33 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

उपराष्‍ट्रपति ने मुंबई में भारतीय बीमा संस्‍थान के हीरक जयंती समारोह को संबोधित किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: भारत के उपराष्‍ट्रपति श्री मोहम्‍मद आमिद अंसारी ने कहा कि रोगों, मृत्‍यु, विकलांगता, अग्नि, चोरी और व्‍यक्तियों, परिवारों अथवा उद्यमों को प्राकृतिक आपदाओं जैसी घटनाओं से हुई आर्थिक हानियों के प्रभाव को बीमा कम कर सकता है। उन्‍होंने कहा कि बीमा लोगों की संपत्तियों की सुरक्षा, उनके उपभोग को नियमित और उन्‍हें आर्थिक गतिविधियों के लिए बेहतर आर्थिक लाभ देने और निवेश करने में मदद करता है। आज मुंबई में ‘’भारतीय बीमा संस्‍थान के हीरक जयंती समारोह’’ को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि बीमा तंत्र की पहुंच गरीब परिवारों तक बढ़ाने से उन्‍हें सार्वजनिक रूप से वित्‍त पोषित समर्थन प्रणाली पर कम निर्भर होना पड़ेगा।

यह उन्‍हें विकल्‍प और अधिक उत्‍पादक आजीविका को अपनाने उदाहरण के तौर पर सूखे जैसे खतरों से बचने के लिए बीमित उच्‍च फसलें उगाने में प्रोत्‍साहन प्रदान करेगा, ताकि उन्‍हें गरीबी से बाहर निकालने में मदद प्रदान की जा सके। यह अत्‍याधिक गरीबों को दुर्लभ सार्वजनिक संसाधनों तक पहुंचाने के सरकार के लक्ष्‍य को भी पूर्ण करेगा, ताकि सार्वजनिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली के द्वारा गरीब परिवारों को भी उच्‍चतर सहभागिता में शामिल किया जा सके।

उन्‍होंने कहा कि इस प्रकार से बीमा जोखिम प्रबंधन विकल्‍पों में भी एक उपयोगी रणनीति है। उन्‍होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि गरीब परिवारों को भारत में बीमा सेवाओं के लिए प्राथमिकता दी जाए।

उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्‍योति बीमा योजना जैसी योजनाओं के माध्‍यम से गरीबों को बीमा क्षेत्र में शामिल करने और वित्‍तीय समावेशन को प्रोत्‍साहन देने के लिए महत्‍वपूर्ण नीतियां तैयार की हैं। उपराष्‍ट्रपति ने बताया कि वित्‍त मंत्री ने संकेत दिया है कि तीन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं जिनमें जीवन बीमा, दुर्घटना बीमा और पेंशन योजना शामिल है, के अंतर्गत शुभांरभ की गई योजनाओं का उपयोग करते हुए जनसंख्‍या के कम से कम 40 प्रतिशत भाग को इनमें शामिल करना है। इन योजनाओं का प्रीमियम भी नाममात्र का ही है। हालांकि ये योजनाएं उत्‍साहवर्धक रही हैं, लेकिन सरकार के अथक प्रयासों के बावजूद वर्तमान औद्योगिक ढांचा और आर्थिक प्रारूप व्‍यापक स्‍तर पर इसका लाभ नहीं उठा पाए हैं। इसकी मुख्‍य चुनौती बीमा क्षेत्र में गरीब परिवारों को निवेश करने के लिए प्रोत्‍साहन देना है, ताकि यह उनके सामाजिक सुरक्षा उपकरणों में से एक बन सके।

उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि जीवन के लिए लघु बीमा, आर्थिक रूप से अलाभांवित तबकों के लिए कृषि और स्‍वास्‍थ्‍य बीमा एक संभव विकल्‍प है, लेकिन भारत में इसका प्रसार कम है और यह तब तक रहेगा, जब तक बीमाधारक पारंपरिक वितरण मॉडलों से परे नहीं जाते। लघु बीमा को सफल बनाने के लिए जागरूकता जगाने, आय स्‍तरों को युक्ति संगत बनाने और विशिष्‍ट और सामान्‍य उत्‍पादों के निर्माण के साथ-साथ बीमा दावों के प्रबंधन की प्रक्रिया को सरल बनाने के माध्‍यम से इसकी मांग को बढ़ाना होगा।

उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत की विकास गाथा में समान भागीदारी की कमी सरकार और वित्‍तीय सेवा नियामकों के लिए चिंता का विषय रही है। हालांकि बीमा क्षेत्र में वित्‍तीय समावेशन एक व्‍यापक अनुपात में है। उन्‍होंने कहा कि उभरती हुई प्रौ़द्योगिकियों के माध्‍यम से रोजगार, जन वित्‍तीय शिक्षा में वृद्धि के माध्‍यम से जागरूकता और पारंपरिक उत्‍पादों से हटकर चलने की आवश्‍यकता है, ताकि आर्थिक रूप से अलाभाविंत लोगों को दीर्घकालीक आधार पर गुणवत्‍ता युक्‍त वित्‍तीय सेवाएं प्रदान की जा सकें, साथ ही वे बेहतर राजस्‍व का भी सृजन कर सकें।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More