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हमें अपने देश के पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए ‘देखो अपना देश’ पहल के माध्यम से घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देना चाहिए: श्री पटेल

देश-विदेश

केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने आज नई दिल्ली में 15 राज्य पर्यटन मंत्रियों / अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की। राजस्थान के पर्यटन मंत्री श्री गोविंद सिंह डोटासरा, उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी, उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज, गोवा के पर्यटन मंत्री श्री मनोहर अजगांवकर, महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री श्री आदित्य ठाकरे, मध्य प्रदेश की पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर और गुजरात के पर्यटन मंत्री श्री जवाहर चावड़ा ने इस वर्चुअल बैठक में हिस्सा लिया और कुछ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व अधिकारियों ने किया। पर्यटन मंत्रालय के सचिव श्री योगेंद्र त्रिपाठी, महानिदेशक पर्यटन मीनाक्षी शर्मा और पर्यटन मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए।

बैठक के एजेंडे में शामिल रहा :

1.  घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के बीच यात्रा में सुगमता।

2.  राज्य / केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

3.  सुरक्षा मानदंडों के अनुपालन को आतिथ्य उद्योग के लिए मूल्यांकनजागरूकता और प्रशिक्षण की प्रणाली (एसएएटीएचआई) पर काम।

4.  पर्यटन के पुनरुद्धार की दिशा में वे फॉरवर्ड‘ पर सुझाव, हॉस्पिटैलिटी यूनिटों आदि का मजबूत डेटाबेस तैयार करने के लिए पर्यटन मंत्रालय की आतिथ्य उद्योग के राष्ट्रीय एकीकृत डेटाबेस (एनआईडीएचआई) योजना पर काम।

इस अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र कोविड-19 महामारी के दौरान सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से है लेकिन आपसी सहयोग से हम लगातार इसके हितधारकों से बात कर रहे हैं और पर्यटन क्षेत्र के पुनरुद्धार के लिए कुछ पहल की गई है और उम्मीद है कि जल्द ही पर्यटन क्षेत्र फिर से रफ्तार पकड़ लेगा। श्री प्रहलाद ने पर्यटन मंत्रालय की पहलों साथी (एसएएटीएचआई) और निधि (एनआईडीएचआई) के इस्तेमाल पर जोर दिया, जो वर्तमान स्थिति में बहुत महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले हमारे पास केवल 1400 होटलों का पंजीकरण था लेकिन निधि पहल के कारण अब हमारे पास 2700 होटल पंजीकृत हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। यह हमें पर्यटकों और आतिथ्य उद्योग को लेकर ज्यादा विश्वसनीय आंकड़े प्रदान करता है। उन्होंने यह भी कहा कि साथी पहल के इस्तेमाल से पर्यटकों में भरोसा पैदा होगा क्योंकि यह आतिथ्य उद्योग का सुरक्षित रूप से संचालन जारी रखने और कोविड-19 महामारी से उत्पन्न खतरों को कम करने में मदद करता है।

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श्री पटेल ने कहा कि महामारी से पहले ही प्रधानमंत्री ने ‘देखो अपना देश’ अभियान की शुरुआत की थी और वर्तमान हालात में हमे इस अभियान के तहत घरेलू पर्यटन पर ध्यान देना चाहिए, यह हमारे देश के पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने में मदद करेगा। उन्होंने सभी मंत्रियों से पर्यटन के नए स्थानों की पहचान करने का आग्रह किया, जो घरेलू पर्यटकों को आकर्षित कर सके। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि मौजूदा समय में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सभी राज्यों को पर्यटकों की अंतरराज्यीय आवाजाही के लिए एक समान प्रोटोकॉल तैयार करना चाहिए ताकि पर्यटक चिंता मुक्त होकर यात्रा कर सकें।

श्री पटेल ने बताया कि पर्यटन मंत्रालय एक ऐसा प्लेटफॉर्म विकसित करने की योजना बना रहा है जिसमें राज्यों की सड़कों, होटलों और सभी पर्यटन स्थलों की अन्य सुविधाओं के बारे में सभी जानकारियां होंगी। उन्होंने कहा कि मौसम और पर्यटन संबंधी अन्य जानकारियों के बारे में भी उसमें अपडेट मिलता रहेगा। श्री पटेल ने सभी राज्यों से अनुरोध किया कि वे पर्यटन मंत्रालय को इस तरह की जानकारी प्रदान करें ताकि यह प्लेटफॉर्म जल्द ही शुरू हो सके।

केंद्रीय मंत्री ने पर्यटकों के आकर्षण वाली जगह तक बेहतर कनेक्टिविटी पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बेहतर कनेक्टिविटी से दूरदराज के क्षेत्रों में भी पर्यटकों का आना-जाना बढ़ेगा। श्री पटेल ने कहा कि पर्यटन मंत्रालय ने राज्यों के साथ पर्यटन नीति का मसौदा साझा किया है और राज्यों को भी पर्यटन मंत्रालय की नीति के अनुरूप अपनी नीतियों को तैयार करना चाहिए। उन्होंने सभी राज्यों से पर्यटन नीति को समृद्ध बनाने के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव देने का भी आग्रह किया।

केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने अतुल्य भारत पर्यटक सुविधा प्रमाणन कार्यक्रम (आईआईटीएफ) के बारे में भी जानकारी दी, जो कि गाइडों को प्रशिक्षित करने के लिए एक ऑनलाइन कार्यक्रम है और इसे पैन इंडिया स्तर पर एक संभावित रोजगार जनरेटर के रूप में देखा जा रहा है। वर्तमान में इस कार्यक्रम में लगभग 6000 व्यक्ति जुड़े हुए हैं और योग्य व्यक्तियों के साथ आखिर में ई-मार्केटप्लेस पर आते हैं, इस कार्यक्रम को गाइड और घूमने के लिए भारत के बारे में जानकारी देने के लिहाज से पर्यटकों के अनुभव को बदलने की एक बड़ी क्षमता के रूप में देखा जा रहा है।

पर्यटन मंत्री के नेतृत्व में पर्यटन मंत्रालय हितधारकों के साथ पर्यटन क्षेत्र का सहयोग करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। मांग को फिर से बढ़ाकर पर्यटन अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने खासतौर से घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में समाधान और आगे बढ़ने पर चर्चा के लिए मंत्रालय पर्यटन और आतिथ्य उद्योग के हितधारकों के प्रतिनिधियों के साथ लगातार बातचीत कर रहा है। मंत्रालय ने उद्योग के मुश्किल हालात पर चर्चा करने के लिए पर्यटन उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों के साथ पिछले छह महीनों में कई बैठकें की हैं।

मई 2020 में मंत्री ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पर्यटन सचिवों के साथ वर्चुअल बैठक की थी। इस दौरान कोविड-19 से उत्पन्न चुनौतियों और इस संकट से निपटने के लिए आवश्यक कदमों और राज्यों व मंत्रालय में तालमेल को लेकर चर्चा की गई और वे इन बातों पर सहमत हुए :

1.  इस धारणा को पुख्ता करने के लिए कि सरकार, केंद्र और राज्य की दोनों उद्योगों की जरूरतों को समझती हैं, हितधारकों के साथ संवाद आयोजित करना।

2.  मंत्रालय और राज्य पर्यटन विभाग हितधारकों को संकट से उबारने में मदद करने के लिए कुछ सुविधाएं प्रदान करने पर काम करेंगे।

3.  घरेलू पर्यटन को सक्रिय रूप से बढ़ावा देना क्योंकि यह क्षेत्र सबसे पहले रफ्तार पकड़ेगा।

4.  महानगरीय शहर ज्यादा प्रभावित हुए हैं, पूर्वोत्तर राज्य और हिमालयी राज्य कम प्रभावित हुए हैं, ऐसे में ये घरेलू पर्यटन के लिहाज से अधिक अवसर प्रदान करेंगे जिससे यात्रा के लिए जनता में भरोसा बढ़ाने में मदद मिलेगी।

5.  राज्य के भीतर कम समय लगने वाले रास्तों को विकसित कर उसका मंत्रालय और राज्य सरकारों द्वारा प्रमोशन करना।

6.  पर्यटन क्षेत्र के मौजूदा असंगठित कार्यबल के बड़े हिस्से को संगठित कार्यबल के रूप में लाने के लिए एक ढांचा विकसित करने के तंत्र पर काम करना।

कोविड-19 के महामारी के दौरान पर्यटन मंत्रालय की पहल-

वैश्विक कोविड-19 महामारी ने देश में आवासीय यूनिटों के व्यापक राष्ट्रीय डेटाबेस के निर्माण की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया है, चूंकि पर्यटन को बढ़ावा देने और विकास के लिए नीतियों और रणनीतियों को बनाने में डेटा की उपलब्धता महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही पर्यटकों को रहने के लिए स्थानों की जानकारी ढूंढने में सहायता, विभिन्न गंतव्यों की वहन क्षमता का आकलन, कुशल मानव संसाधनों के लिए जरूरतों का आकलन और आपदा प्रबंधन योजनाओं की तैयारी शामिल है।

राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रशासन के सहयोग से पर्यटन मंत्रालय अपने पोर्टल नेशनल इंटिग्रेटेड डेटाबेस ऑफ हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री (एनआईडीएचआई) पर देश की आवास इकायों को पंजीकृत करने के लिए प्रयास कर रहा है। 13 अक्टूबर 2020 तक 25786 आवास इकाइयों को पोर्टल पर पंजीकृत किया गया है जो 8 जून 2020 को एक्टिवेट हुआ था।

कोविड-19 महामारी से उत्पन्न जोखिम को कम करने और अपने कार्यों को सुरक्षित तरीके से जारी रखने की आतिथ्य उद्योग की अपनी तैयारियों में मदद के लिए पर्यटन मंत्रालय ने एसएएटीएचआई सिस्टम फॉर असेसमेंट, अवेयरनेस एंड ट्रेनिंग फॉर हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री) नामक पहल के माध्यम से आतिथ्य उद्योग की सहायता के लिए क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) के साथ भागीदारी की है। यह पहल माननीय प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान से जुड़ी हुई है। यहां आइडिया न केवल सरकार के कोविड-19 नियमों को लेकर उद्योग को संवेदनशील बनाने का है बल्कि कर्मचारियों और मेहमानों के बीच भरोसा पैदा करने का भी है कि आतिथ्य यूनिट ने कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वच्छता सुनिश्चित करने के बेहतरीन प्रयास किए हैं।

यह पहल 3 चरणों में है :

1. स्व-प्रमाणन- यह दिशानिर्देश / प्रमुख बातों की एक विस्तृत समझ प्रदान करता है जिसका पालन किया जाएगा। साथी फ्रेमवर्क के जरिए आने वाला कोई होटल/यूनिट जहां तक संभव हो आवश्यकताओं का पालन करने के लिए तैयार होता है। एक स्व-प्रमाणन जारी किया जाता है।

2- वेबिनार – यह चरण साथी के प्रमुख बिंदुओं पर होटलों की क्षमता का निर्माण करता है। स्व-प्रमाणित होटल/इकाइयां लाइव संवाद के माध्यम से किसी भी संदेह को दूर करने के लिए वेबिनार में भाग लेती हैं।

3- साइट मूल्यांकन (वैकल्पिक) – इस चरण में एसओपी/दिशानिर्देश के जमीन पर क्रियान्वयन और गैप की पहचान की जाती है। अगर होटल/यूनिट की इच्छा है तो वे क्यूसीआई से मान्यता प्राप्त एजेंसियों के माध्यम से साथी ढांचे के आधार पर साइट-मूल्यांकन का कार्य कर सकते हैं और सुधार के मौकों के साथ एक आकलन रिपोर्ट को मूल्यांकन इकाई के साथ साझा किया जाता है।

बैठक के दौरान सभी 15 राज्यों ने मंत्रालय की साथी (एसएएटीएचआई) और निधि (एनआईडीएचआई) पहलों के बारे में अपडेटेड जानकारी साझा की और कहा कि ये पहल पर्यटन उद्योग के लिए वास्तव में बहुत सहायक हैं। उन्होंने महामारी के दौरान पर्यटन क्षेत्र के लिए अपनी अलग पहल के बारे में भी बताया और आशा व्यक्त की कि पर्यटन क्षेत्र बहुत जल्द रफ्तार पकड़ेगा।

राज्यों ने आदिवासी पर्यटन, कृषि पर्यटन और आध्यात्मिक पर्यटन जैसे नए और कम ज्ञात क्षेत्रों को बढ़ावा देने के सुझाव दिए। सभी राज्यों ने आश्वासन दिया कि वे यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे और गृह मंत्रालय तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सिफारिशों के अनुरूप अनुशंसित प्रोटोकॉल के सामंजस्य के तहत स्थानीय परिस्थितियों को देखा जाएगा। राज्यों ने विभिन्न कार्यों को भी साझा किया जो वे आतिथ्य क्षेत्र में व्यापार को सुगम बनाने के लिए कर रहे हैं, इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए वे पर्यटन मंत्रालय के साथ मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं। सभी ने इसकी सराहना की कि घरेलू बाजार को बढ़ावा देने का यह एक बड़ा अवसर है और ‘देखो अपना देश’ को बढ़ावा देने के लिए पूरी मुस्तैदी के साथ काम करने की आवश्यकता है।

आज दो दिवसीय बैठक के पहले दिन का सत्र था जिसे माननीय मंत्री ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ निर्धारित किया है।

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