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केंद्रीय ग्रामीण, पंचायती राज स्वचछता, पेयजल मंत्री भारत सरकार चै. विरेंद्र सिंह से संसद भवन में मुलाकात कर पेयजल व्यवस्था के सुदृढीकरण के लिए आवंटित बजट को बढ़ाये जाने के मांग की।

उत्तराखंड
देहरादून: उत्तराखण्ड के शिक्षा एवं पेयजल मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने 23 अप्रैल को केंद्रीय ग्रामीण, पंचायती राज स्वचछता, पेयजल मंत्री भारत सरकार चै. विरेंद्र सिंह से संसद भवन में मुलाकात कर उत्तराखण्ड राज्य की पेयजल व्यवस्था के सुदृढीकरण के लिए आवंटित बजट को बढ़ाये जाने के मांग की।

   श्री नैथानी ने विभिन्न पंम्पिग पेयजल योजनाओं के लिए त्वरित क्रियान्वयन के लिए कम से कम 250 करोड़ रूपये की धनराशि अवमुक्त किये जाने की ंमांग की। श्री मं़त्री ने कहा कि पूर्व में राज्य को आवंटित बजट में भी कटौती कर दी गयी है। केंद्रीय मंत्री चै. विरेंद्र सिंह ने संयुक्त सचिव भारत सरकार को विभिन्न राज्यों को आवंटन करने वाली धनराशि में से उचित धनराशि अवमुक्त करने के निर्देश दिये। दूसरी ओर श्री नैथानी ने सुश्री उमा भारती से नमामि गंगे के अंतर्गत पूर्व में प्रेषित योजनाओं के विरूद्ध 207 करोड़ की प्रस्तावित योजनाओं के लिए धनराशि अवमुक्त करने की मांग की
   संसद भवन में उन्होंने माननीय नगर विकास एवं आवास, नगरीय गरीबी उन्मूलन मंत्री भारत सरकार वेंकैया नायडू से उत्तराखण्ड राज्य के पांच नगरों क्रमशः देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, मसूरी एवं मंगलौर को नगरीय पेयजल एवं जलोत्सारण योजनाओं का जे.एन.यू.आर.एम. तथा यू.आई.डी.एस.एम.टी. कार्यक्रम के अन्तर्गत भीषण आपदा से जनधन का नुकसान हुआ है। व्यापक नुकसान के कारण कई नगरीय पेयजल योजनाएॅं एवं जलोत्सारण योजनाएॅं क्षतिग्रस्त हो गयी थी। जिनका पुनर्निमाण किया जा चुका है परन्तु बहुत से नगर अभी भी गम्मीर पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। उन्होंने मंत्री से भारत सरकार से उक्त परिपेक्ष में उत्तराखण्ड राज्य के 18 नगरों की पेयजल एवं जलोत्सारण योजनाओं के प्राक्लन जिसकी अनुमानित लागत रू0 72503.33 लाख, जे0एन.यू.आर.एम.तथा यू.आई.डी.एफ.टी. कार्यक्रम के अन्तर्गत भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रेषित किये गये। उक्त के अतिरिक्त वर्तमान में भी अन्य नगर भी योजनाओं हेतु लगभग 3000 लाख के प्राक्कलन प्रेषित किये जा चुके है। उन्होंने श्री वैंकेया नायडू से उक्त प्राक्कलनों को शीर्ष प्राथमिकता पर भारत सरकार द्वारा वर्तमान में संचालित की जाने वाली योजनाओं मंे सम्मलित करते हुए स्वीकृति निर्गत कराने की अपेक्षा की है।

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