39 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

यूजेवीएनएल लिमिटेड द्वारा आयोजित कार्यक्रम का दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत

उत्तराखंड
देहरादून: सोमवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कुल 5.864 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्रों का शिलान्यास किया। यूजेवीएनएल द्वारा स्थापित किए जा रहे इन सौर ऊर्जा संयंत्रों में 12 करोड़ रूपए लागत से 1.466 मेगावाट का संयंत्र ढ़करानी में जबकि 37 करोड़ रूपए लागत से 4.398 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र खोदरी में स्थापित किया जाएगा।

सोमवार को ढ़करानी कोटी कालोनी में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री रावत ने इन सौर ऊर्जा संयंत्रों का भूमि पूजन व शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि यह एक बड़ा मौका है जब हम वैकल्पिक ऊर्जा में सौर ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़े हैं। यूजेवीएनएल इस शुरूआत को और आगे बढ़ाए। यूजेवीएनएल अपनी नहरों के किनारे बड़े स्तर पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर सकता है। हमारा प्रयास है कि एक वर्ष में 50 से 60 मेगावाट की सौर ऊर्जा का उत्पादन प्रारम्भ कर सकें। आज हमारी जलविद्युत परियोजनाएं रूकी हुई हैं। जबकि वास्तविकता ये है कि जलविद्युत भी ग्रीन एनर्जी ही होती है। यदि पुनर्वास की समस्या को अच्छी तरह से हल किया जाए तो बड़े बांधों से भी पर्यावरण को नुकसान नहीं होता है। देश के विकास में भाखड़ा नांगल, नर्मदा सागर बांधों की भूमिका जगजाहिर है। वर्ष 2013 की आपदा में टिहरी बांध ने नुकसान की विभिषिका को थामा था। मुख्यमंत्री श्री रावत ने विश्वास व्यक्त किया कि केंद्र सरकार उत्तराखण्ड का पक्ष लेगी। उत्तराखण्ड के लिए वहीं नीति होनी चाहिए जो कि जम्मू कश्मीर व उत्तरपूर्वी राज्यों के लिए है। यदि केंद्र सरकार उत्तराखण्ड को कोल ब्लाॅक या गैस आवंटित करे तो हम थर्मल पावर निर्माण के लिए भी तैयार हैं। हमने प्रदेश में व्यासी, लखवाड़ व किसाऊ की शुरूआत की है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने विकासनगर का क्षेत्र कृषि, हाॅर्टीकल्चर, फ्लोरीकल्चर, पशुपालन आदि क्षेत्रों में उत्तराखण्ड के लिए मार्गदर्शन कर सकता है। हमें अपनी खेती, शिक्षा व हस्तशिल्प को संभालना होगा। विकास एकांगी नहीं हो सकता है। हमें खर्च के साथ ही अपनी आमदनी के स्त्रोत भी तलाशने होंगे। हमें अपनी कौमी एकता के गुलदस्ते को भी बनाकर रखना है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने क्षेत्र से संबंधित कुछ घोषणाएं भी कीं। उन्होंने क्षेत्रीय विधायक नवप्रभात के अनुरोध पर कहा कि पछुवादून के बाॅटलनेक प्रेमनगर में फ्लाईओवर या किसी अन्य तरीके से रास्ता निकाला जाएगा।
क्षेत्रीय विधायक नवप्रभात ने कहा कि जलविद्युत के माध्यम से देश में अपना स्थान बनाने वाले विकासनगर क्षेत्र आज एक नए युग में प्रवेश कर रहा है। सौर ऊर्जा संयंत्र क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर होगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में बन रही परियोजनाओं में स्थानीय युवाओं को रोजगार की व्यवस्था होनी चाहिए। सोलर प्लांट में नौजवानों को ट्रेनिंग दी जा सकती है।
प्रमुख सचिव डा.उमाकांत पंवार ने कहा कि हमारी 24 बड़ी जलविद्युत परियोजनाएं रूकी हुई हैं जिन्हें कि सभी तरह की क्लीयरेंस मिली हुई थीं। इसीलिए सौर ऊर्जा को महत्व दिया जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश की 46 मेगावाट की उत्पादन क्षमता है। यूजेवीएनएल के प्रबंध निदेशक एसएन वर्मा ने बताया कि उत्तराखण्ड की सौर ऊर्जा नीति-2013 टाईप-1 के अंतर्गत ढ़करानी व खोदरी के इन ऊर्जा संयंत्रों से उत्पादित समस्त विद्युत उत्तराखण्ड पावर कारपारेशन लिमिटेड द्वारा केवल राज्य के लिए उपयोग की जाएगी। दोनों परियोजनाओं से प्रति वर्ष लगभग 11 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन सम्भावित है। इन संयंत्रों को 31 मार्च 2016 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More