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उत्तराखण्ड सरकार द्वारा अब तक लागू कई योजनाओं की सूची जारी की

उत्तराखंड
देहरादून: मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने भाजपा नेताओं को व्यापम स्कैम मैनेजमेन्ट विश्व विघालय, ललित कला एकेडमी व छत्तीसगढ़ छत्तीस हजार करोड़ विष्वविघालय से कानूनी दावपेंच की टेªनिंग लेकर बयानबाजी करने का आरोप लगाया है।

उन्होने कहा कि जो भाजपा स्वंय राज्यों में ससंदीय सचिव बनाती रही हो लालबत्ती बाटती रही हो उसे अब अचानक पी.आई.एल करने की याद आई है उत्तरप्रदेष में भाजपा शासन में 90 मंत्रियों का जम्बों मंत्रीमण्डल लोग भूले नहीं है। उन्होने कहा कि संविधानिक संस्थाओं का मखौल उठाने वाली पार्टी को अब नियम कायदे याद आने लगे है। उन्होने कहा कि सरकार के जनउन्मोखी लोकप्रिय निर्णय, चारधाम यात्रा की सफलता व सरकार की लोकप्रियता से भाजपा नेताओं के जुबान व चेहरों पर बेचेनी आ रही है। केन्द्र सरकार की तमाम असफलताओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए यह सब बयानबाजी भाजपा नेतागण कर रहें है। वहीं उन्होने आज सरकार द्वारा अब तक लागू कई योजनाओं की सूची भी जारी की है।
प्रमुख उपलब्धियांः
ऊर्जा
ऽ सूक्ष्म एवं अति लघु जल विद्युत परियोजनाओं के लिए नीति लागू।
ऽ नीति के तहत राज्य में सूक्ष्म एवं अति लघु जल विद्युत परियोजनाओं (0-2 मेगावाॅट तथा 25 मेगावाॅट तक की क्षमता) को पंचायत राज्य संस्थाओं एवं स्थानीय-निजी क्षेत्र की भागादारी से विकसित करने का निर्णय।
खेल
ऽ        उत्तराखण्ड राज्य की खेल नीति लागू।
ऽ        खेल नीति-2014 के अन्तर्गत अगले 05 वर्षो में खेल अवस्थपना सुविधाओं को विकसित कर राज्य में 38वें राष्ट्रीय खेल (वर्ष 2018) का सफल आयोजन करना।
ऽ        विभिन्न खेलों में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धियां प्राप्त करने हेतु 05 वर्षीय एवं 10 वर्षीय लक्ष्य निर्धारित करना।
ऽ        राज्य के प्रत्येक जनपद में स्पोर्ट्स हाॅस्टल एवं स्पोर्टस स्कूल स्थापित करना।
ऽ        जनपद स्तर एवं राज्य स्तर पर प्रथम, द्धितीय एवं तृतीय स्थान अर्जित करने वाले खिलाडि़यों को नकद पुरस्कार प्रदान करना।
ऽ        देहरादून एवं हल्द्वानी में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के स्पोर्ट्स काॅम्पलैक्स का निर्माण गतिमान।
ऽ        राज्य के प्रतिभाशाली एवं दक्ष खिलाडि़यों के लिए उत्तराखण्ड खेल रत्न व देवभूमि उत्तराखण्ड द्रोणाचार्य पुरस्कार।
ऽ        अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक प्राप्त खिलाडि़यों के लिए पुरस्कार योजना।
ऽ        प्रत्येक विकासखण्ड में राजीव गांधी खेल स्टेडियम का निर्माण का निर्णय।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
ऽ        राज्य के समस्त ए.पी.एल. परिवारों को नकदरहित स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना प्रारम्भ करने का निर्णय।
ऽ        पर्वतीय क्षेत्रों में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए सेवाकाल के प्रथम दो वर्ष पर्वतीय क्षेत्र में कार्य करने की बाध्यता का निर्णय।
ऽ        दो वर्ष से अधिक अवधि के लिए स्वेच्छा से पर्वतीय क्षेत्र में कार्य करने वाले चिकित्सकों को विशेष मानदेय का प्राविधान।
ऽ        पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर बनाने व चिकित्सकों की तैनाती सुनिश्चित करने के लिए एयर लिफ्ट योजना के तहत डाॅक्टर, फार्मासिस्ट व दवाओं के साथ ही मरीजों को एयर लिफ्ट किया जायेगा।
 समाज कल्याण
ऽ        पेंशन योजनाओं के अन्तर्गत समस्त पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित किये जाने के उद्देश्य से मासिक आय सीमा में रुपये 1000/ से वृद्धि कर 04  मार्च, 2014 से रुपये 4000/- प्रतिमाह किया गया है। समस्त पेंशन योजनाओं के अन्तर्गत लाभार्थियों को 01 जनवरी, 2014 से रुपये 800/ – प्रतिमाह की दर से पेंशन का भुगतान करने का निर्णय लिया गया है।
ऽ        परित्यक्ता, निराश्रित मानसिक विकृत व्यक्ति की पत्नी को भरण-पोषण के लिए रुपये 400 प्रतिमाह की धनराशि प्रदान की जायेगी।
ऽ        तीलू रौतेली विशेष पेंशन योजना शुरू की जायेगी। इसके तहत 20 से 40 वर्ष आयु तक की महिलाओं को अपंगता होने अथवा घायल होने पर रुपये 800 प्रतिमाह की दर से पेंशन दी जायेगी।
ऽ        किसान पेंशन योजना व पुरोहित पेंशन योजना का निर्णय।
ऽ        कन्या शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए गौरा देवी कन्या धन योजना की सहायता राशि को  25 हजार से बढ़ाकर रुपये 50 हजार करने का निर्णय, इसमें रुपये 25 हजार की एफ.डी. एवं रुपये 25 हजार की सहायता की व्यवस्था का प्राविधान किया गया है।
ऽ        पिथौरागढ़ जनपद के धारचूला क्षेत्र के अनवाल समुदाय की 143 जातियों को ओबीसी का दर्जा देने का निर्णय।
ऽ        2014-15 में पिछड़ा क्षेत्र विकास विभाग नाम से एक नये विभाग का गठन।
वन
ऽ        पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सरकार ने हमारा पेड़ हमारा-धन योजना शुरू।
ऽ        मानव वन्य जीव संर्घष के दौरान हुई जानमाल की क्षति हेतु अनुग्रह राशि में वृद्धि की गयी। मानव क्षति के मामले में अनुग्रह राशि 1 लाख रुपये से बढा कर 3 लाख रुपये की गयी।
ऽ        वर्षा जल संरक्षण योजना के अन्तर्गत भूमि एवं जल संरक्षण कार्य, जलाशय, टेंक, जलकुन्डो का निर्माण, तटबन्ध, जल स्रतो का पुनरोद्धार आदि कार्य करने का लक्ष्य।
ऽ        मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड वन्यजीवों से खेती सुरक्षा योजना प्रारम्भ की जा रही है।
ऽ        प्रदेश में उन्नत चारे की समस्या से निजात पाने के उद््देश्य से ‘‘चारागाह विकास’’ प्रारम्भ।
पर्यटन
ऽ        प्रदेश सरकार ने उत्तराखण्ड में ‘‘मेरे बुजुर्ग-मेरे तीर्थ’’ योजना शुरू की है।
ऽ        हिमालय दर्शन के नाम से एक नई पर्यटन योजना प्रारम्भ करने तथा अगले वर्ष से मद्महेश्वर-तुंगनाथ, जागेश्वर तथा छोटा कैलास-ऊॅ पर्वत की यात्राओं का भी संचालन करने का निर्णय।
ऽ        तीर्थ पुरोहितों के लिए सरकार द्वारा विशेष पैकेज देने का निर्णय।
ऽ        विश्व की सबसे बड़ी पद यात्रा श्री नंदा राजजात का ऐतिहासिक सफल आयोजन।
ऽ        दैवीय आपदा उपरांत चारधाम यात्रा का सुरक्षित एवं सफल आयोजन। 4 लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों ने चारधाम यात्रा कुशलतापूर्वक पूरी की।
ऽ        कैलाश मानसरोवर यात्रा का सफल आयोजन।
ऽ        टिहरी पर्यटन महोत्सव जैसे कार्यक्रमों से सरकार ने पर्यटकों को उत्तराखण्ड आने को प्रेरित किया।
लोक निर्माण
ऽ        लगभग 7 हजार कि.मी. नई सड़कों की निर्माण की स्वीकृति के साथ ही 6 हजार किमी0 सड़को का सुधार, 1100 किमी0 सड़कों का पुर्ननिर्माण, 132 पुलों का निर्माण किया गया है व 161 पुलों की नई स्वीकृति दी गई।
ऽ        षेड्यूल कास्ट सब प्लान में वित्तीय वर्ष 2014-15 में बजट प्राविधान रुपये 98.30 करोड़ के सापेक्ष रुपये 53.00 करोड़ उपलब्ध है
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति
ऽ        प्रदेश में राज्य खाद्य योजना लागू करने का निर्णय।
ऽ        केन्द्र के सहयोग के बिना योजना को राज्य सरकार अपने संसाधनों से प्रारम्भ करेगी।
ऽ        बीपीएल को प्रति परिवार 35 किलो और एपीएल को 15 किलो राशन मिलेगा।
ऽ        योजना पर लगभग रुपये 350 से 400 करोड़ का व्यय आयेगा, जिसे राज्य सरकार स्वयं वहन करेगी।
ऽ        वर्तमान सरकार के कार्यकाल मेें ए0पी0एल0 योजना के अन्तर्गत प्रत्येक कार्डधारक को प्रतिमाह 15 किग्रा खाद्यान्न (गंेहूॅ रुपये 5 प्रतिकिग्रा0 तथा चावल रुपये 7 प्रतिकिग्रा0 की दर से) भारत सरकार द्वारा निर्धारित दरों से न्यून दरों पर वितरण कराया जा रहा है ।
शिक्षा
ऽ        शैक्षिक गुणवत्ता संवर्द्धन हेतु प्रदेश के 750 माध्यमिक विद्यालयों में स्पोकन इंगलिश के लिए ‘‘उन्नति‘‘ कार्यक्रम लागू किया गया है।
ऽ       44 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9 से व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम प्रारम्भ
ऽ       मुफ्त साईकिल योजना के अन्तर्गत कक्षा 8 से कक्षा 9 में प्रवेश पाने वाली 126606 बालिकाएं लाभान्वित।
ऽ       अध्यापक पुरस्कार के अन्तर्गत शैलेश मटियानी पुरस्कार हेतु विद्यालयी शिक्षा के 24 शिक्षकों का चयन।
ऽ        राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों की योजनाओं को व्यावहारिक बनाते हुए प्रत्येक विकासखण्ड में एक राजीव गांधी अभिनव आवासीय स्कूल भी स्थापित किया जायेगा।
ऽ        प्रारम्भिक शिक्षा में सीमान्त जनपदों में शिक्षक-छात्र अनुपात बेहतर करने के लिए एक हजार नये शिक्षक भर्ती किये जायेंगे।
ऽ        पर्वतीय क्षेत्रों में जूनियर हाई स्कूल-हाई स्कूल और मैदानी क्षेत्रों में खेलकूद को प्रोत्साहित करने वाली ग्राम सभाओं में व्यायाम प्रशिक्षक नियुक्त किये जायेंगे (इस हेतु एक पारदर्शी चयन प्रक्रिया तैयार की जा रही है।)
ऽ       शैक्षिक रूप से पिछड़े विकास खण्डों में माध्यमिक स्तर कीैब्ध्ैज् व ठच्स् छात्राओं के लिए छात्रावासों का निर्माण प्रारम्भ
ऽ       राज्य विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में प्राचार्य/प्राध्यापकों की सेवानिवृत्ति की  आयु सीमा 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष।
उद्योग
ऽ       गत तीन वर्षाें में एमएसएमई क्षेत्र में कुल रू0 2259.45 करोड़ पूंजी निवेष से 7002 एमएसएमई इकाईयों की स्थापना व 41501 लोगों को रोजगार उपलब्ध।
ऽ        पर्वतीय क्षेत्र को एजुकेशन हब के रुप में विकसित करने के लिए निजी शैक्षणिक संस्थाओं को प्रोत्साहित करते हुये राज्य सरकार द्वारा बिजली, पानी, सड़क की व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही यदि कोई उद्यमी पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यावरण अनुकूल उद्यम स्थापित करता है, तो उसे भी विशेष सहायता दी जायेगी।
ऽ        मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत सूक्ष्म उद्यमों को विनिर्माण क्षेत्र में अधिकतम रुपये 05 लाख एवं व्यवसाय व सेवा क्षेत्र में अधिकतम रुपये 03 लाख तक के ऋण बैंकों के माध्यम से स्वीकृत किये जायेंगे।
ऽ        सूक्ष्म एवं लघु उद्योग योजना के तहत प्रदेश में 100 औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने का निर्णय।
ऽ        पर्वतीय क्षेत्रों में उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग नीति लागू की गई है।
ऽ       राज्य के परम्परागत शिल्पों के पुनर्जीवीकरण, विकास एवं उन्नयन हेतु अल्मोड़ा के गरूड़ाबाज में ’’हरि प्रसाद टम्टा पारम्परिक षिल्प उन्नयन संस्थान’’ की स्थापना।
गैरसैंण विधानसभा सत्र से लिखी ऐतिहासिक इबारत
ऽ       राज्य सरकार ने गैरसंैण में विधानसभा का सत्र संचालित कर लिखा नया इतिहास।
ऽ       गैरसैण में विधान सभा भवन के साथ ही सचिवालय भवन निर्माण का भी निर्णय।
ऽ       गैरसैंण विकास और अवस्थापना परिषद के गठन सहित प्रदेश के सर्वांगीण विकास हेतु कई महत्वपूर्ण निर्णय।
ऽ       गैरसैण व भराड़ीसैण को स्मार्ट सिटी के तौर पर किया जायेगा विकसित।
महिला सषक्तीकरण एवं बाल विकास
ऽ        आंगनबाड़ी कार्यकर्ती/सहायिका/मिनी कार्यकर्तियों के मानदेय मे वृद्धि
ऽ        मार्च, 2012 से अब तक 2834 महिलाओ को आंगनबाड़ीें कार्यकर्ती/सहायिका/मिनी कार्यकर्ती के रूप में नियुक्ति प्रदान ।
ऽ        वर्ष 2014-15 से मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना प्रारम्भ ।
ऽ        मुख्यमंत्री वृद्ध महिला पोषण योजना वर्ष 2014-15 से प्रारम्भ ।
ऽ        आंगनबाड़ी कल्याण कोष की स्थापना
ऽ        अब नन्दा देवी कन्या योजना ‘‘हमारी कन्या हमारा अभिमान‘‘ के नाम से जानी जायेगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में लैंगिक असमानता दूर करना, कन्या शिशु को परिवार में सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है।
ऽ        कामकाजी महिलाओं के लिए प्रत्येक जिले में इंदिरा प्रियदर्शिनी कामकाजी महिला छात्रावास स्थापित करने का निर्णय।
ऽ        आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व सहायिकाओं के लिए अंशदायी पेंशन प्रारम्भ करने का निर्णय।
ऽ        मुख्यमंत्री महिला सतत आजीविका योजना के लिए 15 करोड़ रूपए की धनराशि।
ऽ        प्रत्येक जिले मंे बनाये जायेंगे, इंदिरा प्रियदर्शिनी मण्डप।
संस्कृति
ऽ        लोक गायक/कलाकार कल्याण कोश की स्थापना किये जाने तथा कल्याण कोश हेतु  5.00 करोड़ के कारपस फण्ड का प्राविधान
ऽ        पुरोला एवं अल्मोड़ा के हैरिटेज बिल्डिंग (धरोहरों) का रख-रखाव एवं जीर्णोद्धार तथा सौन्दर्यीकरण कार्यों हेतु 1.00 करोड़ का कारपस फण्ड गठित
ऽ        राज्य के लोक कलाकारों को प्रोत्साहन देने के लिए प्रदेश के प्रत्येक मण्डल के दो-दो लोक सांस्कृतिक दलों को दो-दो लाख रूपये की धनराशि दिये जाने का निर्णय।
ऽ        प्रदेश में प्रचलित लोक भाषाओं व बोलियों में उत्कृष्ट साहित्य सृजन हेतु प्रदेश के साहित्यकारों/ लेखकों को पुरस्कृत किये जाने का निर्णय।
ऽ        राज्य के ख्याति प्राप्त एवं प्रतिष्ठित लेखकों/कवियों यथा गौरी दत्त पाण्डेय (गौर्दा), गुमानी पन्त, भजन सिंह, आत्मा राम गैरोला, कन्हैया लाल डंडरियाल आदि के नाम से एक-एक शोधार्थी को पुरस्कार दिये जाने का निर्णय।
अल्पसंख्यक कल्याण
ऽ        आई.ए.एस, पी.सी.एस, आई.आई.टी, आई.आई.एम, एन.आई.टी आदि की प्रतिष्ठित प्रतियोगी परिक्षाओं में अल्पसंख्यक वर्ग के अभ्यर्थियों को प्रोत्साहित किये जाने एवं वित्तीय सहायता उपलब्ध कराये जाने हेतु ’’मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक प्रोत्साहन योजना’’ शुरू।
ऽ        अल्पसंख्यक कल्याण तथा वक्फ विकास निगम लि द्वारा संचालित ’’स्वतःरोजगार योजना’’ में प्रत्येक वर्ष 1.50 करोड रुपये की धनराशि का प्राविधान।
ऽ        अल्पसंख्यक बाहुल्य जनपद देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर तथा नैनीताल में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कार्यालय की स्थापना करते हुए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी एवं प्रवर सहायकों की तैनाती की।
ऽ        मदरसा बोर्ड में प्रदेश स्तर पर वर्ष 2013-14 में प्रथम बार परीक्षाएं करवायी गयी।
ऽ        अल्पसंख्यक समुदाय की मेधावी छात्राओं को हाईस्कूल में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर रुपये 15000/- तथा इन्टरमीडिएट की छात्राओं को रुपये 25000/- अनुदान की योजना प्रारम्भ करने का निर्णय लिया गया है।
ऽ        3 कन्या डिग्री कालेज और 2 इंटर कालेज स्वीकृत किये गये है।
ऽ        अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में 3 महिला आईटीआई सहित कुल 5 आईटीआई का निर्माण करने का निर्णय।
ऽ        संत केशर सिंह स्मृति सहायता योजना को पूरे प्रदेश में लागू करने का प्राविधान किया गया है।
सैनिक कल्याण
ऽ        उत्तराखण्ड सैनिक विधवाओं की पुत्री एवं पूर्व सैनिकों की अनाथ पुत्रियों के विवाह हेतु देश में सर्वाधिक अनुदान देने वाला राज्य। सरकार द्वारा अनुदान राशि रुपये 30,000/- से बढाकर रुपये 2,00,000/- की।
ऽ        अर्द्ध सैनिक बलों के सेवानिवृत्त जवानों व उनके आश्रितों को भी पूर्व सैनिकों की भांति ही सुविधाएं देने का निर्णय।
ऽ        पूर्व सैनिकों को सैनिक कल्याण योजनाओं से अवगत कराने एवं सहायता हेतु ब्लाक प्रतिनिधियों की नियुक्ति कर  उन्हे मानदेय दिया जा रहा है। वर्तमान सरकार ने इनके  मानदेय को 4000/- प्रतिमाह से बढाकर6000/- प्रतिमाह कर दिया है।
ऽ        विभिन्न युद्धों व सीमान्त झडपों तथा आंतरिक सुरक्षा में शहीद हुये सैनिकों व अर्द्ध सैनिक बलों की विधवाओं/आश्रितों को एकमुश्त ृ10,000,00/- लाख तक अनुग्रह अनुदान अनुमन्य ।
ऽ        राज्य में रुद्रप्रयाग जनपद में द्वितीय सैनिक स्कूल की स्थापना की प्रक्रिया गतिमान है। उत्तराखण्ड देश में द्वितीय सैनिक स्कूल वाला चुनिंदा राज्यों में एक।
प्रभावी प्रशासनिक व्यवस्था की पहल: समाधान एवं सेवा योजना
ऽ        सरकार अधिक से अधिक गांवों और दूरदराज के क्षेत्रों में प्रभावी प्रशासन देे, इसके लिए प्रशासनिक व्यवस्था में प्रभावी पहल की गई है। सरकार समाधान योजना को और अधिक प्रभावी बना रही हैं। सेवा का अधिकार आयोग के गठन के साथ ही जीरो पेंडेंसी की शुरूआत 10 नागरिक सेवाओं से की गई है। नागरिक सेवाओं की डिलीवरी की मानिटरिंग के लिए प्रभावी व्यवस्था लागू की गई है।
ऽ        आम आदमी की शिकायतों का निस्तारण त्वरित हो, इसके लिए समाधान योजना शुरू की गई है।
ऽ        योजना के तहत प्रत्येक माह के तीसरे गुरूवार को ‘‘मुख्यमंत्री शिकायत निवारण दिवस’’ के रूप में संचालित किया जाता है।
ऽ        मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में विभागीय प्रमुख सचिव/सचिव को स्वयं एवं वीडियों कान्फ्रंेसिंग में जिलाधिकारी को स्वयं उपस्थित होना अनिवार्य है।
ऽ           सेवा योजना में जनाधार एवं ई-डिस्ट्रिक योजना से मिलने वाली सेवाओं के निर्धारित समयावधि पर प्राप्त न होने पर वे,ैम्ॅ। में स्वतः ही प्रदर्शित हो जायेंगी तथा इनका अनुश्रवणैम्ॅ। योजना के अन्तर्गत किया जा सकेगा।
ऽ           जनपद स्तर पर सामान्य रूप से प्राप्त होने वाली लिखित शिकायतों को ैम्ॅ। योजना मेें दर्ज करते हुए एक आॅटोजनरेटेड आई.डी.नम्बर दिया जाएगा।
  कृषि
ऽ        प्रदेश के 670 न्याय पंचायतों में विगत तीन वर्षों में 03 बार कृषक महोत्सव का  आयोजन किया गया, जिसमें कुल 3,25,656 कृषकों द्वारा प्रतिभाग तथा रू0 824.29 लाख का कृषि निवेश विक्रय हुआ।
ऽ        अब तक 129 लेजर लैंड लैवलर कृषकों को वितरित। पर्वतीय क्षेत्रों में विगत तीन वर्षों में 203 पावर वीडर तथा पावर टिलर वितरित।
ऽ        विगत तीन वर्षों में कुल रू0 1.83 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड कृषकों को वितरित।
आपदा
ऽ        वर्ष 2013 की आपदा के उपरांत लगभग 23000 परिवारों को लगभग 300 करोड़ रुपये की राहत सहायता वितरित।
ऽ        पहली बार व्यावसायिक इकाईयों, दुकानों तथा अन्य मदों को भी राहत मद में शामिल किया गया।
ऽ        आपदा प्रबन्धन से सम्बन्धित कार्यों को सुनियोजित ढंग से किये जाने की दृष्टि से राज्य आपदा प्रबन्धन योजना (एस0डी0एम0पी0) का गठन।
उद्यान
ऽ        उद्यानोें की जीर्णोद्धार योजना के तहत कृषकों के अपने पुराने उद्यानों का जीर्णोद्धार किये जाने हेतु अनुदान।
ऽ        कृषकों को अपनी फसलों की सिंचाई हेतु बोरवैल स्थापना की योजना।
ऽ        कृषकों के 05 वर्ष पुराने पालीहाउस जिनकी पालीथीन जीर्ण-शीर्ण/फट जाने पर सरकार द्वारा कृषकों को 75 प्रतिशत राज सहायत।
ऽ        कृषकों को शत-प्रतिशत अनुदान पर नये फलदार बागान स्थापना हेतु अनुदान।
ग्राम्य विकास
ऽ        महात्मा गाॅधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी येाजना के अन्तर्गत रू. 102492.52 लाख रुपये व्यय तथा 473.94 लाख मानव दिवस सृजित। कुल 87228 कार्य पूर्ण कर स्थायी परिसम्पत्तिां अर्जित कर 58992 पंजीकृत श्रमिक परिवारों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध।
ऽ        मेरा गांव मेरी सड़क’’ योजना के तहत 95 विकास खण्डों में प्रति विकासखण्ड दो सडकों के निर्माण का लक्ष्य। वित्तीय वर्ष 2015.16 हेतु सौ करोड रुपये की बजट व्यवस्था।
पर्यटन
ऽ        स्थानीय ग्रामीणों को पर्यटन में स्वरोजगार उपलब्ध कराने हेतु ’’ग्रामीण पर्यटन उत्थान योजना’’ प्रारम्भ।
ऽ        शीतकालीन चारधाम यात्रा शीतकालीन गददी स्थलों के लिये प्रारम्भ।
ऽ        श्रीनन्दादेवी राजजात-2014 का सफल आयोजन।
ऽ        मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ योजना प्रारम्भ।
ऽ        प्रदेश में प्रथम बार चारधाम यात्रियों के बायोमैट्रिक पंजीकरण की व्यवस्था प्रारम्भ।
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 सरकार की नई पहल……………………..
ऽ       मेरा गांव-मेरी सड़क योजना
ग्रामीण क्षेत्रों को जल्द से जल्द सड़क कनैक्टीविटी से जोड़ा जा सके। इसके लिए राज्य सरकार ने मेरा गांव-मेरी सड़क योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। योजना के तहत अब       1 कि.मी. तक की सड़के ग्राम पंचायत द्वारा मनरेगा से बन सकेगी। जबकि 2 कि.मी तक की सड़क ग्रामीण अभियन्त्रण सेवा विभाग के माध्यम से बनेगी। सड़क निर्माण में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित की गई है। जिसमें निर्णय लिया गया है कि स्थानीय विधायक व सांसद भी इस योजना में अपना सहयोग कर सकते है।
ऽ       ‘मेरा गांव मेरा धन‘ योजना
राज्य सरकार ने प्रदेश में आम आदमी को अपने ही गांव में निवेश के अधिक अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मेरा गांव-मेरा धन योजना शुरू की है। योजना के तहत कोई भी व्यक्ति भवन निर्माण में निवेश कर भवन बनायेगा, जिसके लिए सरकार किराया अदा करेगी। किराया निवेश की बैंक एफडी के ब्याज दर से अधिक होगा। इसका लाभ शिक्षा, आई.टी.आई., स्वास्थ्य सहित अन्य महत्वपूर्ण विभागों की अवस्थापना सुविधाओं को विस्तार करने में मिलेगा। सरकार भवन पर खर्च करने के बजाय किराये पद्वति पर गांव में ही बने भवन को लेने की इच्छुक है। इससे एक ओर जहां सरकारी विभागों के भवन बनाने में समय बचेगा, वहीं दूसरी ओर स्थानीय स्तर पर निवेश की भावना को भी बल मिलेगा।
 नई ऊर्जा नीति से आत्म निर्भर होंगी ग्राम पंचायते
ऽ       पंचायत राज्य संस्थाओं एवं स्थानीय-निजी क्षेत्र की भागादारी सरकार द्वारा बनायी जाने वाली नीतियों में अधिक से अधिक हो, इसी सोच के साथ मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नई ऊर्जा नीति को लागू किया है। नई ऊर्जा नीति में ग्राम पंचायतों को आत्म निर्भर बनाने का प्रयास है। अब ग्राम पंचायतें अपने स्तर पर ही बिजली बना सकेंगे। राज्य में सूक्ष्म एवं अति लघु जल विद्युत परियोजनाओं (0-2 मेगावाॅट तथा 25 मेगावाॅट तक की क्षमता) को पंचायत राज्य संस्थाओं एवं स्थानीय-निजी क्षेत्र की भागादारी से विकसित करने हेतु ‘‘सूक्ष्म एवं अति लघु जल विद्युत परियोजनाओं के विकास हेतु नीति-2014‘‘ को मंजूरी दी गई है।
ऽ        02 मे0वा0 क्षमता तक की सूक्ष्म एवं अतिलघु जल विद्युत परियोजनाएं उŸाराखण्ड राज्य की पंचायती राज्य संस्थाओं के लिये आरक्षित होंगी। ऐसी ग्राम पंचायतों को प्राथमिकता दी जायेगी, जिनके उपान्त क्षेत्र में पूर्ण प्रस्तावित परियोजना अवस्थित है। यदि पूर्ण प्रस्तावित योजना स्थल दो या इससे अधिक ग्राम पंचायतों के अधीन आता है, तो प्राथमिकता उस ग्राम पंचायत को दी जायेगी, जिसके उपान्त क्षेत्र के अधीन पावर हाउस अवस्थित है। यदि उपरोक्त ग्राम पंचायते भागीदारी की इच्छुक नहीं हैं, तो अगली प्राथमिकता उस ग्राम पंचायत को दी जायेगी, जो प्रस्तावित परियोजना स्थल के आसपास अवस्थित हो। अगली प्राथमिकता सम्बन्धित ब्लाॅक पंचायत को दी जायेगी जिसके अन्तर्गत उक्त प्रस्तावित परियोजना स्थल अवस्थित हो। भागीदारी के इच्छुक नहीं हैं तो अगली प्राथमिकता सम्बन्धित जिला पंचायत को दी जायेगी।
खेल से बनेगी पहचान
ऽ        राज्य में खेल और खिलाडि़यों को प्रोत्साहित करने के लिए उनकी भावना के अनुरूप राज्य की खेल नीति लागू की गई है। उत्तराखण्ड को वर्ष 2018 में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने का भी अवसर मिला है। सरकार की मंशा है कि वर्ष 2018 के राष्ट्रीय खेल का न सिर्फ सफल आयोजन हो, बल्कि इसस उत्तराखण्ड खेल शक्ति राज्य के रूप में उभर कर सामने आये। राज्य की खेल नीति-2014 में अगले 05 वर्षो में खेल अवस्थपना सुविधाओं को विकसित कर राज्य में 38वें राष्ट्रीय खेल (वर्ष 2018) आयोजित कराये जायेंगे। विभिन्न खेलों में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धियां प्राप्त करने हेतु 05 वर्षीय एवं 10 वर्षीय लक्ष्य निर्धारित किये गये है। राज्य के प्रत्येक जनपद में स्पोर्ट्स हाॅस्टल एवं स्पोर्टस स्कूल खोले जायेंगे। जनपद स्तर एवं राज्य स्तर पर प्रथम, द्धितीय एवं तृतीय स्थान अर्जित करने वाले खिलाडि़यों को नकद पुरस्कार प्रदान किया जायेगा, देहरादून एवं हल्द्वानी में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के स्पोर्ट्स काॅम्पलैक्स बनाये जा रहे हैं जिनमें विभिन्न खेल विधाओं में लगातार खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा, जिससे खिलाडी लाभान्वित होंगे। राज्य के प्रतिभाशाली एवं दक्ष खिलाडि़यों के लिए उत्तराखण्ड खेल रत्न व देवभूमि उत्तराखण्ड द्रोणाचार्य पुरस्कार। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक प्राप्त खिलाडि़यों के लिए पुरस्कार योजना। प्रत्येक विकासखण्ड में राजीव गांधी खेल स्टेडियम का निर्माण का निर्णय।
मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना
ऽ        राज्य के समस्त ए.पी.एल. परिवारों को नकदरहित स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना प्रारम्भ करने का निर्णय लिया गया है। राज्य के समस्त परिवारों को 50 हजार रुपये तक की कैशलेश स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिया जायेगा।
योजना के लागू होने से राज्य के समस्त ए.पी.एल. परिवारों को रुपये 50,000/- तक की नकदरहित चिकित्सा सुविधा और असाध्य रोगों के लिए रुपये 1.5 लाख अधिकतम तक नकदरहित चिकित्सा सुविधा प्राप्त होगी।
पेंषन सबका अधिकार-हर वर्ग को मिला पेंषन का अधिकार
ऽ        पेंशन सबका अधिकार हो, हर वर्ग को पेंशन का अधिकार मिले यह राज्य सरकार की प्राथमिकता है। पेंशन योजनाओं के अन्तर्गत समस्त पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित किये जाने के उद्देश्य से मासिक आय सीमा में रुपये 1000/ से वृद्धि कर 04  मार्च, 2014 से रुपये 4000/- प्रतिमाह किया गया है। समस्त पेंशन योजनाओं के अन्तर्गत लाभार्थियों को 01 जनवरी, 2014 से रुपये 800/ – प्रतिमाह की दर से पेंशन का भुगतान करने का निर्णय लिया गया है। पहली बार किसी सरकार ने परित्यक्ता, निराश्रित मानसिक विकृत व्यक्ति की पत्नी को भरण-पोषण के लिए रुपये 400 प्रतिमाह की धनराशि प्रदान की है। तीलू रौतेली विशेष पेंशन योजना शुरू की है। जिसके तहत 20 से 40 वर्ष आयु तक की महिलाओं को अपंगता होने अथवा घायल होने पर रुपये 800 प्रतिमाह की दर से पेंशन दी जायेगी। किसान पेंशन योजना के तहत 60 वर्ष की आयु से अधिक उम्र के किसानों को किसान पेंशन दी जायेगी।

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