस्याओं का आसानी से निराकरण किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विद्यालयों में शत-प्रतिशत शिक्षक हों। अंग्रेजी और गणित विषय के बारे में छात्र-छात्राओं की समझ विकसित की जाए और गुणवत्तापूर्ण शिक्षण कार्य किया जाए। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा कुपोषित-अतिकुपोषित बच्चों को चिन्हित कर, उन्हें उचित पोषण देकर शिशुओं की मृत्युदर नियंत्रित की जा सकती है। तभी पोषण मिशन में कामयाबी मिलेगी। किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए उन्हें वैज्ञानिक खेती करने एवं रासायनिक खादों का प्रयोग न करने तथा अपने खेतों में जैविक खाद डालने के लिए प्रेरित किया जाए। जगह-जगह किसान गोष्ठियां-मेले आयोजित किए जाएं। किसानों को मनरेगा से जोड़कर रोजगार मुहैया कराया जाए एवं छोटे-छोटे प्रयास किए जाएं, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सके। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना, सौभाग्य योजना, जनधन योजना, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, सुकन्या समृद्धि योजना आदि से जोड़कर लाभार्थियों को लाभान्वित किया जाए।

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