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देश समग्र विकास के पथ पर अग्रसर है: मुख्‍तार अब्‍बास नकवी

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय अल्‍पसंख्‍यक मामलों के मंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने कहा है कि राजनीतिक असहिष्‍णुता से घिरे होने के बावजूद प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी देश को समग्र विकास के पथ पर आगे ले जाने में सफल हुए हैं।

राजस्‍थान में अलवर जिले के किशनगढ़ बास में  खोरा पीपली गांव में अल्‍पसंख्‍यक मंत्रालय के सहयोग से बनाए जा रहे विश्‍वस्‍तरीय शिक्षण संस्‍थान की आधारशिला रखने के अवसर पर श्री नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी समग्र विकास के लिए बिना किसी भेदभाव के पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहे हैं। उन्‍होंने वि‍कास कार्यों  के प्रति सरकार की दृढ़ इच्‍छाशक्ति पर वोट बैंक की राजनीति को हावी नहीं होने दिया है। श्री नकवी ने इस अवसर पर कई विकास योजनाओं का भी उद्घाटन किया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भ्रष्‍टाचार के दीमक को खत्‍म करना और विफलताओं के दाग को धोना एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन श्री मोदी इसका डटकर मुकाबला किया है और समाज के सभी वर्गों के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी करने में सफल रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्‍व में केंद्र सरकार ने अल्‍पसंख्‍यक सहित सभी जरूरतमंद और गरीब बच्‍चों के लिए सस्‍ती, सुलभ और गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए युद्ध स्‍तर पर काम किया है। इस दिशा में प्रधानमंत्री द्वारा किए गए कार्य जमीनी स्‍तर पर साफ दिखाई दे रहे है।

श्री नकवी ने कहा कि अलवर जिले में बनाया जा रहा पहला विश्‍वस्‍तरीय शिक्षण संस्‍थान 2020 से काम करना शुरू कर देगा। उन्‍होंने बताया कि इस संस्‍थान के लिए राजस्‍थान सरकार ने किशनगढ़ बास तहसील के  खोरा पीपली गांव में 15 एकड़ जमीन दी है। इस संस्‍थान में कौशल विकास केंद्र, प्राथमिक और उच्‍च शिक्षा की सुविधा, आयुर्वेद और यूनानी विज्ञान तथा खेल गतिविधियों के लिए भी समुचित प्रबंध होंगे। मंत्रालय ने संस्‍थान में 40 प्रतिशत सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित करने का प्रस्‍ताव किया है।

संस्‍थान के क्रियाकलाप तय करने के लिए मंत्रालय के अधिकारियों और मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन के सदस्‍यों की एक तीन सदस्‍यीय समिति बनाई गई है। यह समिति जल्‍दी ही संस्‍थान के बारे में विस्‍तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करेगी। यह संस्‍थान सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल पर तैयार किया जाएगा।

श्री नकवी ने कहा कि सरकार की तुष्‍टीकरण के बिना सशक्तिकरण की नीति के फलस्‍वरूप पिछले चार वर्षों में अल्‍पसंख्‍यक वर्ग के गरीब और कमजोर तबकों के करीब 3 करोड़ छात्रों को विभिन्‍न त‍रह की छात्रवृत्तियां मिली हैं जिससे वे लाभान्वित हुए हैं। इन लाभार्थियों में 1 करोड 63 लाख लड़कियां हैं। उन्‍होंने कहा कि बीच में ही स्‍कूल छोड़ देने वाली मुस्लिम लड़कियों की संख्‍या पहले के 70 फीसदी से घटकर अब करीब 35 से 40 प्रतिशत रह गई है। ऐसा केन्‍द्र सरकार की ओर से चलाए गए जागरुकता अभियान और शिक्षा के क्षेत्र में सशक्तिकरण के प्रयासों से संभव हुआ है। पारदर्शी और रूकावटों से मुक्‍त छात्रवृत्ति कार्यक्रम ने इसमें अहम भूमिका निभाई है। इस साल से राष्‍ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल मोबाइल एप (एनएसपी मोबाइल एप) शुरू किया गया है, जो गरीब और कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति प्राप्‍त करना आसान बनाएगा।

श्री नकवी ने कहा कि उनके मंत्रालय ने शिक्षा, रोजगार और सशक्तिकरण के साथ काम किया है। पिछले एक साल में ‘’टीचर, टिफिन और टॉयलेट’’ के माध्‍यम से मदरसों सहित अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के हजारों शिक्षण संस्‍थाओं को देश की शिक्षा प्रणाली की मुख्‍यधारा से जोड़ा गया है। सीखो और कमाओ, उस्‍ताद, गरीब नावज कौशल विकास योजना और नई मंजिल जैसे रोजगारोन्‍मुखी कौशल विकास आधारित कार्यक्रमों के जरिए 5 लाख 43 हजार से ज्‍यादा युवाओं को रोजगार उपलब्‍ध कराए गए हैं। पिछले एक साल में 1 लाख 18 हजार कारीगरों को हुनर हॉट के जरिए घरेलू और अंतर्राष्‍ट्रीय बाजारों में रोजगार के अवसर उपलब्‍ध कराए गए हैं।

श्री नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्‍व में अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के विकास से जुड़े कार्यक्रमों का विस्‍तार देश के 308 जिलों तक हो चुका है, जो कि पहले सिर्फ 100 जिलों तक सीमित था। उन्‍होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब देश में अल्‍पसंख्‍यक समुदाय की बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिए 308 जिलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्‍ध कराने के लिए युद्ध स्‍तर पर अभियान चलाया गया है।

उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत सरकार विशेषकर अल्‍पसंख्‍यक समुदाय की बालिकाओं के लिए स्‍कूल, कॉलेज, पॉलीटेक्निक और आईटीआई और कौशल विकास केंद्र उपलब्‍ध करा रही है।

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