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परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक करते हुएः मुख्यमंत्री श्री रावत

उत्तराखंड
देहरादून : उत्तराखण्ड परिवहन निगम के बेड़े में लगभग 200 नई बसें शामिल होंगी। प्रत्येक जिले में डीएम की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा काउंसिलों का गठन किया जाएगा। बुधवार को बीजापुर हाउस में परिवहन विभाग की बैठक में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने वाहन दुर्घटनाओं को कम करने, उत्तराखण्ड परिवहन निगम की आर्थिक स्थिति को सुधारने के संबंध में अधिकारियों के साथ विस्तार से विचार विमर्श किया।

मुख्यमंत्री श्री रावत ने पर्वतीय मार्गों पर परिवहन निगम के अनुबंध पर स्थानीय युवाओं के मेक्सी वाहनों(छोटे वाहन) को चलाए जाने की कार्ययोेजना बनाने के निर्देश दिए। परिवहन विभाग वाहनों के फिटनेस चेकिंग के सिस्टम में सुधार लाए और नियमित तौर पर वाहनों की फिटनेस जांच सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने राज्य में विशेष तौर पर पर्वतीय क्षेत्रों में वाहन दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड परिवहन निगम कुछ रूट चिन्हित कर दे जहां स्थानीय युवाओं के वाहनों को अनुबंध पर चलाए जाने की अनुमति दी जाए। इससे जहां युवाओं को आय का जरिया मिलेगा वहीं लोगों को इन मार्गेां पर बेहतर सेवाएं मिलेंगी। साथ ही आने-जाने के लिए पर्याप्त संख्या में वाहन भी उपलब्ध हो सकेंगे। मुख्यमंत्री श्री रावत ने इसके लिए स्पष्ट कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। जिन मार्गों पर एक निश्चित संख्या से अधिक वाहन चलते हैं, उनकी यूनियन बनाई जाए। इससे वाहन स्वामियों की आपसी प्रतिस्पर्धा में कमी आएगी। सवारियां बैठाने की होड़ में तेज गति में वाहन चलाने से होने वाली दुर्घटनाएं भी कम होंगी। परिवहन विभाग खास तौर पर पुराने वाहनों की नियमित फिटनेस चेकिंग सुनिश्चित करे। जहां पर वाहन की खराब फिटनेस के कारण दुर्घटना की बात सामने आती है, वहां के संबंधित अधिकारी पर सख्त कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि वाहन दुर्घटनाओं पर रोक के लिए लोगों की भागीदारी भी सुनिश्चित करनी होगी। इसके लिए जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में रोड़ सेफ्टी काउंसिल बनाई जाए। इसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, मोटर यूनियनों के प्रतिनिधियों सहित अन्य लोगों को लिया जा सकता है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि पिछले कुछ समय में उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने अपना घाटा काफी कम किया है। अब एट-पार(शून्य घाटा) के लक्ष्य को हासिल किया जाना है। नई बसों की खरीद सुनिश्चित की जाए। इसमें राज्य सरकार ब्याज सब्सिडी दे रही है। बसों की खरीद के साथ ही कम्पनियों से लीज पर बसें लिए जाने की सम्भावना भी देख ली जाए। इससे परिवहन निगम व राज्य सरकार पर व्यय भार कम आएगा। बसों में विज्ञापन भी निगम के आय का प्रमुख स्त्रोत हो सकता है। बगैर टिकिट वालों की धरपकड़ के लिए अभियान को और तेज किया जाए। इसमें राजस्व विभाग के अधिकारियेां का भी सहयोग लिया जाए। सामान लाने ले जाने की विधिवत व्यवस्था की जाए। सामान भेजे जाने की भी आॅनलाईन बुकिंग सिस्टम बनाया जाए। इस अभियान पर परिवहन निगम के वरिष्ठ अधिकारियों का सुपरवीजन सुनिश्चित किया जाए। रोड़वेज के वर्कशाॅपों की स्थिति को सुधारने की कार्ययोजना तैयार की जाए। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा वर्कशाॅपों की क्रास चेकिंग की जाए। हर डिपो से सुधार के लिए सुझाव भी लिए जाएं। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि परिवहन निगम में आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखे जाने वाले ड्राईवरों को समुचित वेतन सुनिश्चित किया जाए ताकि बेहतर क्वालिटी ड्राईवर मिल सकें। बस-चालकों के लिए बेहतर रेस्ट रूम की सुविधा हो। बस स्टेशनों पर पेयजल व शौचालय की स्तरीय सुविधाएं विकसित की जाएं। बताया गया कि ऋषिकेश, कोटद्वार व मंगलौर में हाई-टेक शौचालय बनाए जा रहे हैं।

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