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मातृभाषा के संरक्षण और संवर्धन का संकल्प लें: उपराष्ट्रपति

देश-विदेश

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने लोगों से अपनी मातृभाषा के संरक्षण और संवर्धन का संकल्प लेने का आह्वान किया है। उन्‍होंने मातृभाषा के संरक्षण के अभियान को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल देते हुए राज्य सरकारों से प्राथमिक विद्यालय स्तर तक मातृभाषा को अनिवार्य बनाने का आग्रह किया। देशी भाषाओं के संरक्षण के प्र‍ति अपनी गहरी रुचि व्यक्त करते हुए, उपराष्ट्रपति ने छात्रों को घर पर अपनी मातृभाषा में बोलने की सलाह दी।

श्री नायडू ने आज चेन्नई में केसरी स्कूलों के प्लेटिनम जुबली समारोह को संबोधित करते हुए  शैक्षिक संस्थानों को बच्चों में नवाचार और वैज्ञानिक सोच की भावना पैदा करने की सलाह दी। उन्होंने केसरी स्कूल के एक नए परिसर की आधारशिला भी रखी।

छात्रों को जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए, उपराष्ट्रपति ने स्कूलों को छात्रों को महान स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियां पढ़ाने और उनमें भारतीय मूल्यों को विकसित करने के लिए अनुकूल माहौल बनाने तथा पाठ्यक्रमों में सुधार लाने को कहा।

श्री नायडू ने 21 वीं सदी की दुनिया और राष्ट्र की आर्थिक प्रगति की ज्ञान पर निर्भरता का हवाला देते हुए इस बात पर जोर दिया कि स्‍कूली स्‍तर से ही प्रौद्योगिकी के बदलते पहलुओं की जानकारी छात्रों को दी जानी चाहिए ताकि वे बदलते परिदृश्य के अनुकूल खुद को ढाल सकें। उन्‍होंने कहा कि सिर्फ साक्षर होना ही शिक्षा का उद्देश्य नहीं होना चाहिए। वास्तविक शिक्षा वह है जो व्यक्ति को सत्य, ज्ञान की तलाश करने और तार्किक सोच विकसित करने के साथ दूसरों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील बनाए।

इस बात की ओर इशारा करते हुए कि शिक्षा को गरीबों, दलितों और समाज के हाशिए पर रहने वाले लोगों के जीवन को बदलने में मदद करनी चाहिए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा गरीबी, लैंगिक असमानता, बेरोजगारी,जातिगत भेदभाव और आर्थिक विषमताओं जैसी चुनौतियों का सामना करने का सबसे सक्षम हथियार है।

यह मानते हुए कि महिलाएं जो कि आबादी का पचास फीसदी हिस्‍सा हैं को समान अवसर मिलने चाहिए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि बालिकाओं और महिलाओं को शिक्षित करना देश की प्रगति के लिए जरूरी है। उन्होंने लोगों से बालिकाओं की शिक्षा के अभियान को जनआंदोलन का रूप देने का आह्वान भी किया।   कार्यक्रम मेंतमिलनाडु के राज्यपाल, श्री बनवारीलाल पुरोहित, कांची के शंकराचार्य, जगद्गुरु विजयेंद्र सरस्वती, केमिस्ट्स ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ के अध्यक्ष,  श्री के नरसा रेड्डी, केसरी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक, श्री एन गोपालैया, स्वर्गीय डॉ के राधाकृष्णन के पौत्र डॉ के.एन. केसरी  और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

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