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वीडियों कांफ्रेन्सिंग के चारधाम यात्रा मार्गों के संबंध में समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत

उत्तराखंड
देहरादून, 17 मार्च, 2015, चारधाम यात्रा मार्गों की मरम्मत व सुधारीकरण कार्य में तेजी लायी जाय। बी.आर.ओ. व लोनिवि द्वारा 31 मार्च, 2015 के बाद किसी भी प्रकार के रोड़ बाईडिग कार्य न किया जाय। पैचवर्क कार्य प्राथमिकता पर कर लिये जाय। चारधाम यात्रा मार्ग के जिन स्थानों पर भूस्खलन अधिक होता है, वहां पर यात्रा के समय हर समय मशीने और जे.सी.बी. तैनात रहे। सिरोबगड़ जैसे स्लाईडिंग जोन के लिए वैकल्पिक मार्ग का विकल्प भी तैयार रखा जाय। यह बात मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सचिवालय में देर रात्रि तक चारधाम यात्रा मार्ग की सड़कों की समीक्षा वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से की।

मुख्यमंत्री श्री रावत ने जिलाधिकारी चमोली, रूद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, टिहरी को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा मार्ग पर युद्ध स्तर पर पैचवर्क व मरम्मत कार्य किया जाय। 31 मार्च, 2015 के बाद किसी भी प्रकार के रोड कटिंग या बाईडिग कार्य न किया जाय। सड़क मरम्मत व निर्माण कार्यों की वीडियोग्राफी करायी जाय। साथ ही गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने चारधामों को जोड़ने वाले सड़क मार्गों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी उत्तरकाशी को निर्देश दिये कि यमुनोत्री व गंगोत्री सड़क मार्ग पर विशेष फोकस किया जाय। यदि किसी भी प्रकार की धनराशि की आवश्यकता हो, तो उसके प्रस्ताव तत्काल शासन को भेजे। डी.एम. उत्तराकाशी द्वारा बताया गया कि धरासू से गंगोरी तक सड़क मार्ग थोड़ा खराब है, उसकी मरम्मत के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया। हरर्बटपुर-यमुनोत्री मार्ग पर मरम्मत कार्य करने हेतु 4 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, जिस पर सी.एम. ने तत्काल धनराशि स्वीकृत करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने डी.एम. उत्तरकाशी को निर्देश दिये कि वे स्वयं लोनिवि के अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण करे। साथ ही एस.डी.आर.एफ. के लिए हर्षिल व बड़कोट में स्थान चिन्हित किया जाय, ताकि एसडी.आर.एफ. की यूनिट वहां पर तैनात रहे। मुख्यमंत्री ने टिहरी जनपद से होकर जाने वाले चारधाम यात्रा मार्गों की स्थिति के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश-धरासू बैण्ड पर विशेष ध्यान दिया जाय। इसके साथ ही ऋषिकेश-कीर्तिनगर मार्ग पर भी जहां कही पैच वर्क होने है, उसे प्राथमिकता पर किया जाय। ऋषिकेश के समीप बिट्टल आश्रम से वैकल्पिक मार्ग पर तेजी से कार्य किया जाय। ऋषिकेश-गुलर-कौडियाला-देवप्रयाग-बांगबान सड़क मार्ग पर हो रहे कार्य को शीघ्र पूरा किया जाय। सिरोबगड़ व लामबगड़ स्लाईडिग जोन पर यात्रा के दौरान हर समय मशीने उपलब्ध रहे। इसके अलावा किसी अन्य वैकल्पिक मार्ग की संभावनाओं पर भी विचार किया जाय। स्लाइडिंग जोन वाले क्षेत्र में सिंचाई विभाग द्वारा सुरक्षा दीवार कार्य प्राथमिकता पर किया जाय। मुख्यमंत्री ने डी.एम. रूद्रप्रयाग को निर्देश दिये कि रूद्रप्रयाग से सोनप्रयाग मोटर मार्ग पर विशेष ध्यान रखा जाय। यात्रा समय में इस मोटर मार्ग पर कोई अव्यवस्था न हो, इसके लिए अभी से कार्ययोजना तैयार रखी जाय। इसके अलावा सोनप्रयाग से रामबाड़ा तक आपदा प्रबंधन विभाग तथा रामबाड़ा से केदारनाथ तक के मार्ग का कार्य नेहरू माउंटनियरिंग संस्थान द्वारा किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने डी.एम. रूद्रप्रयाग व लोनिवि अधिकारियों को निर्देश दिये कि तत्काल विजयनगर में अस्थायी पुल की व्यवस्था की जाय। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कर्णप्रयाग से चमोली तक मोटर मार्ग की सरफेसिंग कार्य लोनिवि से कराया जाय, जबकि चमोली से आगे का कार्य बीआरओ द्वारा किया जाय। इससे समय की बचत होगी और कार्य तेजी से होगा। हेमकुण्ड साहिब के लिए जाने वाले मोटर मार्ग पर भी विशेष फोकस किया जाय। गोविन्दघाट के समीप एक सराय भी बनाया जाय। गोविन्दघाट-पुलना-घांघरिया मार्ग पर जहां कही भी मरम्मत आदि कार्य होने है, उसकी योजना तैयार कर प्रस्ताव शासन को भेजा जाय। मुख्यमंत्री ने बीआरओ के अधिकारियों को निर्देश दिये कि पिंडरघाटी मोटर मार्ग पर सिमली-ग्वालदम को जल्द से जल्द पूरा करें।
समीक्षा बैठक में विधायक राजेन्द्र भण्डारी, सभा सचिव शैलारानी रावत, प्रो. जीतराम, गणेश गोदियाल, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नरेन्द्रजीत सिंह बिन्द्रा, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, सचिव लोनिवि अमित नेगी आदि उपस्थित थे।

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