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विकासशील नहीं विकसित देश का टैग लगाना है: दीपक जैन

देश-विदेश

नई दिल्ली: 5 ट्रिलियन डॉलर्स इकॉनमी में उद्यमियों के लिए अवसरों पर फेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्री ने राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया। सेमिनार का आयोजन केजी मार्ग स्थित महाराष्ट्र सदन में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत एफआईआई के डायरेक्टर जनरल दीपक जैन ने अपनी वेल्कमिंग स्पीच से की जिसमे उन्होंने सेमिनार का उद्देश्य बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने जो 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर्स की इकॉनमी को पूरा करने का लक्ष्य रखा है उसमे एमएसएमई और एग्रीकल्चर प्रमुख भूमिका निभाएंगे। जिसमे एग्रीकल्चर के क्षेत्र में 10 लाख करोड़ का अतिरिक्त व्यवसाय होना बेहद जरुरी है। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सामाजिक समर्थन भी बेहद जरुरी है। 5 ट्रिलियन डॉलर्स इकॉनमी को हासिल करने में आने वाली कुछ प्रमुख चुनौतियों के बारे भी विस्तार से चर्चा की, उन्होना बताया कि स्किल्ड मैनपावर सबसे बड़ी चुनौती, वहीँ वैल्यू एडिशन सिस्टम भी जरुरी, उद्यमियों को वैश्विक स्तर के बारे में सोचना जरुरी, व्यापार के हिसाब से सरकार के कयिदों को बदलने की जरुरत व दूरदर्शी नेतृत्व की जरुरत है। सेमिनार में मौजूद मुख्य अतिथि केन्द्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया ने कहा कि वर्तमान बजट में कई ऐसे प्रावधान किये गए हैं जिससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि एमएसएमई हमारी रीढ़ की हड्डी है, देश को आगे बढाने के लिए इसे मजबूत करना बेहद जरुरी है। सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बख्शी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से रोजगार निर्माण को सबसे बड़ी चुनौती बताया क्योंकि 5 ट्रिलियन डॉलर्स इकॉनमी में स्किल्ड लोग और रोजगार निर्माण ही सबसे फायदेमंद साबित होगा। इस मौके पर जीडी बख्शी की पुस्तक “सरस्वती सिविलाइज़ेशन” का लोकार्पण भी किया गया। पुस्तक के बारे में बताते हुए जीडी बख्शी ने कहा कि लोग कहते हैं की सरस्वती एक कल्पना है बस पर मैं आपको बता दूं कि सन 1970 में जब नासा का सबसे पहला सॅटॅलाइट गया था उसने फोटो भेजी थी जिसमे हिमालय से सरस्वती की सीधे समुद्र तक की तस्वीर थी। उन्होंने कहा कि सरस्वती हमारी प्राथमिक सभ्यता है और सरकार को इसके बारे में संज्ञान लेना चाहिये और इसे टूरिज्म के अंदाज से आगे बढ़ाना चाहिये। इस राष्ट्रीय सेमिनार में 4 सेशन का आयोजन किया गया था जिसमे अपने-अपने क्षेत्र के विशेषज्ञों ने चर्चाएं की और इकॉनमी को बढ़ाने में उद्यमी कैसे मदद कर सकते हैं उन पर अपने विचार साझा किये।

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