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दुनियाभर के पर्यटक बाघ देखने के लिए भारत जरूर आयें: पर्यावरण मंत्री

देश-विदेश

नई दिल्लीः पर्यावरण राज्‍य मंत्री श्री अनिल माधव दवे ने विश्‍व भर के पर्यटकों को बाघ देखने के लिए भारत आने का आमंत्रित किया। अंतर्राष्‍ट्रीय टाइगर डे पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए श्री दवे ने छात्रों से बाघों के संरक्षण के लिए अपील की। श्री दवे ने कहा कि विभिन्‍न स्‍कूलों से यहां छात्र इसलिए एकत्रित हुए हैं क्‍योंकि यह सभी अपने आप में टाइगर हैं। उन्‍होंने कहा कि भारत के लोग बाघों से प्‍यार करते हैं और बाघों के संरक्षण के कारण भारत में 2,226 बाघ हैं जो कि विश्‍व भर में बाघों की आबादी का 70 प्रतिशत है। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि देशभर में 17 राज्‍यों और 49 अभ्‍यारणों में बाघ पाये जाते हैं। उन्‍होंने कहा कि एक स्‍वस्‍थ बाघ स्‍वस्‍थ पर्यावरण का प्रतीक है। श्री दवे ने जोर देकर कहा कि भारत सेंट पीटसबर्ग के लक्ष्‍य जिसे टी X 2 के रूप में जाना जाता है, को प्राप्‍त करने की दिशा में महत्‍वपूर्ण योगदान दे रहा है। श्री दवे ने विश्‍वास व्यक्‍त किया कि बाघों के संरक्षण और देखभाल के चलते भारत में बाघों की संख्‍या वर्ष 2022 तक दोगुनी हो जाएगी। श्री दवे ने वहां मौजूद छात्रों को बाघ संरक्षण के लिए शपथ दिलाई और बाद में ‘वॉक फॉर टाइगर’ को झण्‍डी दिखाकर रवाना किया।

प्रोजेक्‍ट टाइगर के तहत किये जा रहे बाघ संरक्षण के प्रयासो के कारण विश्‍व की 13 टाइगर रेंज देशों में भारत और इसके आस-पास क्षेत्रों में बाघों की अधिकतम संख्‍या है। टाइगर रेंज देशों में वन्‍य बाघों की स्थिति विलुप्‍त प्राय बनी हुई है। हालां‍कि कुछ टीआरसी देशों जैसे भारत, नेपाल, भूटान और रूस में कुछ स्थिति में सुधार हुआ है लेकिन वैश्‍विक परिद्श्‍य गंभीर चिंता का विषय हैं। कुछ टीआरसी देशों में स्‍थानीय स्‍तर पर बाघ विलुप्‍त हो चुके है। टाइगर रेंज देशों के राष्‍टाध्यक्षों जिनमें भारत भी शामिल है, वर्ष 2022 तक अपने क्षेत्रों में वन्‍य बाघों की संख्‍या दोगुनी करने का संकल्‍प किया है और बाघ संरक्षण पर सेंट पीटर्सबर्ग संकल्‍प को अपनाया है। 29 जुलाई को रूस में सेंट पीटर्सबर्ग में विश्‍व टाइगर डे मनाने का फैसला किया गया था।

अतिरिक्‍त महानिदेशक वन श्री बी एस बोनल ने बच्‍चों को भविष्‍य का अभिरक्षक बताया और कहा कि इस अवसर पर उनकी मौजूदगी बाघों के लिए उनके प्रेम को दर्शाती है। इस अवसर पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में सचिव श्री अजय नारायण झा और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और राष्‍ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के अधिकारी के साथ-साथ दिल्‍ली और इसके आस-पास के क्षेत्रों से सैकड़ों स्‍कूली छात्र मौजूद थे।

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