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दो दिवसों में 50 लाख बच्चों का हुआ सफल एम0आर0 टीकाकरण: महानिदेशक परिवार कल्याण

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: प्रदेश में मीजिल्स (खसरा) रूबेला टीकाकरण अभियान के अन्तर्गत विगत दो दिवसों में लगभग 50 लाख बच्चों को एम0आर0 वैक्सीन से आच्छादित किया जा चुका है। इस अभियान का शुभारम्भ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा दिनांक 26 नवम्बर, 2018 को किया गया था।

यह जानकारी देते हुए महानिदेशक परिवार कल्याण विभाग डा0 नीना गुप्ता ने अवगत कराया है कि भारत वर्ष के 21 राज्यों में यह अभियान सफलतापूर्वक सम्पादित किया जा चुका है एवं 09 राज्यों में वर्तमान में अभियान संचालित किया जा रहा है। अब तक 13 करोड़ से अधिक बच्चों को एम0आर0 का टीका लगाया जा चुका है। एम0आर0 टीकाकरण के पश्चात् कुछ बच्चों में मामूली दर्द, इन्जेक्शन के स्थान पर लालिमा, चुभन, रैश, हल्का बुखार इत्यादि हो सकता है। विरलतम परिस्थितियों में गंभीर एलर्जिक रियेक्शन भी दस लाख टीकाकृत बच्चों में किसी एक बच्चे को होने की संभावना रहती है। इसकी देखभाल के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी हेल्थ वर्कर्स, पर्यवेक्षक एवं मेडिकल आफिसर्स इत्यादि को सघन रूप से प्रशिक्षित किया गया है। साथ ही प्रत्येक टीकाकरण सत्र पर एनाफैलेक्सिस किट (प्राथमिक एलर्जिक उपचार किट) का प्राविधान किया गया है तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर ए0ई0एफ0आई0 (टीकाकरण पश्चात् प्रतिकूल प्रभाव) सेन्टर स्थापित किये गये हैं। टीकाकरण पश्चात् बच्चों को अलग कक्ष में आधे घण्टे तक आब्जरवेशन हेतु रोका जाता है। इस संबंध में सभी जनपदों को निर्देश दिये गये हैं कि किसी प्रकार के टीकाकरण के पश्चात् होने वाली प्रतिकूल घटनाओं के संबंध मंे क्षेत्रों में टीमें भेजकर उचित एवं त्वरित प्रबन्धन किया जाये।

उन्होंने बताया कि उक्त अभियान के प्रथम दो सप्ताह में स्कूलों में टीकाकृत किये जाने वाले बच्चों को एक अलग से टीकाकरण कक्ष स्थापित करते हुये ही टीकाकृत किये जाने की व्यवस्था है, जिससे एक बच्चे को देखकर दूसरे बच्चों में घबराहट न हो।

ज्ञातव्य है कि इस अभियान में 09 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को एम0आर0 वैक्सीन की एक अतिरिक्त खुराक इन्जेक्शन के द्वारा दी जानी है। यह अभियान प्रथम चरण (लगभग दो सप्ताह) में प्रदेश के सभी स्कूलों में चलाया जायेगा। इसके उपरान्त द्वितीय चरण (लगभग दो सप्ताह) में यह अभियान समुदाय में चलाया जायेगा। अन्त में तृतीय चरण (लगभग एक सप्ताह) में यह अभियान छूटे हुये बच्चों हेतु चलाया जायेगा। इस अभियान में विभिन्न विभागों का सहयोग लिया जा रहा है।

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