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डेंगू की रोकथाम के सम्बन्ध में बैठक लेते जिलाधिकारी रविनाथ रमन

उत्तराखंड

देहरादून: डेंगू की रोकथाम एवं इसके लिए सभी सम्बन्धित अधिकारियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी रविनाथ रमन की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में अन्तर विभागीय समन्वय बैठक आयोजित की गई।बैठक में जिलाधिकारी ने जिला मलेरिया अधिकारी को निर्देश दिये है कि जनपद में डेंगू की रोकथाम के लिए उचित प्रबन्धन किया जाय तथा इसके लिए आम जनता को जागरूक करने के लिए ग्राम स्तर तक इसका व्यापक प्रचार प्रचार किया जाय तथा डेंगू के फैलने एवं उसके लक्ष्णों के बारे में आम जनता को जागरूक करे ताकि आम जनता इसके प्रकोप से बच सके। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिये है कि इसके व्यापक प्रचार-प्रसार करें तथा के ग्राम स्तर तक इसके पम्पलेट/पोस्टर/बैनर के माध्यम से आम जनता को जागरूक करने के निर्देश दिये उन्होने यह भी निर्देश दिये कि दूर संचार विभाग से समन्वय कर डेंगू के लक्षणों एवं बचाव के सम्बन्ध में एस.एम.एस के माध्यम से आम जनता को जागरूक करें। उन्होने मुख्य नगर अधिकारी नगर निगम को निर्देश दिये हैं कि वे शहर की सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखें एवं नालियों की सफाई भी सुनिश्चित करा लें ताकि कहीं पानी इकठ्ठा न हो जिससे डेंगू का मच्छर पनप ना सके। उन्होने यह भी निर्देश दिये कि शहर के विभिन्न स्थानों पर जो कूडे़दान रखे गये हैं तथा जहां पर कूड़ा एकत्रित किया जाता है, ऐसे स्थानों पर ब्लीचिंग पाउडर के साथ-2 फाॅग मशीन द्वारा छिड़काव भी करें। उन्होने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिये कि वे सभी विद्यालयों में डेंगू के बारे में बच्चों को जागरूक करें ताकि वे अपने आस-पास के लोगों को इसकी जानकारी उपलब्ध करा सकें। जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास को भी निर्देश दिये कि वे आंगनवाड़ी कार्यत्रियों के माध्यम डेंगू के लक्षण एवं बचाव के सम्बन्ध में अपने क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलायें।
जिलाधिकारी आम जनमानस से अपील की है कि वे डेंगू की रोकथाम के लिए अपने लिए अपने घर एवं आस-पास पानी एकत्र न होने दें गड्ढों को मिट्टी से भर दें तथा रूकी हुई नालियों को साफ कर दें। रूम कूलर एवं फूलदानों का सारा पानी सप्ताह में एक बार पूरी तरह खाली कर दें तथा सूखा कर भरें, पानी की टंकियों को पूर्णतः ढक कर रखें जिससे मच्छर पानी में प्रवेश न कर सकें। शरीर पर ऐसे कपड़े पहने जिससे ज्यादा से ज्यादा शरीर ढका रहे। मच्छर से बचाने वाली क्रीम तथा मच्छरदानी का प्रयोग करें। यदि आस-पास भरे हुए पानी को हटाना आसान न हो तो उसमें कैरोसिन तथ पैट्रोल डालें।
बैठक में जिला मलेरिया अधिकारी जगदीश बहुगुणा ने डेंगू के लक्षण एवं बचाव के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि डेंगू बुखार तीन प्रकार का होता है, डेंगू साधारण बुखार में ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार चढना मास पेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना इस कारण इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है, आखों के पिछले भाग में दर्द होना जो आंखों को दबाने तथा हिलाने से ओर भी बढ जाता है अत्यधिक कमजोरी लगना भूख न लगना तथा गले में दर्द होना, शरीर पर लाल चतके आना साधारण डेंगू बुखार की अवधि 5 से 7 दिन की होती है तथा रोगी स्वंय ठीक हो जाता है। डेंगू हैमरेजिक बुखार में यदि साधारण डेंगू बुखार के साथ-2 यह लक्षण प्रकट होते हैं तो उसमें डी.एच.एफ होने का सन्देह करना चाहिए त्वचा पर गहरे नीले काले रंग के छोटे या बडे़ चितके पड़ जाना, नाक मसूड़े से खून होना या शौच या उल्टी में खून आना आदि रक्स्राव (हमे्रज) के लक्षण है। डेंगू शाॅक सिन्ड्रोम में इस प्रकार के बुखार में डी.एच.एफ के लक्षणों के शाॅक की कुछ अवस्था के लक्षण प्रकट होतें है जैसे रोगी अत्यधिक बैचैन हो जाता है और तेज बुखार के बावजूद भी उसकी त्वचा ठंडी महसूस होती है, रोेगी धीरे-2 होश खोने लगता है यदि रोगी की नाड़ी देखी जाए वह तेज तथा कमजोर महसूस होती है रोगी का रक्चाप ब्लड पे्रसर कम होने लगता है। उन्होने इसके उपचार एवं बचाव के बारे में अवगत कराया कि साधारण डेगू बुखार स्वंय ठीक होने वाला बुखार है इसके लिए पैरासिटमाॅल की गोली सुरक्षित है। रोगी को डिस्प्रिन एवं एसप्रिन कभी न दें। सामान्य रोग में भोजन देना जारी रखें व अधिक पानी पिलाएं रोगी को आराम करने दें। यदि रोगी में डी.एच.एफ या डी.एस.एस की ओर संकेत प्रकट करने वाला एक भी लक्षण प्रकट होता नजर आए तो रोगी को शीघ्र निकटतम अस्पताल में ले जाए ताकि वहाॅ आवश्यक परीक्षण करके रोग का सही निदान किया जा सके। उन्होने डेगू के बारे में बताया कि डी.एच.एफ/डी.एस.एस होने पर डाॅक्टर की राय एवं आवश्यकतानुसार ही प्लेटलेट चढाये। उन्होने इसके बचाव में बताया कि डेंगू का अभी तक कोई टीका या विशेष दवा तैयार नही हो पाया है, क्योंकि डेंगू एक वायरल संक्रमण है और यह बीमारी मच्छरों द्वारा फैलती है। मच्छरों से बचने के लिए इनको पनपने न दें तथ प्रजनन रोंके, स्ंवय को मच्छरों से बचाकर रखें तथा घरों के आसपास पानी एकत्रित न होने दे। मोस्केटो स्पे्र का प्रयोग करें।

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