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डॉ. हर्ष वर्धन ने डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड के 149वें सत्र की बैठक को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा, “अब कदम उठाने का समय आ गया है”

देश-विदेशसेहत

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से निर्माण भवन से डब्ल्यूएचओ कार्यकारी बोर्ड के 149वें सत्र को संबोधित किया। डॉ. हर्ष वर्धन का डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में आज कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा हो गया है।

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डॉ. हर्ष वर्धन ने श्रोताओं को उन बहादुर, प्रतिष्ठित और सम्मानित पुरुषों व महिलाओं की याद दिलाई, जिन्होंने दुनिया भर में कोविड योद्धाओं के रूप में मानवता की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया।

उनका भाषण इस प्रकार है :

ये पल मेरे लिए मिश्रित भावनाओं वाले हैं। एक तरफ, मैं इस प्रतिष्ठित संस्थान की सेवा के लिए खुश हूं और सम्मानित महसूस करता हूं। दूसरी तरफ, मेरा हृदय काफी भारी है क्योंकि मैं ऐसे समय में पद से हट रहा हूं जब काफी काम करना बाकी है और दुनिया महामारी के संकट व आर्थिक उथलपुथल से जूझ रही है।

मई, 2020 में, मुझे कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी। कार्यकारी बोर्ड के 147वें और 148वें सत्रों के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन की सर्वोच्च प्रशासनिक इकाई के साथ ही कोविड-19 प्रतिक्रिया पर हुए उसके विशेष सत्र की अगुआई करना मेरे लिए सम्मान की बात है।

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हाल में 31 मई, 2021 को हुई 74वीं वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में बोर्ड का प्रतिनिधित्व करना सम्मान की बात थी और जिससे मुझे यकीकन कोविड-19 प्रतिक्रिया को मजबूत बनाने और तीन बिलियन लक्ष्यों व सतत् विकास लक्ष्यों की दिशा में तेज प्रगति में मदद मिलेगी।

मैं महामारी के दौरान सभी सदस्य देशों को अपने निरंतर समर्थन, समानता के मूल्य और यह सत्य कि सभी के सुरक्षित नहीं होने तक कोई सुरक्षित नहीं है, के प्रति प्रतिबद्धता के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की सराहना करता हूं।

कोविड-19 परीक्षणों, उपचारों और वैक्सीनों के विकास, उत्पादन और समान पहुंच को बढ़ावा देने के लिए कोविड-19 टूल्स एसेलेरेटर सबसे तेज, सबसे ज्यादा समन्वित, और इतिहास की सबसे सफल वैश्विक भागीदारी है। कोवैक्स फैसिलिटी ने कोविड-19 वैक्सीनों तक समान पहुंच सुरक्षित करने के लिए बेहद जरूरी तंत्र उपलब्ध कराया है- जो किसी को भी पीछे नहीं छोड़ने के हमारे सिद्धांत का वास्तविक रूप है।

मैं इस बात से उत्साहित हूं कि वर्ल्ड हेल्थ असेंबली ने कोविड-19 दवाइयों और वैक्सीनों तक समान वैश्विक पहुंच के लिए निरंतर समर्थन दिया है। वैश्विक एकजुटता और सहयोग महामारी प्रतिक्रिया के सभी क्षेत्रों के मूल में हैं और इसे मजबूत बनाए रखना चाहिए।

अब सक्रिय होने का समय है। यह ऐसा समय है, जब हम सभी समझते हैं कि अगले दो दशकों में कई आकस्मिक स्वास्थ्य चुनौतियां आने जा रही हैं, क्योंकि ये साझा चुनौतियां हैं इसलिए काम करने के लिए साझा जिम्मेदारियां लेनी पड़ती है। वास्तव में, डब्ल्यूएचओ का यही मुख्य दर्शन भी है। मैं इस बार और फिर से कह रहा हूं कि अब राष्ट्रों के साझा आदर्शवाद का विस्तार  वक्त की जरूरत है।

ऐसे खतरनाक वैश्विक संकट में, वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य में फिर से दिलचस्पी जगाने और निवेश शुरू करने के लिए वैश्विक भागीदारी को मजबूत बनाने के लिए जोखिम प्रबंधन और इसमें कमी लाने की जरूरत है।

मानव जाति को सदियों से परेशान कर रहीं बीमारियों के मामले में ऊंची प्रतिबद्धता कायम करना सबसे अहम कार्यों में से एक है। हमें भागीदारियों और अपने संसाधनों को इकट्टा करके एक दूसरे के पूरक बनकर मुश्किल हालात पर जीत हासिल करने की जरूरत है।

भले ही सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में डब्ल्यूएचओ पहले से पूरी दुनिया की अगुआई कर रहा है, लेकिन संभावनाएं हमेशा बनी रहती हैं और साथ ही हमें बदलाव को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। हमें उन क्षेत्रों में साझेदारी करने के लिए ज्यादा आक्रामक होने की जरूरत है, जहां संयुक्त कदम उठाने, शोध का एजेंडा तय करने और मूल्यवान जानकारी के प्रसार को बढ़ावा देना आवश्यक है।

मौजूदा महामारी जैसे मुश्किल दौर में, उद्योग के बौद्धिक संपदा अधिकारों पर अड़े रहने की कोई संभावना नहीं है। कभी कभार, हम देखते हैं कि भागीदारीपूर्ण शोध के लिए इच्छा कम है। सभी को स्वास्थ्य के हमारे लक्ष्य को हासिल करने के लिए किफायती होना एक अहम फैक्टर है। विश्व व्यापार संगठन जैसे अन्य संगठनों के साथ डब्ल्यूएचओ को मुश्किल दौर में ऐसी प्रमुख दवाओं तक किफायती पहुंच सुनिश्चित करने के तरीके खोजने चाहिए।

हम इस सिद्धांत में विश्वास करते हैं कि स्वास्थ्य के उच्चतम प्राप्त होने योग्य मानक का लाभ लेना नस्ल, धर्म, राजनीतिक सोच, आर्थिक या सामाजिक स्थिति के आधार पर बिना किसी भेदभाव के हर मानव का मौलिक अधिकार है। महामारी के मौजूदा संदर्भ में, हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती वैक्सीनों का समान वितरण है।

मैं मानता हूं कि इस मुश्किल दौर में उम्मीद जगाने के लिए डब्ल्यूएचओ के तौर पर हमें शक्तिहीन और बेजुबानों की रक्षा के उद्देश्य से आगे आना चाहिए। यह खुलकर सहयोग करने और इस मौलिक सत्य पर मुहर लगाने कि दुनिया एक है, के लिए एक अवसर, एक पल है।

मैं वसुधैव कुटुंबकम- यानी दुनिया एक परिवार है, के भारतीय दर्शन के प्रति आकर्षित हूं। इसीलिए, हमें हमारी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिबद्धताओं के दक्ष, प्रभावी और उत्तरदायी निर्वहन के लिए सदस्य देशों; संगठन और वैश्विक सामुदायिक भागीदारों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।

यही मूलभूत विश्वास है, जो हमारा दिशानिर्देशक सिद्धांत होगा। हमारे लिए, स्वास्थ्य के लिए, वैक्सीन धनी लोगों के साथ-साथ गरीब लोगों को भी मिलनी चाहिए।

आप में से कई लोगों ने टिप्पणी की है कि कार्यकारी बोर्ड के चेयरमैन के रूप में मेरा कार्यकाल बहुत जल्दी खत्म हो गया है। और, हां ऐसा ही हुआ, यह मेरे लिए बेहद लाभप्रद अनुभव रहा है। यह मेरे लिए बहुत उत्साहित करने वाला अनुभव रहा है और मैं इस मशाल को आगे सौंपने जा रहा हूं।

मैं सम्मानित महसूस करता हूं कि आप सभी ने मुझ पर भरोसा किया और मैं मानव जाति के लिए इतिहास के सबसे उथल-पुथल भरे वर्षों में से एक वर्ष के दौरान कार्यकारी बोर्ड का चेयरमैन रहा। फिर भी, इस साल हमारे वैज्ञानिकों ने कड़ी मेहनत की। उन्होंने रिकॉर्ड गति से हमें जीवन रक्षक कोविड वैक्सीन उपलब्ध कराई।

मेरे मित्रों, यह विज्ञान का भी साल रहा है। यह विज्ञान, प्रमाण और डाटा के क्षेत्र में लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों के लिहाज से एक प्रमुख वर्ष रहा है।

यह सब कुछ इतना अचानक हुआ और उस समय हममें किसी को भी इसका अंदाजा नहीं था,  नाटकीय रूप से हम मुश्किलों से घिर गए। लेकिन, जो हमने किया वह बेजोड़ था।

दुनिया भर के स्वास्थ्य कार्यकर्ता अस्पतालों में लंबे समय तक काम कर रहे हैं, अपने बेसमेंट या होटलों में सो रहे हैं, जिससे उनके परिजन संक्रमित न हो जाएं। वैज्ञानिक नई वैक्सीन और उपचार विकसित करने के लिए लगातार व ज्यादा काम कर रहे हैं; आपका मीडिया चैनलों से आ रही अंतहीन झूठी कहानियों से सामना हो रहा है और चिकित्सक चिकित्सा पद्धतियों को फिर से खंगाल रहे हैं जिससे मरीजों की स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा किया जा सके। इन सबके बीच, लाखों स्वास्थ्य और फ्रंटलाइन कर्मचारी अपनी जान गंवा चुके हैं।

लेकिन, मुझे उम्मीदें हैं। हालांकि, यह आशा हम पर निर्भर है।

यह हम यानी डब्ल्यूएचओ – एक संगठन जो दुनिया को रोशनी दिखाता है- पर निर्भर है। उसे दिखाना है कि कैसे ज्यादा समझ विकसित की जाती है, कैसे हमारे सदस्यों की आवाज बनकर इस मुश्किल व उथलपुथल भरे दौर में भरोसा पैदा किया जा सकता है और इस खतरनाक दौर में आगे बढ़ने के लिए कैसे नेतृत्व किया जा सकता है।

मैं, इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए सभी को बधाई देना चाहूंगा। इस सबसे मुश्किल दौर में आपका लचीलापन और समाज की सेवा का दृढ़ संकल्प बना रहेगा। मैं आपके कठिन परिश्रम और हमारे फैसलों को लागू करने के लिए आपके द्वारा किए गए बलिदानों के लिए आपको धन्यवाद कहना चाहता हूं।

मैं एक बार फिर से डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में मुझ पर विश्वास करने और भरोसा जताने के लिए आपको धन्यवाद कहता हूं। मैं सभी उपाध्यक्षों, महानिदेशक डॉ. टेड्रोज, सभी क्षेत्रीय निदेशकों, विशेष रूप से दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र की निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह को कार्यकारी बोर्ड के सत्रों के सफल आयोजन के लिए समर्थन की ईमानदारी से प्रशंसा करता हूं। मैं निवर्तमान सदस्यों के साथ ही सभी बोर्ड सदस्यों को भी उनके समर्थन और मार्गदर्शन व उपलब्धियां हासिल करने में सक्षम बनाने के लिए धन्यवाद कहना चाहता हूं।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने निर्णायक नेतृत्व के लिए डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड के निवर्तमान अध्यक्ष डॉ. हर्ष वर्धन को बधाई दी। डॉ. टेड्रोज ने कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में प्रबंधन के लिए डॉ. हर्ष वर्धन के लिए अपनी टिप्पणियां कीं और एक गावेल भी प्रस्तुत किया। उन्होंने अध्यक्ष के रूप अधिकारिक योगदान के अलावा डॉ. हर्ष वर्धन की व्यक्तिगत भागीदारी की प्रशंसा की। उन्होंने डब्ल्यूएचओ की तरफ से केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को विशेष महानिदेशक का पुरस्कार मिलने पर भी बधाई दी। तम्बाकू नियंत्रण की दिशा में उनके योगदान की प्रशंसा करते हुए डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने कहा कि डॉ. हर्ष वर्धन राष्ट्रीय तम्बाकू छोड़ो अभियान की शुरुआत करते हुए नुकसान से बचाने और ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लागू करने जैसे कदम उठाकर तम्बाकू नियंत्रण के सच्चे हिमायती के रूप में सामने आए हैं। साथ ही वह तम्बाकू नियंत्रण की दिशा में वैश्विक प्रयासों को आगे बढ़ाने में भी सहायक रहे हैं।

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केन्या के डॉ. पैट्रिक अमोठ को डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड का नया अध्यक्ष चुना गया है। डब्ल्यूएचओ कार्यकारी बोर्ड के प्रतिष्ठित सदस्यों के अलावा डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोज अढानोम घेब्रेयेसुस, सदस्य देशों के प्रतिनिधि, डब्ल्यूएचओ के सभी क्षेत्रीय निदेशक इस अवसर पर उपस्थित रहे।

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