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संस्कृत को जन-जन तक पहुंचाने के लिए उसका सरलीकरण किया जाना आवश्यक: माता प्रसाद पाण्डेय

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम् के वर्ष 2009 से 2013 तक के पुरस्कारों का वितरण आज गन्ना संस्थान में संस्कृत भाषा के विद्धानों को दिया गया। इसके लिए गन्ना संस्थान डालीबाग में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसके मुख्य अतिथि विधान सभा अध्यक्ष, श्री माता प्रसाद पाण्डेय थे।

इस अवसर बोलते हुए विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि हमें अपनी संस्कृति को जीवित रखने के लिए संस्कृत को जीवित रखना परम आवश्यक है। उन्होंने कहा कि संस्कृत को आम जन में लोकप्रिय बनाने के लिए उसकी क्लिष्टता को दूर कर उसे सरल बनाये जाने की आवश्यकता है इस कार्य के लिए उन्होंने संस्कृत के विद्वानों से आग्रह किया।
वर्ष 2009 का विश्व भारती पुरस्कार इलाहाबाद के विद्वान प्रो0 आद्या प्रसाद मिश्र, वर्ष 2010 का विश्व भारती पुरस्कार इलाहाबाद के प्रो0 वशिष्ठ त्रिपाठी, वर्ष 2011 का विश्व भारती पुरस्कार मधुबनी, बिहार के विद्वान प्रो0 किशोर नाथ झा, वर्ष 2012 का विश्व भारती पुरस्कार जौनपुर के डा0 गिरधर लाल मिश्र तथा वर्ष 2013 का विश्व भारती पुरस्कार डा0 भगीरथ प्रसाद त्रिपाठी, वाराणसी को दिया गया। पुरस्कार स्वरूप प्रत्येक विद्वान को 2,51,000 रुपये (रु0 दो लाख इक्यावन हजार) की धनराशि प्रदान की गई।
वाल्मीकि पुरस्कार वर्ष 2009 का वाराणसी के प्रो0 अमरनाथ पाण्डेय, वर्ष 2010 का लखनऊ के प्रो0 ओम प्रकाश पाण्डेय, वर्ष 2012 का पुरस्कार जयपुर के डा0  नारायण शास्त्री कांकर तथा वर्ष 2013 का वाल्मीकि पुरस्कार पुरी के प्रो0 गंगाधर पण्डा को प्रदान किया गया। पुरस्कार स्वरूप प्रत्येक विद्वान को 1,00,000 रुपये (रु0 एक लाख) की धनराशि प्रदान की गई।
वर्ष 2009 का व्यास पुरस्कार श्री हनुमन्त राव, सिकन्दराबाद, आन्ध्र प्रदेश, वर्ष 2011 का व्यास पुरस्कार प्रो0 युगल किशोर मिश्र, वाराणसी, वर्ष 2012 के लिए प्रो0 उमा रमण झा, लखनऊ तथा वर्ष 2013 के लिए डा0 शिव सागर त्रिपाठी, जयपुर को दिया गया। इन सभी विद्वानों को एक-एक लाख रुपये की धनराशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की गई।
वर्ष 2009 का नारद पुरस्कार वाराणसी के विद्वान श्री त्रिवेणी प्रसाद शुक्ल, वर्ष 2010 का नारद पुरस्कार डा0 प्रेमा अवस्थी, कानपुर, वर्ष 2012 का पुरस्कार श्री रमाकान्त शुक्ल, दिल्ली तथा वर्ष 2013 का नारद पुरस्कार डा0 जयप्रकाश नरायण द्विवेदी, द्वारका को प्रदान किया गया। पुरस्कार स्वरूप प्रत्येक विद्वान को 51-51 हजार रुपये प्रदान किये गये।
वर्ष 2009 का विशिष्ट पुरस्कार डा0 आनन्द श्रीवास्तव वाराणसी, डा0 कमला पाण्डेय वाराणसी, प्रो0 मान सिंह, हरिद्वार, डा0 सुशील कुमार पाण्डेय, सुल्तानपुर तथा डा0 नवलता वर्मा लखनऊ को प्रदान किया गया। वर्ष 2010 का विशिष्ट पुरस्कार डा0 प्रशस्य मित्र शास्त्री रायबरेली, डा0 सूर्या देवी चतुर्वेदी वाराणसी, डा0 कैलाश नाथ द्विवेदी, औरैया, डा0 कृष्ण नारायण पाण्डेय लखनऊ तथा डा0 प्रभुनाथ द्धिवेदी वाराणसी को दिया गया। वर्ष 2011 का यह पुरस्कार डा0 हरि नारायण तिवारी जम्मू, डा0 राजेश्वर प्रसाद मिश्र हरियाणा, प्रो0 बृजेश कुमार शुक्ल लखनऊ, डा0 सर्व नारायण झा, लखनऊ एवं डा0 भगवत शरण शुक्ल वाराणसी को दिया गया। इसी क्रम में वर्ष 2012 का यह पुरस्कार डा0 हरी दत्त शर्मा इलाहाबाद, डा0 आशा रानी राय कानपुर, प्रो0 अर्कनाथ चैधरी लखनऊ, डा0 रेखा शुक्ला लखनऊ तथा डा0 सुधाकर मालवीय वाराणसी को दिया गया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 का यह पुरस्कार प्रो0 किशोर मिश्र वाराणसी, डा0 विजय कुमार कर्ण लखनऊ, श्री राम सुमेर यादव लखनऊ, डा0 राधेश्याम चतुर्वेदी हरिद्वार तथा डा0 गायत्री शुक्ल रायबरेली को प्रदान किया गया।
वर्ष 2009 का वेद पंडित पुरस्कार श्री सूर्यमणि भंडारी वाराणसी, श्री राकेश कुमार मिश्र कानपुर, श्री भूपेन्द्र मिश्र गोण्डा तथा उमेश कुमार पाठक लखनऊ को दिया गया। वर्ष 2010 का यह पुरस्कार श्री गोविन्द प्रसाद अधिकारी तिरूपति आन्द्र प्रदेश, श्री पशुपति नाथ मिश्र वाराणसी, श्री बृजमोहन पाठक फैजाबाद, श्री आशुतोष कुमार पाण्डेय वाराणसी, श्री ऋषिकेश पाण्डेय वाराणसी तथा श्री श्याम सुन्दर तिवारी वाराणसी को दिया गया। वर्ष 2011 को यह पुरस्कार श्री टीकाराम रिजाल वाराणसी, श्री रिकेन्द्र पाण्डेय वाराणसी तथा श्री मनोज कुमार उपाध्याय वाराणसी को प्रदान किया गया। वर्ष 2012 का यह पुरस्कार श्री राम कृष्ण मिश्र कासगंज, श्री मनी कुमार झा वाराणसी, डा0 नीरज तिवारी वाराणसी, श्री कृष्ण कुमार शर्मा वाराणसी, श्री अनन्तेश्व कुमार मिश्र कुशीनगर, श्री लोकेश श्रृंगी, वाराणसी, श्री शम्भू लाल शर्मा वाराणसी, श्री सत्य कुमार तिवारी वाराणसी तथा श्री राहुल पाण्डेय गोरखपुर को दिया गया। वर्ष 2013 का यह पुरस्कार श्री रत्नाकर मिश्र वाराणसी, श्री ईशान तिवारी वाराणसी, श्री पुरातन शर्मा वाराणसी, श्री कृष्ण मुरारी त्रिपाठी वाराणसी, श्री वेणु गोपाल शर्मा वाराणसी, श्री मणिकान्त मिश्र वाराणसी, श्री द्वारिकानाथ मिश्र, ऊना, हिमांचल  प्रदेश, श्री अशोक कुमार पाण्डेय वाराणसी तथा विपिन चन्द्र झा वाराणसी को दिया जायेगा। प्रत्येक विद्वान को पुरस्कार स्वरूप 25-25 हजार का पुरस्कार दिया गया।
वर्ष 2009 के नामित पुरस्कारों के अंतर्गत कालिदास पुरस्कार श्री ग्वल्लदेवंचरित्म पुस्तक के लिए डा0 हरि नारायण दीक्षित, वर्ष 2010 के लिए तीर्थभारतम पुस्तक के लिए प्रो0 रहस बिहारी द्विवेदी, वर्ष 2011 में प्रकाशित पुस्तक व्रणोरूढ़िग्रन्थ के लिय डा0 हर्षदेव माधव, वर्ष 2012 में प्रकाशित पुस्तक अभिराजगीता के लिए प्रो0 अभिराज राजेन्द्र मिश्र तथा वर्ष 2013 का कालिदास पुरस्कार डा0 रामकृष्ण पाण्डेय को उनकी पुस्तक भ्रष्टायनम के लिए प्रदान किया गया। वर्ष 2009 का बाणभट्ट पुरस्कार डा0 कैलाश नाथ द्विवेदी को उनकी पुस्तक मृच्छ कतिक परिशीलनम् के लिए, वर्ष 2010 का यह पुरस्कार डा0 सत्य पाल शर्मा को उनकी पुस्तक लौहपुरूषवल्लभ चरितम् के लिए, वर्ष 2011 का यह पुरस्कार प्रो0 रमेश कुमार पाण्डेय को ध्वनिमीमांसा के लिए तथा 2013 का बाणभट्ट पुरस्कार श्री राम किशोर मिश्र को उनकी पुस्तक नाट्यश्रुति के लिए प्रदान किया गया। वर्ष 2010 का व्यास पुरस्कार डा0 गिरधारी लाल चतर्वेदी को उनकी पुस्तक श्रीमदभगवतगीता धर्म दर्शन मास्यम् भाग-3 के लिए तथा 2012 का व्यास पुरस्कार डा0 शंकर कुमार मिश्र को उनकी पुस्तक षोडश संस्कार विर्मश के लिए प्रदान किया गया। वर्ष 2009 का शंकर पुरस्कार डा0 एन0आर0 कृष्णन केा न्याय मीमांसा शास्त्र-नुसारविधि निषेधाय समीक्षा के लिए, वर्ष 2010 का शंकर पुरस्कार डा0 महानन्द झा को न्याय सिद्धांत मुक्तावली के लिए, वर्ष 2011 का यह पुरस्कार प्रो0 राम किशोर त्रिपाठी को महाविद्याविडम्बनम् के लिए तथा वर्ष 2012 के लिए डा0 वागीश शर्मा दिनकर को उनकी पुस्तक ईशानुकथादर्शनविद्व के लिए प्रदान किया गया। इसी क्रम में वर्ष 2011 के पाणिनी/सायण पुरस्कार के लिए श्री देवानन्द शुक्ल को शाब्दिकामरणम् तथा वर्ष 2012 के लिए प्रो0 हरे राम त्रिपाठी को उनकी पुस्तक व्युपत्ति वाद को दिया गया । प्रत्येक विद्वान को पुरस्कार स्वरूप 25-25 हजार रुपये प्रदान किया गया।
वर्ष 2009 के विशेष पुरस्कार के लिए सर्वशुक्लोत्तरा पुस्तक के लिए डा0 रमा कान्त शुक्ल तथा अर्थववेदीय कृत्यसूक्तम् के लिए श्री किशोर मिश्रा दिया गया । वर्ष  2010 के लिए  अहैततत्वरंगिणी के लिए प्रो0 राजाराम शुक्ल, अलंकार समीक्षम् के लिए प्रो0 बृजेश शुक्ल, हविर्धानी के लिए डा0 अभिराज मिश्र, होसासार के लिए प्रो0 भारत भूषण मिश्र, श्रीमदनिरूद्वायनम् महाकाव्य के लिए श्री काशीनाथ गोपाल गोरे दिया गया। वर्ष 2011 का यह पुरस्कार संस्कृतगीत वल्लरी के लिए डा0 मनोरमा तिवारी, शातामंगलम् के लिए डा0 शिव शंकर मिश्र, छिन्द मस्ता के लिए प्रो0 अभिराज राजेन्द्र मिश्र तथा भारती आधुनिक शिक्षा के लिए डा0 लोकमान्य मिश्र को दिया गया। वर्ष 2012 का यह पुरस्कार कौशम्बी के लिए डा0 केशव प्रसाद गुप्त, संस्कृत वागमय कवि शिक्षा के प्रो0 जर्नादन प्रसाद पाण्डेय, लीलामोजराजम् के लिए अभिराज राजेन्द्र मिश्र तथा पालिसौरभ के लिए डा0 विजय कुमार जैन को यह पुरस्कार दिया गया। इसी क्रम में वर्ष 2013 के विशेष पुरस्कार के लिए प्रौढ़ मनोरमा हेतु डा0 रमाकान्त पाण्डेय, ह्दय रोग समीक्षण हेतु श्री शत्रुघन त्रिपाठी, आचार्यप्रतिमानम् हेतु डा0 शोभा मिश्रा, बृहस्पति संहिता हेतु श्री गिरिजाशंकर शास्त्री, भारत भूषणम् हेतु श्री राजकुमार मिश्र तथा प्राकृत सूक्तिकोश हेतु डा0 राका जैन को दिया गया। प्रत्येक विद्वान को 11-11 हजार रुपये पुरस्कार स्वरूप प्रदान किये गए।
वर्ष 2009 का साहित्य पुरस्कार मीमांसादर्शन के लिए डा0 माधव जनार्दन रटाटे तथा संकायपत्तिका श्रमण विद्याा भाग-5 के लिए प्रो0 रमेश कुमार द्विवेदी को दिया गया। वर्ष 2010 का साहित्य पुरस्कार ऋग्वेदानुशीलन के लिए डा0 शालिनी शुक्ला, भारतीय संस्कृति विमर्श के लिय डा0 शिव शंकर मिश्र, तार्किक रक्षा के लिए डा0 विजय श्रीवास्तव, सुरभारती सपर्या कुसुमाज्जलि के लिए डा0 सुरचना त्रिवेदी, अष्टांगहृदयम के लिए प्रो0 शिवदत्त त्रिपाठी को दिया गया। वर्ष 2011 का यह पुरस्कार सुहासिका के लिए डा0 शिव स्वरूप तिवारी, आधुनिक संस्कृत साहित्य के नये भाव बोध के लिए डा0 मंजु लता शर्मा केा दिया गया। वर्ष 2012 का यह पुरस्कार संस्कृत एवं प्राच्यविद्या के प्रमुख संदर्भ एवं सूचना स्तोत्र के लिए श्री दिनेश कुमार तिवारी, सत्योपारव्यानम् के लिए डा0 शैल्जा पाण्डेय, सकलरस सार संग्रह के लिए श्री जर्नादन प्रसाद पाण्डेय, कालिदास साहित्य पाठ, भेद, समीक्षा और निष्कर्ष के लिए डा0 सदाशिव कुमार द्विवेदी तथा तारा अरूनधती के लिए प्रो0 बनमाली विस्वाल को दिया गया। वर्ष 2013 का यह पुरस्कार ऋग्वेदीये औषधियां के लिए सुश्री शालिनी शुक्ला, रसराज मंजूषा के  लिए श्री राजेन्द्र त्रिपाठी, कृष्णकर्णामृतम् के लिए श्री बांकेलाल मिश्र, यज्ञ तत्व विमर्श के लिए डा0 मिताली देव तथा वाक्यवाद पुस्तक के लिए प्रो0 बनमाली विस्वाल को दिया गया।
वर्ष 2011 का शास्त्र पुरस्कार ज्योतिषभाव सुधाकर पुस्तक के लिए प्रो0 जय प्रकाश नारायण द्विवेदी तथा वर्ष 2012 का शास्त्र पुरस्कार समाससमी क्षणम् के लिए डा0 सुधाकर मिश्र को प्रदान दिया गया।
वर्ष 2010 का श्रमण पुरस्कार बौद्व न्याय परम्परा हेतु प्रो0 विजय कुमार जैन तथा वर्ष 2011 का श्रमण पुरस्कार शिक्षा समुच्चय कारिका हेतु डा0 श्रीमती राका जैन को दिया गया।
वर्ष 2011 का बाल साहित्य पुरस्कार कथाकष्टकम् पुस्तक के लिए डा0 केशव राम जैन तथा समवेद छन्दानुवाद के लिए डा0 अजय अनुपम को दिया गया।
इस अवसर पर पिछड़ा वर्ग कल्याण, विकलांग कल्याण मंत्री श्री अम्बिका चैधरी, संस्कृत संस्थानम के निदेशक, श्री वृजेश चन्द्र सहित बड़ी संख्या संस्कृत के विद्वान तथा संस्कृत प्रेमी उपस्थित थे।

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