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डिजीटल इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत ई-गवर्नेंस के अनेक कार्यक्रम लांच

देश-विदेश

नई दिल्ली: वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज डिजीटल इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत एमपीईडीए के अनेक ई-गवर्नेंस कार्यक्रमों को लांच किया। एमपीईडीए द्वारा विकसित दो कार्यक्रम हैं- मिस काल के माध्यम से झींगा मूल्य सूचना प्राप्त करना तथा एमकृषि- जल कृषि संचालन के लिए एक मोबाइल ऐप। दोनों मोबाइल फोन के लिए विकसित किए गए हैं ताकि देश में जल कृषि के काम में लगे लोगों को डिजीटल रूप में सहायक सेवाएं दी जा सकें। दो नए वेबसाइट(पोर्टल)- निर्यातकों के लिए आन लाइन एमपीईडीए पंजीकरण पोर्टल तथा एमपीईडीए पोर्टल – www.mpeda.gov.in. के माध्यम से निर्यातकों तथा अन्य हितधारकों को एकल खिड़की समाधान प्रस्तुत करने के लिए दो अतिरिक्त ई-गवर्नेंस कार्यक्रम भी लांच किए गए।

एसएमएस सेवा तथा मोबाइल ऐप से मछलीपत्तनम, आंध्र प्रदेश के किसानों को जोड़ते हुए श्रीमती सीतारमण ने आनलाइन कांफ्रेंस किया । उन्होंने वलसाड़, गुजरात के किसानों से भी झींगा कृषि के बारे में बातचीत की। किसानों ने ई-गवर्नेंस कार्यक्रम लांच किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि इन ई-गवर्नेंस कार्यक्रमों से उन्हें सूचना शीघ्र उपलब्ध होगी।

ई-गवर्नेंसल कार्यक्रों का विवरण इस प्रकार हैः-

(1) मिस काल के जरिए एसएमएस से झींगा मूल्य सूचना

भारत अपने समुद्री राज्यों में मुख्य रूप से एल वन्नामेई(एलवी) तथा ब्लैक टाइगर(बीटी) झींगा उत्पाद तैयार करता है। 2014-15 में 3.53 लाख टन वन्नामेई झींगा तथा 71,400 एमटी ब्लैक टाइगर झींगा तैयार हुआ। एमपीईडीए की ओर से पूर्व निर्धारित नंबर से मिस काल देने से एल वन्नामेई(एलवी) तथा ब्लैक टाइगर(बीटी) झींगा के बाजार मूल्य से जुड़ी जानकारी दी जाएगी। मिस काल प्राप्त होने के बाद जापान , अमेरिका तथा यूरोपीय यूनियन के बाजारों में एल वन्नामेई(एलवी) तथा ब्लैक टाइगर(बीटी) झींगा का भाव एसएमएस से बताया जाएगा।

किसान एल वन्नामेई(एलवी) झींगे के लिए +918590100800 तथा ब्लैक टाइगर(बीटी) के लिए +918590200800 पर डायल कर सकते हैं। मूल्य (भारतीय रुपया में सांकेतिक सीएण्डएफ मूल्य) इंफोफिश(एफएओ का अंतर सरकारी संगठन) प्रकाशित डाटा से प्राप्त किए जाते हैं।

किसानों को मूल्य सूचना मिलने से उन्हें बाजार की दिशा की जानकारी मिल जाएगी और वह सूचना आधारित निर्णय ले सकेंगे। किसानों को यह सूचना निःशुल्क दी जाती है। पूरे देश के किसान सूचना प्राप्त कर सकते हैं। एमपीईएडी को आशा है कि झींगे के मूल्य के बारे में सूचना मिलने से किसान बेहतर मूल्य पाने में सशक्त होंगे।

(2) एमकृषि- जल कृषि संचालन के लिए मोबाइल ऐप

यह पायलट परियोजना है और गुजरात में चलाई जा रही है। तीन महीनों में यह परियोजना पूरे देश में प्रारंभ हो जाएगी। झींगे की खेती जटिल होती है। इस जटिलता को दूर करने के लिए विशाल डाटा एकत्र किया जाएगा , उनका विश्लेषण होगा और गतिशील आधार पर निर्णय लिए जाएंगे। फिलहाल किसान सभी तरह के रिकार्ड कागज पर रखते हैं । यह कागजी सूचना जल कृषि की वृद्धि एवं इसकी दिशा की सटीक जानकारी नहीं दे सकती।

यह ऐप बुक कीपिंग , परामर्श सेवाओं तथा मौसम की जानकारी के लिए सहज टूल प्रदान करेगा। यह ऐनड्रायड मोबाइल ऐप्लीकेशन है जिसे एमपीईडीए तथा टीसीएस इनोवेशन लैब, मुबई ने कारपोरेट दायित्व के अंतर्गत विकसित किया है।

इसके लिए किसानों को डाटा /जीपीआरएस कनेक्शन( 2जी, 3जी, या वाईफाई) के साथ ऐनड्रायड मोबाइल (2013 के बाद का माडल) रखना होगा। किसानों को अपनी खेती के बारे में बुनियादी सूचनाएं देनी होंगी। इसके बाद किसान सभी तरह की गतिविधियों के लिए विशेषज्ञों का निर्देश पाने लगेंगे और उनका संचालन खर्च कम होगा और लाभ बढ़ेगा। रिपोर्ट ग्राफिक रूप में देखी जा सकती है। कंप्यूटर में बाजार की दिशा या रिपोर्ट देखने का विकल्प भी है ।

यह मोबाइल ऐप खेती के तौर-तरीकों में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगा। यह ऐप पूरे देश की जल कृषि संबंधी जानकारियां देगा और किसानों की समस्याएं सुलझाने में शीघ्रता लाएगा।

(3) निर्यातकों के लिए आनलाइन एमपीईडीए पंजीकरण पोर्टल

एमपीईडीए अधिनियम, 1972 के अंतर्गत निर्यातकों का एमपीईडीए से पंजीकृत होना आवश्यक है। अभी पंजीकरण हाथ से किया जाता है। निर्यातकों को निश्चित दस्तावेजों के साथ निर्धारित फार्मेट में आवेदन करना पड़ता है।

एनआईसी द्वारा विकसित नई प्रणाली में अपने लागइन आईडी के साथ निर्यातक आनलाइन आवेदन कर सकेंगे। वह पेमेंट गेटवे का उपयोग करते हुए शुल्क भी आनलाइन जमा करा सकते हैं। आवेदन आवश्यक दस्तावेजों का स्कैन कर अपलोड करेंगे जिसकी जांच पंजीकरण अधिकारी करेंगे। उचित प्रक्रिया के बाद पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।

हितधारक, मुख्य रूप से निर्यातक प्रक्रियाओं में कमी से लाभ प्राप्त करेंगे,समय में विलंब नहीं होगा , पारदर्शिता होगी , और स्टेटस अद्यतन होगा। नई प्रणाली का उद्देश्य व्यवसाय में सहजता लाना और निर्यातकों को भारत से अधिक समुद्री खाद्य पदार्थों को निर्यात करने योग्य बनाना है।

(4) एमपीईडीए पोर्टल- www.mpeda.gov.in

समुद्री उत्पाद क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं की व्यापक सूचना को सार्वजनिक करने के लिए एमपीईडीए ने अपने वेब साइट को पोर्टल के रूप में नवीकरण किया है और वर्तमान यूआरएल www.mpeda.com को नया नाम www.mpeda.gov.in दिया है।

वेबसाइट में एमपीईडीए , निर्यात , पकड़ी गई मछली का उत्पादन , मछली पालन, आभूषण की तरह लगने वाली मछली, निर्यातकों के लिए सेवाएं, किसानों , मछुआरों पर स्थिर और गतिशील पृष्ठ हैं ।

इस नए वेबसाइट पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध होने से भारत के समुद्री उत्पादों की बिक्री में वृद्धि होगी। यह मछली तथा मछली उत्पादों , निर्यात और बाजार से जुड़े सभी महत्वपूर्ण साइट को लिंक प्रदान करेगा।

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